कोरोना वायरसः लॉकडाउन में घर से निकलने वालों पर क्या एक्शन लिया जा रहा है?
देश के 75 जिले लॉकडाउन हैं.
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‘बस यहीं तक जाना है’ टाइप बातें पुलिस सुन नहीं रही है. इसलिए लॉकडाउन में जब तक बहुत ज़रूरी ना हो, घर से ना निकलें. सेहत से ज़्यादा ज़रूरी कुछ नहीं. तस्वीर फरीदाबाद की है. (फोटो- PTI)
गाज़ियाबाद में लॉकडाउन का पालन ना करने पर पुलिस ने 23 मार्च को 70 FIR दर्ज की. 200 लोगों के चालान भी काटे गए. वहीं दिल्ली के द्वारका नॉर्थ में तो एक पूरे परिवार के खिलाफ होम क्वारंटीन तोड़ने की वजह से महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. जिला हेल्थ सर्विलांस ऑफिसर की शिकायत पर ये केस दर्ज किया गया है.
दरअसल 19 मार्च यानी बीते गुरुवार को रात आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया था. कोरोना वायरस के खिलाफ लंबी लड़ाई की शुरुआत का ऐलान किया. अपील की कि 22 मार्च, दिन रविवार को पूरा देश जनता कर्फ्यू का पालन करे. इसके पीछे दो वजह मानी गई. पहली- लोगों में सोशल डिस्टेंसिंग का एक व्यापक मैसेज जाए. दूसरा- लोगों को लगा कि मुमकिन है कि ये कम्प्लीट लॉकडाउन का एक टेस्ट रन भी हो. रविवार की शाम होते-होते जनता कर्फ्यू, लॉकडाउन की शक्ल लेने लगा. वायरस इंफेक्शन को फैलने से रोकने के लिए अलग-अलग राज्यों में 75 जिलों को लॉकडाउन कर दिया गया. इन जिलों की लिस्ट यहां क्लिक करके देख सकते हैं. पंजाब और महाराष्ट्र में कर्फ्यू भी लगा दिया गया है.
कोरोना वायरस के फैलने की चेन ब्रेक करने के लिए ज़रूरी है कि लोग अगले कुछ दिन घर में बिताएं और कोई बेहद ज़रूरी काम होने पर ही बाहर निकलें. लेकिन क्या हमारी ही सेहत से जुड़ी ये बात भी समझना मुश्किल हो सकता है? लॉकडाउन के पहले दिन के रिस्पॉन्स से तो ऐसा लगा. नेशनल कैपिटल रीज़न जैसी जगह पर भी लोग बिना किसी वाज़िब वजह के घरों से निकलते रहे. लॉकडाउन के समय में बिना वाज़िब कारण के बाहर निकलने पर धारा- 188, 269 और 270 के तहत केस दर्ज हो सकता है.
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