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रणबीर कपूर की 'एनिमल' देखने की 3 वजहें

Animal को लेकर पोलराइज़्ड रिव्यूज़ आ रहे हैं. जिन्हें अच्छी लग रही है, उन्हें बहुत अच्छी लग रही है. जिन्हें बुरी लग रही है, उनका तो पूछिए ही मत. जानिए क्यों फिल्म को देख सकते हैं.

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'एनिमल' के एक सीन में रणबीर कपूर.

Ranbir Kapoor की Animal सिनेमाघरों में लग चुकी है. काफी पोलराइज़्ड रिव्यूज़ आ रहे हैं. जिन्हें अच्छी लग रही है, उन्हें बहुत अच्छी लग रही है. जिन्हें बुरी लग रही है, उनका तो पूछिए ही मत. ख़ैर, हम उस वाली बिरादरी से हैं, जिन्हें फिल्म न बहुत अच्छी लगी, न बुरी. ऐसे में हम आपको वो बातें बताते हैं, जिनके लिए इस फिल्म को देखा जा सकता है.

1) धुआंधार एक्शन

'एनिमल' इस साल की सबसे खूंखार फिल्म है. इसमें सबसे बड़ी भूमिका फिल्म के एक्शन सीक्वेंसेज़ की है. हालांकि कई मौकों पर आपको ऐसा लगता है कि ये बेमतलब का एक्शन है. या हिंसा करने के लिए वाजिब वजहें नहीं है. मगर ये स्टोरीलाइन का पार्ट हो गया. हम सिर्फ एक्शन पर फोकस करते हैं. फिल्म में दो सीक्वेंस बहुत एक्साइटिंग बन पड़े हैं. पहला है फिल्म का प्री-इंटरवल सीन. ये 18 मिनट लंबा सीन है. इसमें पहले रणबीर का किरदार कुल्हाड़ी से लड़ाई करता है. मगर जब एंटी-पार्टी की संख्या बढ़ने लगती है, तब वो अपनी कस्टमाइज़्ड वॉर मशीन गन निकालता है. इस बंदूक से एक समय पर सैकड़ों गोलियां बरसाई जा सकती हैं. ये जाबड़ सीन है. फिल्म के प्री-टीज़र में हमें इसका एक हिस्सा दिखाया जाता है.

दूसरा सीक्वेंस फिल्म के आखिर में आता है. जब दो 'एनिमल्स' नंग-धड़ंग होकर लड़ रहे हैं. ये रणबीर कपूर और बॉबी देओल के ऊपर फिल्माया गया हैंड टु हैंड कॉम्बैट सीक्वेंस है. इसमें कोई हथियार इस्तेमाल नहीं किया गया है, जो इसे खास बनाता है. इस सीक्वेंस के बारे में ज़्यादा नहीं बताया जा सकता, वरना आपके लिए पिक्चर स्पॉयल हो जाएगी.  

2) रणबीर कपूर की परफॉरमेंस

'एनिमल' में रणबीर कपूर ने रणविजय बलबीर सिंह नाम का किरदार निभाया है. वो लड़का अपने पिता से वैलिडेशन पाना चाहता है. क्योंकि व्यस्तता की वजह से पूरा बचपन उसके पिता उससे दूर रहे. ये चीज़ उस पर नेगेटिव इम्पैक्ट डालती है. अब वो पिता के लिए कुछ भी कर गुज़रने को तैयार रहता है. उन्हीं के नाम पर वो अपनी सारी हिंसा को जस्टिफाई कर ले जाता है. मगर जिन सीन्स में विजय एक्शन नहीं कर रहा होता, उन सीन्स में रणबीर कपूर का काम टॉप क्लास है. शायद उनके करियर के सबसे अच्छे कामों में से एक. रणबीर की ह्रदय भेदी आंखें आपको उसका दुख समझने पर मजबूर कर देती हैं. वो एक मजबूत वजह है, जिसके लिए ये फिल्म देखी जानी चाहिए.  

3) संदीप रेड्डी वांगा का मैडनेस वाला मेथड

संदीप रेड्डी वांगा ने 'एनिमल' को डायरेक्ट किया है. वांगा की सबसे खास बात ये है कि वो जो कहना चाहते हैं, वो कहते हैं. समाज और आइडियलिज़्म की परवाह किए बिना. वो क्रिटिक्स से बिगाड़ के डर से दर्शकों से 'अपने' ईमान की बात कहने में नहीं कतराते. आपको उस ईमानदारी के लिए उन्हें अंक देने होंगे. क्योंकि इंडिया में अभी के समय में शायद ही कोई फिल्ममेकर है, जो इतने रॉ और ऑथेंटिक तरीके से अपनी बातों को रखता है. मगर आप उनकी फिल्में देखते हुए ये भी फील करते हैं कि वो अपनी पिछली गलतियों से सीख नहीं रहे हैं. क्योंकि उनकी फिल्मों के महिला किरदारों को जिस तरह से ट्रीट किया जाता है, वो बहुत परेशान करने वाला है.

'एनिमल' को देखने की एक और वजह हैं, वो एक्टर्स जिन्हें ज़्यादा स्क्रीनटाइम नहीं मिला. मगर उन्होंने सीमित समय में अपनी परफॉरमेंस से दर्शकों का दिल जीत लिया. वो एक्टर्स हैं उपेंद्र लिमये (मुळशी पैटर्न), सलोनी बत्रा (सोनी), तृप्ति डिमरी (लैला मजनू) और सौरभ सचदेवा (सेक्रेड गेम्स).