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'खो गए हम कहां': ज़ोया की ये फिल्म 'द आर्चीज़' का गम पूरी तरह से भुला देगी

'खो गए हम कहां' भले ही जेन-ज़ी को ध्यान में रखकर बनाई गई हो लेकिन ट्रेलर देखकर लग रहा है कि हर ऐज ग्रुप फिल्म से रिलेट करने वाला है. बेसिकली यहां सभी के लिए कुछ-न-कुछ है.

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ये फिल्म 26 दिसम्बर को नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हो रही है.

Kho Gaye Hum Kahan. ये इमाद (Siddhant Chaturvedi), अहाना (Ananya Pandey) और नील (Adarsh Gourav) की कहानी है. ये तीन दोस्त सोशल मीडिया के समय में प्यार, दोस्ती और रिश्तों के बदलते मायने समझ रहे हैं. Zoya Akhtar और Reema Kagti की इस कहानी को डायरेक्टर Arjun Varain Singh नेटफ्लिक्स पर लेकर आ रहे हैं. इस फिल्म में सोशल मीडिया इमेज को बनाए रखने के प्रेशर पर फोकस किया गया. दो मिनट 40 सेकंड लम्बे ट्रेलर से तो ऐसा ही लग रहा है. 

ट्रेलर की शुरुआत होती है इमाद (सिद्धांत चतुर्वेदी) से. वो एक स्टैंड-अप कॉमेडियन है. ट्रेलर में एक जगह वो सोशल मीडिया वाली लाइफ पर तंज कस रहा होता है. ट्रेलर खट कर के आगे बढ़ता है और हम देखते हैं कि कैसे इमाद, अहाना और नील अपनी सोशल मीडिया ज़िंदगी और असल ज़िंदगी में अंतर नहीं कर पा रहे हैं. तीनो दोस्त अपनी यंग ऐडल्ट लाइफ की परछाई सोशल मीडिया के शीशे में देख रहे हैं. यही बात उन्हें खुश नहीं कर रही. संतुष्टि नहीं मिल रही. ये फिल्म उन युवाओं के बारे में बात करती है जो सोशल मीडिया के चलते एक आंतरिक असमंजस और असंतुष्टि से जूझ रहे हैं. यानी रील और रियल लाइफ में फर्क नहीं कर पा रहे. 

इस ट्रेलर में काफी सारे ज़रूरी मोमेंट्स हैं. ये ट्रेलर जेन-ज़ी रेफ्रेंसेज़ से भरपूर है, जैसे कि किरदारों का अलग-अलग फिल्टर में फोटोज खींचना, स्टैंड-अप कॉमेडी, डेटिंग ऐप वाला कल्चर आदि. ज़ोया और रीमा कागती क्लास पर सटीक ढंग से कमेंट करती हैं. ‘गली बॉय’, ‘मेड इन हेवन’, ‘दिल धड़कने दो’ जैसी फिल्मों में भी हमें इसका उदाहरण देखने को मिला. ‘खो गए हम कहां’ के ट्रेलर को देखकर लग रहा है कि यहां भी वो कमेंट्री देखने को मिलेगी. ट्रेलर में कुछ ऐसे डायलॉग हैं जहां आप पॉज़ कर के सोचने पर मजबूर हो जाते हैं. जैसे एक जगह कल्कि का किरदार सिद्धांत से पूछता है कि उसे पहली बार कब लगा कि वो फनी है. इस पर सिद्धांत कहते हैं,

शायद जब मैं बहुत दुखी था. 

ऐसे ही एक दूसरे सीन में आदर्श के पिता बने विजय मौर्या कहते हैं, ‘तुम्हारी जेनरेशन को ज़रूरत और इच्छा में फर्क ही नहीं पता’.

बाकी एक्टर्स की बात करें तो देखकर लग रहा कि वो यहां फिट बैठते हैं. जिस ऑडियंस को फोकस में रखकर कहानी रची गई है, उसके लिए आदर्श, अनन्या और सिद्धांत सही लग रहे हैं.  
‘खो गए हम कहां’ को अर्जुन वरैन सिंह ने बनाया है. ये उनकी पहली फिल्म है. भले ही ये अर्जुन द्वारा निर्देशित पहली फिल्म हो पर वो ‘गली बॉय’ में भी ज़ोया को असिस्ट कर चुके हैं. इस फिल्म के निर्देशन में ज़ोया अख्तर का काफी टच नज़र आ रहा है. फिल्म में सिद्धांत स्टैंड–अप कॉमेडियन बने हैं. ऐसे में सपन वर्मा को कॉमेडी कंसलटेंट के तौर पर लाया गया. सपन ने इस बारे में ट्वीट किया,

‘खो गए हम कहां’ के कुछ सीन्स पर बतौर कॉमेडी कंसलटेंट और लेखक के रूप में काम किया. सभी के फिल्म देखने के लिए बहुत उत्साहित हूं. ट्रेलर, संगीत, सब कुछ बहुत ताज़ा है. उम्मीद है कि आप लोगों को भी ये पसंद आए.

बीती 07 दिसम्बर को ज़ोया अख्तर की ‘द आर्चीज़’ रिलीज़ हुई थी. सोशल मीडिया पर फिल्म की काफी आलोचना हुई. ज़ोया की ‘द आर्चीज़’ ने भले ही उनके फैन्स को निराश किया हो लेकिन ‘खो गए हम कहां’ के ट्रेलर को देखकर लग रहा है कि उनके प्रोडक्शन वाली फिल्म सारी शिकायतें हवा कर देगी. बाकी साफ जवाब 26 दिसम्बर को मिलेगा जब फिल्म नेटफ्लिक्स पर ड्रॉप होगी.  

ये स्टोरी हमारे साथ इंटर्नशिप कर रहीं खुशी वत्स ने लिखी है.  
 

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