Deadpool & Wolverine
Director: Shawn Levy
Cast: Ryan Reynolds, Hugh Jackman, Dafne Keen
Rating: 3 Stars
रिव्यू - डेडपूल एंड वुल्वरीन
Deadpool & Wolverine में Ryan Reynolds और Hugh Jackman की केमिस्ट्री क्या कमाल कर पाई है, जानने के लिए रिव्यू पढ़िए.

सुपरहीरो फिल्में. कैसी होती है सुपरहीरो फिल्में. बिना उड़ने वाले हीरोज़ वाली (सॉरी बैटमैन). मल्टीवर्स वाली. कुलमिलाकर अनेक तरह वाली. लेकिन फिर भी दो कैटेगरी वाली. या तो भरपूर मज़ा देंगी. खूब एंटरटेन करेंगी. या उनका दिल बहुत बड़ा होगा. कुछ केसेज़ में ये दोनों ही चीज़ें एक जगह देखने को मिलती हैं, जैसे ‘ब्लैक पैंथर’. Ryan Reynolds और Hugh Jackman की Deadpool & Wolverine रडार पर कहां बैठती है. ये एक एंटरटेनिंग फिल्म है. सिम्पल सरल शब्दों में कहा जाए तो देखते वक्त खूब मज़ा आएगा. आज के समय में स्टार्स से इतर फिल्मों की रेटिंग के लिए एक नया मापदंड बनना चाहिए, ऐसी फिल्में जहां आपको फोन चेक करने की ज़रूरत महसूस ना हो. ‘डेडपूल एंड वुल्वरीन’ ऐसी ही फन फिल्म है. बस किंतु परंतु यहां एक लेकिन है. फिल्म का दिल उतना बड़ा नहीं है. ऐसा क्यों है, उस वजह पर भी आएंगे.
कहानी रायन रेनोल्ड्स के किरदार वेड विल्सन यानी डेडपूल से शुरू होती है. उसे दूसरे यूनिवर्स में जाकर वुल्वरीन को लाना है, ताकि उसका यूनिवर्स बच सके. साल 2017 में आई ‘लोगन’ में हम देख चुके थे कि इस यूनिवर्स के वुल्वरीन की मौत हो जाती है. डेडपूल दूसरे वुल्वरीन को ढूंढता है. ये दोनों आगे मिलकर दुनिया को कैसे बचाते हैं, यही मोटा-माटी कहानी है. हालांकि इस बीच इतना सब-कुछ घटता है कि बताने लगे तो स्पॉइलर की कैटेगरी में गिर पड़ेगा.

