हाल ही में Manoj Bajpayee Lallantop के न्यूज़रूम में आए थे. उन्होंने अपने थिएटर के दिन, सिनेमा, अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान जैसे दिग्गजों के बारे में बात की. साथ ही बताई, अपने कुछ पॉपुलर फिल्मी सीन्स के बनने की कहानी. मनोज बाजपेयी सामने हों और सरदार खान का ज़िक्र न छिड़े, ये मुमकिन नहीं. खासतौर पर उस सीन का ज़िक्र, जहां वो चाबी ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं. मनोज बाजपेयी ने बताया कि उन्हें ये किरदार करने में बहुत मज़ा आया था. लेकिन अब उस पर बनने वाले मीम देखकर शर्म आती है.
'गैंग्स ऑफ़ वासेपुर' के 'चाबी कहां हैं' वाले सीन की कहानी, जिस पर मनोज बाजपेयी को आज भी शर्म आती है
इतना पॉपुलर मीम बनने वाला सीन कभी कागज़ पर लिखा ही नहीं गया था.

उनसे पूछा गया कि ये सीन रचा कैसे गया. इस पर उनका कहना था,
ये सीन इम्प्रोवाइज़ हुआ था. अनुराग कश्यप का ऐसा है कि वो कई सारे सीन लिखता नहीं है. हम लोगों के बीच ट्यूनिंग इतनी रही है कि वो सीधे लिख देता था कि To be improvised by बाजू भाई. वो समझ जाता है कि मैं लिखकर उतना न्याय नहीं कर पाऊंगा. बाकी राइटर्स में ऐसा नहीं होता है. अनुराग में कमाल की ईमानदारी है. उसे लगता है कि सामने वाला कैरेक्टर में है, तो वो ज़्यादा अच्छे ढंग से बाहर ला पाएगा. अनुराग ऐसी आज़ादी देता है.

मनोज ने आगे बताया कि वो पूरा सीन इम्प्रोवाइज़ किया गया था. सरदार के चाबी ढूंढने से लेकर उसके बेटे के ‘ठीक हूं’ कहने तक, सारी चीज़ें एक्टर्स ने बाहर निकाली. उन्होंने बताया कि ये वो पहला सीन था, जहां लोग सरदार खान को एक पिता के तौर पर देख रहे थे. मनोज बाजपेयी ने GOW से सिर्फ इसी सीन पर बात नहीं की. उनसे ‘हज़रात हज़रात हज़रात’ की कहानी भी पूछी गई. मनोज ने बताया कि उन लोगों ने वो एक सीन पूरे दिन शूट किया. उनके मुताबिक अनुराग को वो सीन शूट करने में मज़ा आ रहा था. इसलिए वो लोग उसे ही शूट करते रहे.
मनोज बाजपेयी ने बताया कि सरदार खान बहुत अव्यवस्थित किस्म का इंसान था. उन्होंने उसे अपने दिमाग में बेताला और बेसुरा बनाया था. ‘हजरात’ वाले सीन में ‘कसम पैदा करने वाले की’ गाना बज रहा होता है. और सरदार का उस गाने पर मूवमेंट बिल्कुल बेताल रहता है.
वीडियो: मनोज बाजपेयी के पास प्रोड्यूसर्स सूटकेस भरकर पैसे लाते, वो दुश्मनी मोल ले लेते