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'बैटल ऑफ गलवान' विवाद के बीच सलमान का बयान वायरल, "जो लोग युद्ध का आदेश देते हैं, उन्हें बॉर्डर पर..."

सलमान खान की 'ट्यूबलाइट' को चाइना से काफी सपोर्ट मिला था. मगर 'बैटल ऑफ गलवान' का टीज़र आते ही चीन भड़क गया.

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'बैटल ऑफ गलवान' 17 अप्रैल, 2026 को सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी.

Salman Khan की अगली फिल्म Battle of Galwan साल 2020 के Galwan Valley Clash पर आधारित है. हाल ही में चीनी मीडिया ने फिल्म को झूठा करार देते हुए इस पर फैक्ट्स से छेड़छाड़ करने के आरोप लगाए. मगर ये सलमान की पहली मूवी नहीं, जो Indo-China War पर केंद्रित हो. इससे पहले Kabir Khan के डायरेक्शन में बनी Tubelight की कहानी भी 1962 के भारत-चीन युद्ध के इर्द-गिर्द बुनी गई थी. तब सलमान ने युद्ध के लिए सरकार और प्रशासन को ज़िम्मेदार ठहराया था.

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2017 में सलमान 'ट्यूबलाइट' का प्रमोशन कर रहे थे. इस दौरान IANS के साथ हुई बातचीत में उन्होंने कहा,

"अगर आप किसी से पूछें कि युद्ध अच्छा है या बुरा, तो कोई भी ये नहीं कहेगा कि युद्ध अच्छा होता है. हर लड़ाई बातचीत से सुलझानी चाहिए. युद्ध एक नेगेटिव इमोशन है. कोई भी इसका समर्थन नहीं करता है. फिर भी ये होता है और किसी को नहीं पता कि क्यों.”

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उन्होंने आगे कहा,

"मुझे लगता है कि जो लोग युद्ध का आदेश देते हैं, उन्हें ही युद्ध के मोर्चों पर भेजा जाना चाहिए. हाथ में बंदूक देकर उन्हें पहले लड़ने को कहना चाहिए. तब युद्ध एक ही दिन में रुक जाएगा. उनके हाथ-पैर कांपने लगेंगे और वो तुरंत बातचीत करने के लिए तैयार हो जाएंगे. हमने (ट्यूबलाइट में) बस यही दिखाने की कोशिश की है कि युद्ध जल्दी खत्म होना चाहिए. वो इसलिए ताकि हमारे सैनिक घर लौट सकें और उनके सैनिक अपने घर चले जाएं. जब युद्ध होता है, तो दोनों तरफ़ के सैनिक मारे जाते हैं और कई परिवार अपने बेटों और पिताओं को खो देते हैं.”

बता दें कि 'ट्यूबलाइट' को चीन में काफ़ी बड़ी रिलीज़ मिली थी. तब इसे चीनी मीडिया ने भी काफ़ी सपोर्ट भी किया था. फिल्म के लिए बड़े इवेंट्स रखे गए. खूब माहौल बनाया गया. मगर 2020 के गलवान वैली संघर्ष के बाद से माहौल काफ़ी बदल चुका है. ऐसे में 'बैटल ऑफ गलवान' का अपने कॉन्टेन्ट की वजह से चीन में रिलीज़ होना लगभग नामुमकिन-सा है. खासकर तब, जब चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने खुद भी इस पर फैक्ट्स से छेड़छाड़ के आरोप लगाए हैं.  

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वैसे, अखबार ने ये भी दावा किया है कि गलवान वैली, चीनी बॉर्डर के अंदर है. उनका कहना है कि भारतीय सैनिक LAC (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) पार करके चीन में घुसे थे. इसलिए उस झड़प के लिए वो खुद ही ज़िम्मेदार हैं. हालांकि उनके इस दावे को भारत के सरकारी सूत्रों ने खारिज़ कर दिया है. सूत्र के मुताबिक, भारत में लोगों को अपनी बात रखने की आज़ादी है. इसलिए अगर किसी को 'बैटल ऑफ गलवान' से कोई आपत्ति या सवाल है, तो वो भारत के रक्षा मंत्रालय से संपर्क कर सकते हैं.

वीडियो: रिलीज़ से पहले ही 350 करोड़ कमाने वाली सलमान की ‘बैटल ऑफ गलवान’ ने रचा इतिहास!

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