कोरोना वायरस की सांकेतिक तस्वीर; 'चुंबक' फिल्म के प्रमोशन पर अक्षय कुमार के साथ स्वानंद किरकिरे
कोरोना की वजह से डर और अशांति का माहौल है. बहुत से कलाकार सोशल मीडिया पर लोगों को घर रहने की हिदायत दे रहे हैं. तो कुछ कलाकार लॉकडाउन को कम बोरिंग बनाने का काम कर रहे हैं. कल स्वानंद किरकिरे भी ऑनलाइन लाइव आए. 'इंडियन एक्सप्रेस' के फेसबुक पेज से. फैंस के लिए गाने गाए और बातचीत की. उनके बहुत से सवालों के जवाब दिए. किसी ने पूछा कि क्या इस ग्लोबल हेल्थ क्राइसिस में कुछ अच्छा देखा जा सकता है. तो उन्होंने आशावादी सोच के साथ कहा -
"मुझे इसमें पॉज़िटिव दिख रहा है, क्योंकि मुझे लगता है कि अगर हम एक-दूसरे से सामाजिक दूरी बनाए रखेंगे, तो हम इसे सही टाइम पर कंट्रोल कर पाएंगे. उसके बाद हम एक नई दुनिया देखेंगे, जिसमें हम मिज़ाइल नहीं बना रहे होंगे. बल्कि वायरस और टीकों पर रिसर्च कर रहे होंगे. विज्ञान पर ज़्यादा पैसा खर्च कर रहे होंगे."
उनसे पूछा गया कि उनके लिए इस सोशल डिस्टैन्सिंग का सबसे बढ़िया परिणाम क्या रहा है. तो उनका कहना था -
"यह कि मैं अपने मां-बाप के साथ समय बिता रहा हूं. और मैं अपनी खिड़की से पंछियों को देख पा रहा हूं. चहचहाते हुए सुन रहा हूँ. जो मैंने बहुत लंबे समय से नहीं देखा था. मैंने तो इस पर एक कविता भी लिख दी. जिसका शीर्षक है - ये पंछियों की साजिश है."
उनकी इस छोटी सी खूबसूरत कविता को यहां इंस्टाग्राम पर पढ़ा जा सकता है -
उन्होंने इस बात पर अफ़सोस जताया कि लोग लॉकडाउन को सही से फॉलो नहीं कर रहे हैं. बोले कि हमारे देश में लोगों में एक अजीब आदत और विश्वास है कि उनको कुछ नहीं होगा. उन्होंने सभी लोगों को सोशल डिस्टैन्सिंग बनाए रखने के लिए कहा. ताकि वायरस को फैलने से रोका जा सके. स्वानंद किरकिरे हिंदी और मराठी फिल्मों में गीतकार, सिंगर, एक्टर, और राइटर हैं. सबसे पहले उन्होंने 'हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी' फिल्म के लिए गाने लिखे और गाए थे. 'बावरा मन देखने चला एक सपना'. पहली फिल्म से ही उन्होंने बहुत से हार्डकोर फैन पा लिए थे. उसके बाद 'परिणीता', 'लगे रहो मुन्ना भाई', 'खोया खोया चांद', 'थ्री इडियट्स', 'बर्फी', 'मसान' और 'विकी डोनर' जैसी फिल्मों में अपनी कलम और आवाज़ का जादू बिखेरते रहे हैं. बीच में एक्टिंग पर भी हाथ आज़माते रहे हैं. इस वीडियो का आनंद लीजिए, जहां वे घर पर बैठे हुए 'बर्फी' फिल्म का गाना गा रहे हैं -
2018 में उन्हें मराठी फिल्म 'चुंबक' के लिए 'बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर' का नेशनल
अवॉर्ड मिला. इससे पहले 'बेस्ट लिरिक्स' के लिए दो नेशनल
अवॉर्ड हासिल कर चुके हैं - 'लगे रहो मुन्ना भाई' के गाने 'बंदे में था दम, वंदे मातरम' के लिए (2006), और 'थ्री इडियट्स' के गाने 'बहती हवा सा था वो' के लिए (2009). 'मसान' फिल्म में उनका गाया हुआ गाना 'तू किसी रेल सी गुज़रती है' भी म्यूज़िक लवर्स के बीच बहुत पॉपुलर हुआ था.
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