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पंकज त्रिपाठी ने किस इंडियन एग्ज़ाम को UPSC से भी टफ बताया

1 से 21 फरवरी तक देश के 15 शहरों में Bharat Rang Mahotsav देखा जा सकता है. दी लल्लनटॉप से बातचीत में Pankaj Tripathi ने इस इंडियन एग्ज़ाम को UPSC से भी टफ बताया. Paresh Rawal ने कहा कि हर राज्य में एक राष्ट्र नाट्य संस्थान होना चाहिए.

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भारंगम-2024 में दी लल्लनटॉप ने पंकज त्रिपाठी से बात की. परेश रावल ने कहा - "जैसे सस्ते अनाज की दुकान होती है, वैसे सस्ते भाड़े के थियेटर भी हों."

दुनिया का सबसे बड़ा थियेटर फेस्टिवल इंडिया में शुरू हो गया है - Bharat Rang Mahotsav. 1 से 21 फरवरी तक देश के कई शहरों में चलने वाला ये इवेंट एक्टिंग के मुरीदों के लिए एक ट्रीट है. Actor Pankaj Tripathi और Paresh Rawal ने इसे मौके पर क्या कहा, ये भी जानें.

नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के बेहद लोकप्रिय नाट्य महोत्सव - 25वें Bharat Rang Mahotsav (भारंगम) का आगाज हो गया है. 1 फरवरी को मुंबई के NCPA में 'ताज महल का टेंडर' प्ले दिखाया गया. 120 मिनट के इस प्ले ने समां बांध दिया. 'भारत रंग महोत्सव' में महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, NSD के चेयरपर्सन परेश रावल, फेस्टिवल के रंगदूत पंकज त्रिपाठी, नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के डायरेक्टर चितरंजन त्रिपाठी और गेस्ट ऑफ ऑनर रघुबीर यादव मौजूद रहे.

'भारत रंग महोत्सव 2024' की थीम 'वसुधैव कुटुंबकम-वंदे भारंगम' है. राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता गीतकार, गायक और एनएसडी के पूर्व छात्र स्वानंद किरकिरे ने भारत रंग महोत्सव का रजत जयंती गान लिखा है. दुनिया का सबसे बड़ा थिएटर फेस्टिवल कहलाने वाला भारत रंग महोत्सव इस बार देश के 15 शहरों में आयोजित हो रहा है. ये फेस्टिवल 1 से 21 फरवरी तक आयोजित होगा. इस 21-दिवसीय थिएटर फेस्टिवल में 150 से अधिक मंचन, वर्कशॉप, चर्चाएं और मास्टरक्लास होंगी. जिन 15 शहरों में इस महोत्सव को देखा जा सकता है वे हैं - दिल्ली, मुंबई, पुणे, भुज, विजयवाड़ा, जोधपुर, डिब्रूगढ़, भुवनेश्वर, पटना, रामनगर, श्रीनगर, वाराणसी, बेंगलूरू, गेंगटोक और अगरतला.

कौन से शहर में कब और कहां, कौन से प्ले होंगे, ये सारी जानकारी आपको इन तीन इंस्टाग्राम पोस्ट्स में मिलेंगी.
 

 

 

 

'द लल्लनटॉप' ने मुंबई में इसकी ओपनिंग सेरेमनी में हिस्सा लिया. एक्टर और 'एनएसडी' के डायरेक्टर चिरतंजन त्रिपाठी ने हमसे बात करते हुए कहा कि जब हम आजादी के 50वें साल को सेलिब्रेट कर रहे थे तब पहला भारत रंग महोत्सव आयोजित हुआ था. ये एक सपना था, जो तब देखा गया था. आज हम पाते हैं कि ये पूरी दुनिया का सबसे बड़ा थियेटर फेस्टिवल है. उन्होंने कहा कि आज जहां पूरी दुनिया युद्ध में डूबती जा रही है, वहीं भारत 'वसुधैव कुटुंबकम' के साथ देशों को नाटक और कला के माध्यम से जोड़ने की कोशिश कर रहा है.

पंकज त्रिपाठी ने हमसे बात करते हुए कहा, 

"मेरी चाहत है कि रंगमंच से नए दर्शक भी जुड़ें. सिर्फ वही लोग न आएं, जो नाटक देखते हैं. दुनिया का रंग महोत्सव है ये. मेरी इच्छा है कि इस साल के आखिर तक थिएटर में वापसी करूं." उन्होंने कहा, "हमारे वक्त में सिर्फ 20 लोग एनएसडी में चुने जाते थे. तब ये UPSC से ज्यादा टफ था और आज भी है. परेश (रावल) सर ने कहा कि हर स्टेट में एक एनएसडी खुलना चाहिए. मैं सहमत हूं. टैलेंट बहुत है हमारे यहां. उसे ट्रेनिंग की जरूरत है. अच्छी ट्रेनिंग. एनएसडी एशिया का बेस्ट ट्रेनिंग सेंटर है. अब दुख होता है कि उस वक्त सही से नहीं पढ़ते थे. मुझे हमेशा मलाल होता है."

कार्यक्रम में परेश रावल ने कहा कि यहां जो भी मौजूद हैं, वे सब स्टार एक्टर हैं. जब ये सब मुंबई आए थे तो उनका कोई गॉडफादर नहीं था. बल्कि उनका फादर भी मुंबई का नहीं था. इन लोगों ने मेहनत करके अपना नाम बनाया. ये सब सिर्फ अपनी एक्टिंग के दम पर स्टार बने. परेश बोले-

"मेरा सुझाव है कि एनएसडी को डिसंट्रेलाइज्ड होना चाहिए. हर राज्य में एक राष्ट्रीय नाट्य संस्थान होना चाहिए. देश की राजधानी में एनएसडी है, लेकिन थिएटर की राजधानी (मुंबई) में एनएसडी नहीं. जैसे सस्ते अनाज की दुकान होती है. वैसे ही सस्ते भाड़े पर थिएटर भी होने चाहिए. मेरा सुझाव उन छात्रों के लिए भी है कि जो सबकुछ छोड़कर 3-4 साल के लिए दिल्ली आते हैं. पढ़ने के लिए. सीखने के लिए. एक्टिविज्म जरूरी है. लेकिन जब पढ़ाई खत्म हो जाए उसके बाद. गांधी जी ने भी एक्टिविज्म बैरिस्ट्री के बाद किया था. जब सरकार आप पर इतना खर्चा करती है तो आपकी भी जिम्मेदारी बनती है. आपका भी पेबैक टाइम है. आप जहां हैं, वहां थिएटर करिए. वहां सिखाइए."