एक्टर Kavitha Manoranjini को प्रोफेशनली Urvashi के नाम से जाना जाता है. मलयालम, तमिल और तेलुगु सिनेमा का जाना-माना नाम हैं. 71st National Film Awards में उन्हें Ullozhukku फिल्म के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवॉर्ड दिया गया है. मगर वो खुश होने की जगह इस सम्मान से नाराज़ नजर आ रही हैं. उन्होंने ज्यूरी द्वारा अलग-अलग कैटेगरी में अवॉर्ड देने की क्राइटिरिया पर सवाल उठाया है. इस दौरान उन्होंने Shah Rukh Khan को बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड दिए जाने को भी लपेटे में ले लिया है.
"शाहरुख को किस आधार पर बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड दिया गया?"
उर्वशी ने रानी मुखर्जी को मिले 'बेस्ट एक्ट्रेस' अवॉर्ड पर भी सवाल उठाए हैं. उनके मुताबिक, ये सम्मान अकेले उन्हें क्यों दिया गया?
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एशियानेट से हुई बातचीत में उर्वशी ने बेस्ट एक्टर और बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर की अलग-अलग कैटेगरी बनाने पर प्रश्न किया. इसके लिए उन्होंने शाहरुख और विजयराघवन का उदाहरण दिया. विजयराघवन को इस साल मलयालम फिल्म 'पुक्कालम' के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला है. जबकि उर्वशी का मानना है कि उन्हें इससे बेहतर सम्मान मिलना चाहिए था. उन्होंने कहा,
"विजयराघवन एक बेहतरीन अभिनेता हैं. ज्यूरी ने विजयराघवन और शाहरुख खान की परफॉर्मेंस में ऐसा क्या अलग देखा? कैसे एक शख्स सपोर्टिंग एक्टर बना और दूसरा बेस्ट एक्टर?किस आधार पर ये तय किया गया?"
यही नहीं, उर्वशी ने रानी मुखर्जी को मिले बेस्ट एक्ट्रेस के अवॉर्ड पर भी आपत्ति जताई है. इस साल बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड शाहरुख और विक्रांत मैसी के बीच शेयर हुआ है. जबकि फीमेल कैटेगरी में केवल रानी को ही ये सम्मान मिला. ऐसे में उर्वशी ने कहा,
"इस साल बेस्ट एक्ट्रेस के अवॉर्ड को क्यों नहीं शेयर किया गया? क्या इसका कोई प्रोटोकॉल है? क्या इसका कोई ठोस मापदंड है?"
उर्वशी इन अवॉर्ड्स को लेकर इतना नाराज दिखीं कि उन्होंने खुद को मिला नेशनल अवॉर्ड भी सेलिब्रेट नहीं किया. उल्टा उन्होंने ये कह दिया कि ये कोई पेंशन मनी नहीं है. अगर सरकार किसी को ये अवॉर्ड दे रही है, तो उसे इस पर खुशी मिलनी चाहिए. मगर इस बार ऐसा नहीं हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस साल मलयालम सिनेमा को नजरअंदाज किया गया है. इसकी जांच के लिए उन्होंने केंद्र सरकार में मिनिस्टर ऑफ स्टेट सुरेश गोपी से अपील की है.
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