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ये है रुपए से 200 गुना महंगी करेंसी

दुनिया में ज्यादा व्यापार डॉलर से होता है इसलिए उसका रौला है. लेकिन कीमत के मामले में ये करेंसी डॉलर और रुपये से बहुत आगे हैं.

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आदमी ने बिजनेस शुरू किया तो वह चीजों से चीजें बदलता था. बार्टर सिस्टम बोलते थे उसको. फिर चलन में आई करेंसी. तांबे और कांसे के सिक्कों से शुरुआत हुई थी, कागज के नोट बहुत बाद में आए. मुद्रा के नाम पर अगर आप रुपये और डॉलर में ही अटके हैं तो सिर झटकिए और दुनिया की इन 10 करेंसी के बारे में ज्ञान बढ़ाइए.

1. कुवैती दिनार = 215 रुपये


दिनार कई देशों की मुद्रा है, लेकिन सबसे महंगा दिनार है कुवैत का. एक कुवैती दिनार में करीब 3.30 अमेरिकी डॉलर यानी लगभग 215 भारतीय रुपए होते हैं. दिनार आया है लैटिन के 'दिनारियस' से, जिसका मतलब चांदी के सिक्कों से है. सोने के दिनार शुरुआती दौर के इस्लामी सिक्के माने जाते हैं. इसका इंडियन कनेक्शन भी है. भारत में ईसा के बाद पहली सदी में कुषाण वंश से लेकर छठी सदी में गुप्त वंश तक यही करेंसी थी. अब यह कई खाड़ी देशों की करेंसी है. इंटरनेशनल मार्केट में सबसे ज्यादा बिजनेस होता है इराकी दिनार से. इराक ने पहले वर्ल्ड वॉर के बाद 1932 में भारतीय रुपए की करेंसी बंद कर दी थी क्योंकि भारत तब ब्रिटेन के कब्जे में था.


2. बहरीन दिनार = 173 रुपए


बहरीन में दिनार को 1965 में नेशनल करेंसी घोषित किया गया. सिक्के और नोट एक साथ लांच हुए. 1992 तक कांसे के सिक्के बने. फिर वो महंगे पड़ने लगे तो कांसे की जगह पीतल का यूज होने लगा. बहरीन का एक दिनार 173 रुपए के बराबर होता है.


3. ओमानी रियाल = 170 रुपये


फारस (ईरान) से आया है रियाल. चलन में आया साल 1798 में. पहले वहां चलता था किरान. 1932 में किरान खत्म करके रियाल को वहां की करेंसी बना दिया गया. तो अब रियाल ईरान, अरब के साथ कुछ और देशों की करेंसी है लेकिन इनमें सबसे महंगा है ओमान का रियाल. इसकी वैल्यू करीब 170 रुपए के बराबर होती है.


4. लाटवियन लाट्स = 105 रुपए


यूरोप के एक छोटू से देश लाटविया की करेंसी है, सन 2014 से. इसके पहले वहां यूरो चलता था. पहली बार मार्केट में आया 1922 में. रूस के 50 रुबली के बदले एक लाटू. एक से ज्यादा हुआ तो लाट्स. तीसरी सबसे कीमती करेंसी है जिसका भारतीय रुपए से एक्सचेंज रेट होता है लगभग 105 रुपए.


5. UK पाउंड स्टरलिंग = 104 रुपए


लैटिन भाषा का एक शब्द है 'लिब्रा पोंडो' जिसका मतलब था बराबर बैलेंस. वहीं से आया पाउंड. रोम सभ्यता में शिलिंग मुद्रा थी जो चांदी से एक्सचेंज होती थी. 8वीं सदी में पाउंड पहुंचा इंग्लैंड. वहीं बैंक ऑफ इंग्लैंड ने इसके नोट चलाए. खास बात ये कि नोट हाथो से लिखे होते थे. अभी यूनाइटेड किंगडम (यूके) का पाउंड चौथी सबसे कीमती करेंसी है. 104 रुपए तक रहता है एक पाउंड का रेट.


6. रूसी रूबल = 104 रुपए


डॉलर का वेट कर रहे हो, थम जाओ पांचवे नंबर पर रूसी रूबल है. रूबल का मतलब होता है काटना. पहले के जमाने में चांदी के टुकड़े काटे जाते थे ना, तो वहीं से यह शब्द निकला. पांच सौ साल से ज्यादा वक्त हुआ इसे सोवियत रूस की करेंसी बने. 1991 में सोवियत साम्राज्य बिखर गया. 1993 में रूस ने रूबल का पुराना हिसाब किताब किया बंद और सब नोट और सिक्के नए चला दिए. अभी इंडियन रुपए के हिसाब से एक रूसी रूबल का रेट भी 104 रुपए के आस-पास रहता है.


