फिल्म की कहानी
अपनी डेब्यू फिल्म अनाउंस करने के लिए अपूर्व ने सोशल मीडिया पोस्ट लिखा. इसमें उन्होंने बताया कि एक ऐसे जीनियस आदमी की कहानी होगी, जिसे लोग भूलने लगे हैं. इस चक्कर में धीरे-धीरे उस आदमी का मानसिक संतुलन बिगड़ने लगता है. लेकिन उससे भी ज़्यादा ये फिल्म ये समझाने की कोशिश करती है कि क्या भरोसे और दयाभाव की मदद से खुद को ठीक किया जा सकता है. और ये भी बताया जाएगा कि किस तरह से इंडिया में मेंटल हेल्थ को लेकर हौव्वा अब भी बरकरार है. मतलब ये फिल्म साइकॉलोजी से खेलने वाली है.

फिल्म 'अलीगढ़' के एक सीन में मनोज बाजपेयी. इस फिल्म के लिए मनोज बाजपेयी बेस्ट एक्टर नेशनल अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट हुए थे. बाद में वो अवॉर्ड फिल्म 'रुस्तम' के लिए अक्षय कुमार को मिल गया.
इसे बनाने वाले अपूर्व असरानी कौन हैं?
अपूर्व ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म एडिटिंग से की थी. उनकी पहली फिल्म थी 1998 में आई रामगोपाल वर्मा की 'सत्या'. इसके बाद उन्होंने 'स्निफ'(इसके फिल्म की एडिटिंग के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड मिला था) , 'छल', '8X10 तस्वीर', 'वेटिंग', 'धर्म संकट में' जैसी फिल्में एडिट कर चुके हैं. इसके अलावा उन्होंने हंसल मेहता की फिल्म 'शाहिद' का स्क्रीनप्ले और उनकी अगली फिल्म 'सिटीलाइट्स' की स्क्रिप्ट उनके साथ मिलकर लिखी थी. उन्होंने हंसल की ही मनोज बाजपेयी और राजकुमार राव स्टारर फिल्म 'अलीगढ़' से बतौर फिल्म राइटर अपना डेब्यू किया. कंगना की फिल्म 'सिमरन' भी उन्होंने लिखी थी, उस फिल्म की राइटिंग का क्रेडिट कंगना अपूर्व के साथ शेयर करती हैं. इस चीज़ को लेकर काफी विवाद भी हुआ था. अगर डायरेक्शन की बात की जाए, तो अपूर्व ने 2003 में आई रितेश देशमुख की फिल्म 'आउट ऑफ कंट्रोल' को रामजीत जुनेजा के साथ को-डायरेक्ट किया था. 2005 में अपूर्व एक म्यूज़िक वीडियो भी डायरेक्ट कर चुके हैं. कुमार सानू की आवाज़ में 'तेरा मेरा प्यार' नाम का एक गाना था, जिसके वीडियो में निमरत कौर नज़र आई थीं. ये निमरत के करियर के सबसे शुरुआती रोल्स में से था. इसे बहुत पसंद किया गया था. 'तेरा मेरा प्यार' का वीडियो आप नीचे देख सकते हैं:
अपूर्व ने मनोज बाजपेयी को 20 साल पहले कैसे साइन कर लिया था?
अपूर्व ने मिरर की रिपोर्ट में बताया है कि उन्होंने मनोज बाजपेयी को 1998 में ही अपनी फिल्म के लिए साइन कर लिया था. इसके पीछे एक किस्सा है. जब मनोज बाजपेयी 'सत्या' में काम कर रहे थे, तभी उन्होंने अपूर्व का काम देखा था. और इसे देखने के बाद उन्होंने अपूर्व को डायरेक्शन में जाने की सलाह दी थी. अपूर्व बताते हैं कि मनोज वो पहले आदमी थे, जिन्होंने उन्हें डायरेक्टर बनने के बारे में कहा था. अपूर्व ने तभी एक टिशू उठाया और मनोज को ये लिखकर दे दिया कि उनकी बतौर डायरेक्टर पहली फिल्म में वही काम करेंगे. साथ में एक रुपए की साइनिंग अमाउंट भी दे दी थी.

अपूर्व असरानी और मनोज बाजपेयी इससे पहले दो फिल्मों 'सत्या' और 'अलीगढ़' में साथ काम कर चुके हैं.
मनोज बाजपेयी ने अपने किरदारों का राज़ खोला
मनोज बाजपेयी ने बताया कि जब प्रकाश झा की 'राजनीति' के पहले उनका करियर ढलान पर जा रहा था. इस टाइम में मनोज को एहसास हुआ कि उन्हें अलग तरह के किरदार निभाने चाहिए. नए लोगों के साथ काम करना चाहिए. लेकिन जब किसी ने उन्हें कोई नया आइडिया नही दिया, तब मनोज ने खुद ही किरदार और कहानी सोचना शुरू कर दिया. ये फिल्म मनोज बाजपेयी के आइडिया पर अपूर्व असरानी ने लिखी है. मनोज बाजपेयी बताते हैं कि आगे कम से कम तीन फिल्में और ऐसी आ रही हैं, जो उनके आइडिया पर बन रही हैं. इस फिल्म से पहले मनोज 2018 में तबू के साथ आई उनकी फिल्म 'मिसिंग' भी प्रोड्यूस कर चुके हैं.
फिलहाल ये फिल्म अनाउंसमेंट वाले स्टेज में ही है. मनोज के अलावा स्टारकास्ट वगैरह कुछ फाइनल नहीं हुई है. बताया जा रहा है 2019 के आखिर में ये फिल्म प्रोडक्शन वाले फेज़ में पहुंचेगी. समस्या है कि मेंटल हेल्थ पर ही बात करने वाली एक और फिल्म आ रही है. कंगना रनौत-राजकुमार राव स्टारर 'मेंटल है क्या'. हालांकि इन दोनों ही फिल्मों की रिलीज़ में लंबा गैप रहेगा. 'मेंटल है क्या' 26 जुलाई को रिलीज़ हो रही है.
वीडियो देखें: 'भोंसले' फिल्म की शूटिंग में 70 हजार लोग मनोज बाजपेयी को नहीं पहचान सके