कुछ फिल्में 'बहुत अच्छी' हो सकती हैं. उनकी कहानी ही ऐसी होती है. फिर भी वो सिर्फ 'अच्छी' बनकर रह जाती हैं. 'इत्तेफाक' ऐसी ही फिल्म है. डायरेक्टर अभय चोपड़ा की फिल्म, जिसमें लीड रोल में हैं अक्षय खन्ना, सिद्धार्थ मल्होत्रा और सोनाक्षी सिन्हा. एक्टर्स के नाम वरिष्ठता नहीं, हुनर के क्रम में लिखे हैं. पैसा करन जौहर और गौरी खान के अलावा दो-चार और लोगों ने भी लगाया है.
फिल्म रिव्यू: इत्तेफाक
इसमें अक्षय खन्ना हैं.

फिल्म थ्रिलर और मर्डर मिस्ट्री जॉनर की है. विक्रम सेठी (सिद्धार्थ) पर अपनी पत्नी कैथरीन और माया (सोनाक्षी) के पति की हत्या का आरोप है. इंस्पेक्टर देव (अक्षय) केस सॉल्व करने की कोशिश करते हैं. कर पाते हैं या नहीं, ये आप नज़दीकी सिनेमाघर में पता कर लीजिएगा.
फिल्म में जो चीजें अच्छी हैं-
- चौकस कहानी है - स्क्रीनप्ले बढ़िया लिखा गया है - डायरेक्टर ने अपना काम ढंग से किया; स्लो पेस के बावजूद आप जानने को उत्साहित रहते हैं कि हत्या किसने की - अक्षय खन्ना जैसे एक्टर थे, जिनसे डीसेंट काम निकलवाया गया

पुलिसवाले के रोल में अक्षय
फिल्म में जो चीजें अच्छी नहीं थीं-
- पुलिसवाले फनी होने की फर्जी कोशिश करते हैं - कुछ जगहों पर फैक्चुअल मिस्टेक हैं, जिन्हें आसानी से अवॉइड किया जा सकता था - फिल्म और क्रिस्प कर सकते थे. पहले से 1 घंटे 45 मिनट की है, लेकिन इसमें भी 15 मिनट आराम से कम किए जा सकते थे - कुछ मौकों पर पुलिस अनरियलिस्टक दिखती है. हाइपोथेटिकल बात नहीं कर रहा हूं. पुलिस बने एक्टर्स की एक्टिंग करने की कोशिश दिख जा रही थी - सिद्धार्थ और सोनाक्षी. ये आपको कभी चौंकाते नहीं हैं. इस फिल्म में भी सामान्य ही हैं

फिल्म में सिद्धार्थ और सोनाक्षी
फिल्म-मेकिंग की इन अच्छी-बुरी चीज़ों के अलावा एक बहुत अच्छी बात भी थी. पिछले कुछ सालों में हमारी फिल्मों में पुलिस का चित्रण बहुत घटिया हुआ है. सिर्फ बुराई ही दिखाई जाती है कि वो हिंसक, क्रूर, लापरवाह होते हैं, उन्हें काम करने से मतलब नहीं होता है और वो किसी को भी फंसा देते हैं. इस फिल्म में पुलिस को काम करते दिखाया है. बहुत अजीब लगता है. पहला रिएक्शन यही आता है कि ऐसे कौन पुलिसवाला काम करता है. ये भले फिल्म थी, सब एक्टिंग थी, लेकिन यकीन मानिए, वर्दी में कुछ लोग हैं, जो अपना काम कर रहे हैं.

ये एकदम ओवर-एक्टिंग वाला सीन था
'इत्तेफाक' कोई मेसेज देने वाली या कोई आर्ट फिल्म नहीं है. खालिस कमर्शियल मसाला फिल्म है. वीकेंड में कोई काम नहीं है, तो एक बार देख भी सकते हैं. झंड मूड लेकर तो हॉल से बाहर नहीं आएंगे. हां, ये ज़रूर पूछेंगे कि क्लाईमैक्स में फ्लाइट कोई बहाना बनाकर भी तो रोकी जा सकती थी, जिससे कातिल भाग न जाता. बाकी अगर छूट भी जाएगी, तो कोई फर्क नहीं पड़ने वाला.
'इत्तेफाक' का ट्रेलर:
पढ़िए, सिनेमा के बारे में हमारे पास बहुत कुछ है:
यश चोपड़ा ने जब रेखा और जया से कहा, 'यार मेरे सेट पर गड़बड़ी ना करना यार!'
ओम पुरी ने इंडिया के इस लैजेंड एक्टर को जानलेवा हमले में बचाया था!
टेरेरिज़्म पर बनी हंसल मेहता की 'ओमेर्टा': जिसे देखकर लोग बहुत गुस्सा हो जाएंगे
वो अनुपम खेर बहुत पीछे छूट गया जो एक कलाकार ज्यादा था और बाकी सब कम
सच्ची कहानी पर आधारित इस स्पेस मूवी में होंगे आमिर और प्रियंका!