‘डेडपूल एंड वुल्वरीन’ सीरियस या महान किस्म की फिल्म नहीं है, और ना ही ये ऐसा कोई दावा करती है. एक फैन के नाते आपकी किरदारों और फिल्म से कुछ उम्मीद होती है, बस ये फिल्म उस पर पूरी तरह से खरी उतरती है. यही फिल्म का सबसे मज़बूत पक्ष भी है और उसकी कमज़ोरी भी. रायन रेनोल्ड्स और उनका सेंस ऑफ ह्यूमर परदे को चीरकर हम तक पहुंच चुका है. रील और रियल वाली लाइन काफी पहले ब्लर पड़ चुकी है. रायन फिल्म की राइटिंग टीम का हिस्सा भी हैं. इसलिए डेडपूल के जोक्स पर आप समझ जाते हैं कि बोल वो रहे हैं, लेकिन शब्द रायन के हैं. फिल्म के जोक्स कंटेंपररी हैं जो लैंड करते हैं. अच्छी-खासी हंसी आती है. एक जगह एक किरदार डेडपूल को लेकर कैनेडा पर ताना मारता है. उसके बाद वो उसकी गर्दन में तलवार घुसा कर वही लाइन डिलीवर करता है जो विल स्मिथ ने ऑस्कर वाले स्टेज पर की थी. कैपिटलिज़्म, वोक कल्चर, कैंसल कल्चर, जेन Z, डेडपूल ने सभी को लपेटा है. वो ऐसा किरदार है जो हर किस्म की प्रॉब्लमैटिक बात बोल सकता है, इसी वजह से ये सब और भी ज़्यादा फनी लगता है. आप उसे मॉरेलिटी वाले चश्मे से नहीं देखते.
मार्वल के फैन्स के लिए ये दिल झमाझम, बमबम कर देने वाली फिल्म है. उसकी वजह है कि यहां भरपूर मात्रा में फैन सर्विस की गई है. फैन्स जिन स्टार्स को सुपरहीरोज की कास्टिंग में देखना चाहते थे, उनसे कैमियो करवा लिए. अनगिनत रेफ्रेंस ड्रॉप कर दिए. जैसे एक फिल्म है जिसे मार्वल लंबे समय से रीबूट करने की कोशिश कर रहा है. मगर उस फिल्म के डायरेक्टर बदलते जा रहे हैं. उस हीरो को निभा चुका एक्टर कहता है कि ये हीरो सिर्फ एक ही था. पूरे थिएटर में फैन्स झूम रहे थे. तालियां बजा रहे थे. बस इस हो-हल्ले के बीच फिल्म के बड़े मसले पर ज़्यादातर लोगों का ध्यान नहीं गया. फैन सर्विस के चक्कर में ये फिल्म अपनी राइटिंग के साथ बहुत ज़्यादा लिबर्टी ले लेती है. फिल्म शुरू होने से पहले वेड की ज़िंदगी में बहुत कुछ घट जाता है. उसे दूसरे यूनिवर्स में जाकर वुल्वरीन को क्यों ढूंढना है, इसके पीछे भी एक लंबी-चौड़ी कहानी है. बस फिल्म ये सब बातों में निकाल देती है. ऐसा लगता है कि सब कुछ बस निपटाया जा रहा है ताकि जी भर के फैन सर्विसिंग की जा सके. फिल्म में ऐसे कई मोमेंट्स थे जहां इमोशनल साइड को अच्छी-खासी जगह देनी चाहिए थी, मगर यहां फिल्म निराश कर देती है. जब दिल सही से नहीं धड़कता तो लगता है कि सब कुछ सतही ही था.

फिल्मों की राइटिंग में एक टेक्नीक होती है, Exposition through Conflict. यानी मतभेद के ज़रिए आपको किरदारों के बारे में जानकारी मिलती है. फिल्म ऐसा नहीं करती. ये डायलॉग के ज़रिए सारे Exposition देती है. इसी पर तंज कसते हुए एक जगह डेडपूल कहता है कि तुम लोग सारा एक्स्पोज़िशन बर्बाद क्यों कर रहे हो. खैर इस फिल्म का सबसे बड़ा सेलिंग पॉइंट था ह्यू जैकमैन की वापसी. जितने भी सीन में उनका वुल्वरीन और डेडपूल साथ होते हैं, वहां फिल्म का मीटर आसमान पार गया है. दोनों की केमिस्ट्री स्पॉट ऑन है. इसकी बड़ी वजह है कि फिल्म आने के बहुत साल पहले से रायन और ह्यू एक-दूसरे का मज़ाक उड़ाते रहे हैं. ये सब स्क्रिप्टेड ही होता था.
डेडपूल और वुल्वरीन चाहे जानवरों की तरह लड़ें या कुछ भी करें, उन्हें देखना फन था. वुल्वरीन वाली कॉस्ट्यूम में ह्यू उतरते हैं और सिनेमाहॉल का माहौल बदल जाता है. ‘डेडपूल एंड वुल्वरीन’ में विलन का कमज़ोर मोटिव होना. कहानी को ठीक जगह ना मिलना. ऐसी तमाम खामियां हैं. लेकिन अपने टाइटल को सार्थक करते हुए ये सिर्फ डेडपूल और वुल्वरीन की फिल्म है. किसी और किरदार से कोई खास लगाव नहीं. यही वजह है कि सिर्फ इन दोनों के साथ ही पूरा न्याय हुआ है.
वीडियो: सब कुछ मिलेगा, जो डेडपूल को जानने के लिए जरूरी है