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रणवीर जिन ब्रांड्स को प्रमोट करते हैं, वो 'रॉकी रानी...' की 50 हज़ार टिकटें फ्री में बांटने वाले हैं

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कॉर्पोरेट बुकिंग का नया खेला चालू हो गया है. जो दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है. इससे फिल्म की कमाई तो बढ़ी दिखेगी, मगर वो ऑर्गैनिक कलेक्शन नहीं माना जाएगा.

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'रॉकी रानी की प्रेम कहानी' के एक सीन में रणवीर-आलिया.

अगले हफ्ते Ranveer Singh और Alia Bhatt की फिल्म Rocky Aur Rani Kii Prem Kahaani रिलीज़ हो रही है. पैंडेमिक के बाद हालात काफी बदल गए हैं. इसलिए फिल्ममेकर्स अपनी फिल्मों को बेचने के लिए कॉर्पोरेट बुकिंग्स का सहारा ले रहे हैं. पिछले कुछ समय से इस प्रथा में इजाफा हुआ है. पहले Adipurush ने किया. उसके बाद अब 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' के मेकर्स ने भी फिल्म को माइलेज देने के लिए यही रास्ता चुना है. खबर आ रही है कि अलग-अलग ब्रांड्स मिलकर Karan Johar की इस फिल्म के 50 हज़ार टिकट खरीदकर बांटेंगे. इससे फिल्म की शुरुआती कमाई तो बढ़ जाएगी. मगर उसे ऑर्गेनिक कलेक्शन नहीं माना जाएगा.

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बॉलीवुड हंगामा में छपी रिपोर्ट के मुताबिक रणवीर सिंह जिन ब्रांड्स को एंडॉर्स करते हैं, वो उनकी फिल्म की टिकटें खरीदेंगी. जैसे रणवीर सिंह कजारिया टाइल्स और पेप्सी के ब्रांड एम्बैसेडर हैं. ये दो कंपनियां 'रॉकी रानी...' के लिए मल्टीप्लेक्स चेन्स PVR, Inox और सिनेपोलिस के साथ पार्टनरशिप कर रही हैं. ये टिकट वीकेंड पर ग्राहकों को मुफ्त में बांटे जाएंगे. बताया जा रहा है कि इन कंपनियों ने ये फैसला इसलिए लिया है क्योंकि लंबे समय के बाद कोई ऐसी फिल्म आ रही है, जिसे पूरे परिवार के साथ बैठकर देखा जा सकता है. इसके अलावा एक बायोटेक कंपनी है, जिसकी करण जौहर के साथ काफी करीबियत है. वो भी अपनी दोस्ती का जश्न मनाने के लिए 'रॉकी और रानी...' के टिकट बांटेगी.  

इन कंपनियां के अलावा धर्मा प्रोडक्शन और रणवीर सिंह मिलकर भी देशभर के कई कॉलेजों से करार कर रहे हैं. ये सारी डीलिंग फिल्म के पहले दिन के लिए है. मेकर्स चाहते हैं कि वो पहले दिन कॉलेज स्टूडेंट्स को फिल्म दिखा दें, ताकि वर्ड ऑफ माउथ तेज़ी से फैले. और लोग उनकी पिक्चर देखने सिनेमाघरों में आएं. मेकर्स चाहते हैं कि फ्राइडे, सैटरडे फिल्म की कमाई चाहे जो रहे, रविवार को कलेक्शन बड़ा होना चाहिए.  

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मसला ये है कि अगर आप लोगों को फ्री में फिल्म दिखाएंगे, या अपने क्लाइंट्स से ही टिकट खरीदवा लेंगे, तो इसमें फिल्म का क्या रोल रहा. ये फिल्म की जेन्यूइन कमाई तो नहीं मानी जाएगी. क्योंकि ये सब प्रोड्यूसर ने खुद ही प्लान किया है. जो टिकट कॉर्पोरेट्स खरीदेंगे, उन्हें आप फिल्म के कलेक्शन में दिखाएंगे. जिसे देखकर ऐसा लगेगा कि फिल्म ने बड़ी ओपनिंग ली है. इसका मतलब ये हुआ कि आपको अपनी फिल्म पर खुद ही भरोसा नहीं है. और जब भरोसा नहीं है, आप पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं, तो फिल्म बनाई क्यों. 

ऐसा ही कुछ बीते दिनों मैडॉक फिल्म्स ने किया था. उन्होंने विकी कौशल और सारा अली खान की फिल्म 'ज़रा हटके ज़रा बचके' के एक टिकट के साथ एक टिकट फ्री दिया था. अब सिनेमाघर तो किसी को मुफ्त में फिल्म दिखाएंगे नहीं. इसका मतलब ये हुआ कि जो टिकट फ्री में बंटे, उसके पैसे प्रोडक्शन कंपनी ने भरे. यानी प्रोडक्शन हाउस ने खुद ही फिल्म बनाई और खुद ही उसके टिकट खरीद लिए. क्या मतलब है इस बात का? ये सब थोड़े समय के लिए या इक्का-दुक्का फिल्मों के लिए ठीक है. मगर ये चीज़ अलग चलन में आ गई, तो नुकसान फिल्म इंडस्ट्री का है. वो अपने पैसे से फिल्म बनाकर, अपने ही पैसे से टिकट खरीद लेंगे, तो उन्हें फायदा कैसे होगा.

'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' 28 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज़ हो रही है. फिल्म की अडवांस बकिंग 25 जुलाई से खुलने वाली है. 

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