1- विलेंड्रा की मूंगो झील
ऑस्ट्रेलिया में बहती थी ये झील. बहुत बहुत साल पहले. अब उसके निशान बचे हैं. कहते हैं यहां इंसान की सबसे पुरानी सभ्यता के आदिवासी रहते थे. 50 हजार साल तक उनके जीने का रास्ता यही झील थी.
ऑस्ट्रेलिया में बहती थी ये झील. बहुत बहुत साल पहले. अब उसके निशान बचे हैं. कहते हैं यहां इंसान की सबसे पुरानी सभ्यता के आदिवासी रहते थे. 50 हजार साल तक उनके जीने का रास्ता यही झील थी.
लीबिया में अब इस शहर के खंडहर बचे हैं.जो कभी यूनान का मशहूर शहर हुआ करता था. रोम की राजधानी रहा सन 365 ईसवी तक. जब तक कि भूकंप में नष्ट नहीं हो गया.
जॉर्डन में स्थित है ये किला. इसको रेगिस्तानी महल कहते हैं. 8वीं सदी में बनी थी ये खूबसूरत बिल्डिंग. बनवाया था वालिद इब्न यजीद ने. इस्लामी सभ्यता की शुरुआत की बेहतरीन कलाकारी का नमूना है.
सिंगी डी बेमरहा कहते हैं इस जगह को. मेडागास्कर पता है न. वहीं मेलाकी में ये चूना पत्थर के खूबसूरत पहाड़ बने हैं. कुदरत ने खुद कसीदाकारी की है इन पहाड़ों की. देख लो एक बार तो पलकें न झपकें.
16वीं सदी के लास्ट में बने थे ये चार चर्च. स्पैनिश आर्किटेक्चर की बेहतरीन कलाकारी. बाहर से जितनी खूबसूरत इनकी इमारत है अंदर की लक्जरी उससे कई गुना ज्यादा. फिलीपींस के इतिहास में इन चर्चों की खास जगह है.
उज्बेकिस्तान देश के सिल्क रूट में ये शहर है बुखारा. ये शहर 2000 साल पुराना है. मने इत्ते साल से बस रहा है और पुरानी धरोहर भी संभाले हुए है. यहां 10वीं सदी में बना इस्माइल समानी का मकबरा ज्यों का त्यों चमक रहा है. इसके अलावा खास ईंटों से बनी मीनार भी है.
1880 से 1920 के बीच में बनाई गई ये किलों का चेन. ऐम्सटर्डैम में बने ये 42 किले 135 किलोमीटर की दूरी तक फैले हैं. इनको ढलान वाली जमीन पर इसलिए बनाया गया था कि युद्ध के हालात में किनारे पानी भरा जा सके. पानी सिर्फ 30 सेंटीमीटर भरा जाता था जिसमें हल्की बोट चल सकें. इसके इर्द गिर्द 1 किलोमीटर में फैली इमारतें लकड़ी की हैं.
विलेज माने गांव. नदी के किनारे जंगल में खूबसूरत वादियों में ये खूबसूरत गांव बसा है स्कॉटलैंड देश में. इससे डेढ़ किलोमीटर दूर असली लेनार्क कस्बा भी है. ये गांव 1786 में बसाया डेविड डेल ने. इसे बनाने की खास वजह थी. वहां की मिलों में काम करने वाले मजदूर थे. उनके लिए घर बनाना जरूरी था. बस उनके लिए ये बसा दिया ये खूबसूरत गांव.
चिली में एक रेगिस्तान है एटाकामा. वहां ये रिफाइनरी लगाई गई 1872 में. तब ये जगह पेरू में आती थी. 1960 में बिजनेस टूटने के बाद इनको बंद कर दिया गया. फिर ये भूतिया महल की तरह फेमस हो गई. 1970 में इनको फिर खोला गया. टूरिस्ट प्लेस बना कर.
नाम से कनफ्यूज होने की जरूरत नहीं है. इसका नाम भले गोरी है लेकिन कभी ये गुलामों की खरीद बिक्री के काले कारनामों का मेन अड्डा था. पश्चिमी अफ्रीका में एक देश है सेनेगल. यहां एक शहर है डकर. इस शहर से केवल दो किलोमीटर दूर समुद्र में है ये टापू. 15वी सदी से 19वीं सदी तक गुलामों के व्यापार का मेन बाजार था.