Kangana Ranaut की फिल्म Emergency की रिलीज़ इन दिनों सुर्खियां बनी हुई हैं. कई बार से टलती आ रही इस पिक्चर को लेकर अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने CBFC को फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि किसी की भी रचनात्मक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रतता को रोका नहीं जा सकता. कोर्ट ने कहा कि सेंसर बोर्ड सिर्फ इस वजह से फिल्म को सर्टिफिकेट देने से इंकार नहीं कर सकता कि उसके सामने कानून व्यवस्था भंग होने की आशंका है.
हरियाणा चुनाव की वजह से टाली जा रही कंगना की 'इमरजेंसी', कोर्ट ने CBFC को लगाई लताड़
Zee Entertainment की तरफ से आरोप लगे कि Haryana Assembly elections की वजह से Kangana Ranaut की फिल्म Emergency को रिलीज़ नहीं होने दिया जा रहा.

दरअसल, 'इमरजेंसी' बीती 06 सितंबर को रिलीज़ होनी थी. मगर इस फिल्म पर विवाद तब बढ़ गया जब शिरोमणि अकाली दल समेत कई सिख संगठनों ने आपत्ति जताई कि पिक्चर में सिख समुदाय को गलत तरीके से पेश किया गया है. कई ऐतिहासिक तथ्यों को गलत तरीके से दिखाए जाने का भी आरोप लगा. इसके बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सेंसर बोर्ड से कहा था कि इन आपत्तियों पर विचार करके 18 सितंबर तक इसे सर्टिफिकेट दे. अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने 25 सितंबर को फैसला लेने का आदेश दिया है.
'इमरजेंसी' की को-प्रोड्यूसर डायरेक्टर और लीड एक्टर कंगना ने भी आरोप लगाया था. कहा था कि सेंसर बोर्ड फिल्म को रिलीज़ से टालने के लिए इसे सर्टिफिकेट नहीं दे रहे हैं. बॉम्बे हाईकोर्ट की बेंच ने कंगना पर भी सवाल उठाए. कहा कि जब को-प्रोड्यूसर खुद भाजपा की सासंद हैं तो सत्तारूढ़ पार्टी अपने ही सांसद के खिलाफ काम कर रही है.
ज़ी एंटरटेनमेंट की याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सेंसर बोर्ड को आदेश दिया कि जल्द से जल्द फिल्म को सेंसर सर्टिफिकेट दिया जाए. ज़ी की तरफ से पेश हुए सीनियर वकील वेंकटेश धोंड का कहना है कि हरियाणा चुनाव की वजह से इस फिल्म को रिलीज़ नहीं होने दिया जा रहा है. धोंड़ ने कहा,
''ये सब सिर्फ समय बचाने और ये सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है, फिल्म अक्टूबर से पहले रिलीज़ ना हो, क्योंकि इसी महीने चुनाव होने हैं.''
धोंड ने ये भी कहा कि राजनीतिक कारणों की वजह से 'इमरजेंसी' को सर्टिफिकेट नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पार्टी, समाज के एक विशेष वर्ग को खुश करने के लिए अपनी मौजूदा सांसद को नाराज़ करने को तैयार है. ज़ी एंटरटेमेंट ने दावा किया है कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म को प्रमाणपत्र दे तो दिया है बस उसे जारी नहीं कर रहे हैं.
कोर्ट ने कहा कि सेंसर बोर्ड ने पहले आदेश का पालन नहीं किया. एक डिपार्टमेंट से दूसरे डिपार्टमेंट तक ज़िम्मेदारियां डालते गए. जबकि 18 सिंतबर से पहले इस पर काम हो जाना चाहिए था. कोर्ट ने कहा कि देश की जनता इतनी भोली नहीं है कि जो भी देखेगी विश्वास कर लेगी.
वीडियो: कंगना रनौत की 'इमरजेंसी' को सेंसर बोर्ड नहीं दे रहा है सर्टिफिकेट, एक्ट्रेस क्या बोलीं?