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'मिशन रानीगंज' का ट्रेलर देखकर लग रहा है कि अक्षय कुमार पुराने रंग में लौट रहे हैं

इस फिल्म में अक्षय कुमार, अक्षय कुमार नहीं लग रहे हैं. किरदार पर मेहनत की गई है. लुक से लेकर भाषा, सब अलग है. ट्रेलर देखकर मन में इस कहानी को जानने की उत्सुकता जगती और बचती है.

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'मिशन रानीगंज' के ट्रेलर में अक्षय कुमार.

Akshay Kumar की नई फिल्म आ रही है Mission Raniganj: The Great Bharat Rescue. फिल्म का ट्रेलर आया है, जिसे देखकर लग रहा है कि अब अक्षय बॉक्स ऑफिस का मोह छोड़, कायदे की कहानियां चुनने पर ध्यान दे रहे हैं. ये फिल्म माइनिंग इंजीनियर Jaswant Singh Gill की सच्ची कहानी पर आधारित है. उन्होंने वेस्ट बंगाल के कोलमाइन की बाढ़ में फंसे 65 लोगों की जान बचाई थी.

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रानीगंज के एक कोयला खदान में कई मजदूर काम कर रहे हैं. अचानक माइन में पानी रिसने लगता है. धीरे-धीरे पानी का बहाव बहुत तेज़ हो जाता है. उसमें 65 लोग फंस जाते हैं. वहां आते हैं जसवंत सिंह गिल. जो कि माइनिंग इंजीनियर होने के साथ-साथ रेस्क्यू ट्रेन्ड ऑफिसर भी हैं. रेस्क्यू ट्रेन्ड मतलब वो अफसर जिसके पास मुश्किल परिस्थितियों में लोगों की जान बचाने की ट्रेनिंग है. समय कम है और काम ज़्यादा. गांव के लोग घबराए हुए हैं क्योंकि उनके घर का सदस्य नीचे कोल माइन में फंसा हुआ है. तमाम कोशिशों के बावजूद भी कोई जुगत काम नहीं आ रही थी. ऐसे में गिल साहब को एक आइडिया आता है. वो एक कैप्सूल तैयार करते हैं, जिसकी मदद से मजदूरों को कोल माइन से बाहर निकाला जाता है. ये अपनी तरह का पहला यंत्र था, जिससे कोयले की खदान में फंसे लोगों को निकाला गया. बाद में जसवंत सिंह गिल के इसी इक्विपमेंट का इस्तेमाल दुनियाभर में किया जाने लगा.  

इसी वजह से पहले इस फिल्म का नाम 'कैप्सूल गिल' रखा गया था. फिर उसे बदलकर किया गया 'द ग्रेट इंडियन रेस्क्यू'. फाइनली फिल्म का नाम रखा गया- 'मिशन रानीगंज- द ग्रेट इंडियन रेस्क्यू'. पिक्चर-पिक्चर खेल रहे थे कि इतने में देश का ही नाम बदलने की कवायद शुरू हो गई. 'इंडिया' को 'भारत' बुलाया जाने लगा. ऐसे में अक्षय की फिल्म के नाम में 'इंडिया' कैसे रह जाता. फट से फिल्म का नाम बदलकर 'मिशन रानीगंज- द ग्रेट भारत रेस्क्यू' किया गया. 

अगर आप इस ओरिजिनल मिशन की पूरी कहानी पढ़ना चाहते हैं, तो यहां क्लिक करें.

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अब बात करते हैं फिल्म के ट्रेलर की. अक्षय के करियर में एक दौर था, जब वो 'एयरलिफ्ट', 'स्पेशल 26' और 'बेबी' जैसी फिल्में कर रहे थे. ये सभी कॉन्टेंट ड्रिवन फिल्में थीं. टिकट खिड़की पर भी अच्छा परफॉर्म कर रही थीं. अक्षय कुमार को सुपरस्टार बनाने में इन्हीं फिल्मों का सबसे बड़ा हाथ था. 'मिशन रानीगंज' उसी टाइप की फिल्म लग रही है. अक्षय कुमार, अक्षय कुमार नहीं लग रहे हैं. किरदार पर मेहनत की गई है. लुक से लेकर भाषा, सब अलग है. ट्रेलर देखकर मन में इस कहानी को जानने की उत्सुकता जगती और बचती है. ट्रेलर में जसवंत सिंह गिल के कैप्सूल बनाने के प्रोसेस को नहीं दिखाया गया. जो कि ठीक बात है. वरना सारा कुतुहल मर जाता.

'मिशन रानीगंज' को इंग्लैंड के यॉर्कशर (Yorkshire)  में शूट किया गया है. खबरें थीं कि इस फिल्म की शूटिंग के लिए प्रोडक्शन कंपनी ने 100 एकड़ से ज़्यादा ज़मीन किराए पर ले ली थी. यहां कुछ पुराने कोल माइन थे, जो बंद पड़े थे. वहीं पर ये पिक्चर शूट की गई है. इस फिल्म में अक्षय कुमार के साथ परिणीति चोपड़ा, कुमुद मिश्रा, पवन मल्होत्रा, रवि किशन, दिब्येंदु भट्टाचार्य, राजेश शर्मा और जमील खान जैसे एक्टर्स ने काम किया है.

'मिशन रानीगंज' को टिनू सुरेश देसाई ने डायरेक्ट किया है. टिनू, हिंदी फिल्मों के मशहूर प्रोडक्शन मैनेजर सुरेश देसाई के बेटे हैं. सुरेश देसाई अपने करियर में 'शोले', 'शान' और 'सीता और गीता' जैसी चर्चित फिल्मों पर काम कर चुके हैं. टिनू ने 2016 में आई फिल्म हॉरर फिल्म '1920 लंदन' से अपना डायरेक्शन करियर शुरू किया. इसी साल उन्होंने अक्षय कुमार को लेकर 'रुस्तम' नाम की फिल्म बनाई. इस फिल्म के लिए अक्षय को बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला था. अब उन्होंने 'मिशन रानीगंज' बनाई है.

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'मिशन रानीगंज'  6 अक्टूबर को सिनेमाघरों में लग रही है. इसी दिन भूमि पेडणेकर की फिल्म 'थैंक यू फॉर कमिंग' भी रिलीज़ होनी है. 

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