7. जिब्राल्टर पाउंड = 100 रुपये


1872 तक जिब्राल्टर की कोई करेंसी ही नहीं तय थी. 1825 से स्पेन के साथ किया गया था समझौता जिसमें स्पेन की करेंसी रियल को उधार लिया गया था. 1898 में करार किया गया ब्रिटिश पाउंड के लिए. 1927 से छापने लगा खुद के नोट. मजे की बात ये कि सिक्के वहां 1988 से चलन में आए.


8. जॉर्डनियन दिनार = 92 रुपये


1 जुलाई 1950 से दिनार को जॉर्डन की राष्ट्रीय मुद्रा का दर्जा हासिल है. 1927 से 1950 तक यहां पैलेस्टियन पाउंड इस्तेमाल किया जाता था करेंसी के लिए.


9. केमेनियन डॉलर = 80 रुपए


डॉलर तो अमेरिका का भी, लेकिन सबसे कीमती है केमेन आइलैंड का डॉलर. कीमत है 80 रुपये के करीब. साल था 1785 और तारीख 8 अगस्त. अमेरिका में पहली बार लॉन्च हुआ डॉलर. ये नाम आया जर्मन भाषा के ठालर से. दूसरे वर्ल्ड वॉर के बाद ढेर सारे उतार चढ़ाव के बाद डॉलर बन गया अंतर्राष्ट्रीय बिजनेस की करेंसी.


10. यूरोपियन यूरो = 74 रुपए


नीदरलैंड के एक शहर में बनी यूरोपियन यूनियन. साल था 1992. इसमें साझी करेंसी अपनाने पर सहमति जताई गई. लेकिन यूरो को 'यूरो' नाम मिला 4 अगस्त 1995 में. फिलहाल 19 देशों की मुद्रा है यूरो और इन देशों को एक साथ कहा जाता है यूरोजोन. डॉलर के बाद अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड में इसका होता है सबसे ज्यादा इस्तेमाल. एक यूरो की कीमत 74 रुपए के करीब.


11. स्विस फ्रैंक = 70 रुपए


मुद्रा के नाम पर सिक्कों की भीड़ बढ़ती जा रही थी. 1850 में स्विटजरलैंड के पास 8 हजार से ज्यादा किस्म के सिक्के हो गए थे. इस बोझ से उबरने के लिए 'फ्रैंक' को बनाया गया नेशनल करेंसी. सबसे पहले आए 1, 2, 5, 10 और 20 के सिक्के आए. 1907 से नोटों का इस्तेमाल शुरू हुआ. स्विस बैंक विदेशी कस्टमर्स को बड़ी सहूलियत देता है इसलिए पूरी दुनिया से ब्लैक मनी वहां पहुंचता है. दुनिया की अर्थव्यवस्था पर खासा दखल है फ्रैंक का. एक स्विस फ्रैंक की कीमत 70 रुपए के करीब होती है.


12. अजरबैजानी मनत = 65 रुपए


यूरोप और एशिया के बीच में छुटकू सा देश है अजरबैजान. उनकी टीम आती है अपने यहां कभी कभी हॉकी खेलने. उनकी करेंसी है मनत. रूसी शब्द मोनेटा का मतलब होता है सिक्का. वही 'मोनेटा' नाम उधार लेकर ये हो गया मनत. शाहरुख का बंगला नहीं है बे. सन 92 था जब अजरबैजान ने अपने यहां रूसी रूबल बंद करके मनत को मान्यता दे दी. इसका एक्सचेंज रेट है 65 रुपए के करीब.


13- बुल्गारियन लिव = 40 रुपए


अंग्रेजी के 'लियो' (शेर) से उठाया गया है ये नाम. ये बुल्गारिया की करेंसी है. शुरू हुई सन 1881 में. पहले आए सिक्के फिर 1885 में नोट भी इस्तेमाल होने लगे. तब इसका नाम होता था लिवा. 1952 में रिलांच किया गया इसको नई शर्तों और नए रेट्स पर. इसके बाद भी दो बार इस मुद्रा में बदलाव हो चुका है. अभी एक बुल्गारियन लिव की कीमत 38 से 40 रुपए तक रहती है.