Allu Arjun समेत 23 अन्य लोगों को Pushpa 2 के भगदड़ मामले में आरोपी बनाया गया है. हैदराबाद के चिक्कडपल्ली पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ़ 100 पन्ने की चार्जशीट फ़ाइल की गई है. अर्जुन के अलावा इस केस में संध्या थियेटर के मालिक, मैनेजमेंट और अर्जुन के पर्सनल बॉडीगार्ड्स समेत 23 लोगों को नामजद बनाया गया है.
अल्लू अर्जुन को जेल होगी? बुरा फंसे 'पुष्पा 2' के स्टार
जांच में सामने आया है कि संध्या थिएटर में हुई भगदड़ के दौरान अल्लू अर्जुन ने कई ज़रूरी बातों का ध्यान नहीं रखा था.


04 दिसंबर 2024 को संध्या थियेटर में 'पुष्पा 2' का प्रीमियर शो रखा गया था. इस दौरान अर्जुन भी वहां आने वाले थे. खबर लगते ही हजारों की संख्या में फैंस सिनेमाघर के बाहर जमा हो गए. एक्टर जब प्रीमियर में पहुंचे, तब तक भीड़ आपे से बाहर हो चुकी थी. नतीजतन, संध्या थियेटर के बाहर भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में एक 35 साल की महिला रेवती की मौत हो गई. वहीं उनके 8 साल के बेटे श्रीतेज को ऑक्सीजन की कमी के चलते हॉस्पिटल में एडमिट करवाना पड़ गया था.
मामले की गंभीरता को देखते हुए 13 दिसंबर को अर्जुन को उनके घर से गिरफ्तार किया गया था. मगर तेलंगाना हाईकोर्ट ने उन्हें उसी दिन जमानत दे दी. हालांकि कुछ तकनीकी दिक्कतों के कारण वो जेल से अगले दिन यानी 14 दिसंबर को ही रिहा हो पाए. बाद में उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पूरी घटना पर अपना अफ़सोस जताया था.
अब एक साल बाद पुलिस ने इस पूरे मामले पर अपनी इंवेस्टिगेशन पूरी की है. इसमें उन्होंने अल्लू अर्जुन, उनके मैनेजर, स्टाफ, साथ आए 8 प्राइवेट बॉडीगार्ड्स और संध्या थियेटर के मालिक अगमति राम रेड्डी उर्फ पेड्डा राम रेड्डी समेत 23 लोगों के खिलाफ़ चार्जशीट फ़ाइल की है. नमपल्ली कोर्ट में नौवें एडीशनल चीफ ज्युडिशियल मैजिस्ट्रेट (ACJM) के सामने उन्होंने 100 पन्ने की रिपोर्ट जमा की है. इसमें अर्जुन को आरोपी नंबर 11 बनाया गया है. पेश की गई रिपोर्ट में पुलिस ने बताया कि ये पूरी दुर्घटना नामजदों द्वारा सेफ़्टी प्रोटोकॉल्स की धज्जियां उड़ाने की वजह से हुई थी.
मैनेजमेंट पर आरोप है कि उन्होंने अर्जुन के आने की जानकारी होने के बावजूद ढंग से एग्जिट प्लान नहीं बनाया था. न तो उन्होंने सुरक्षा नियमों का पालन किया और न ही वीआईपी के आने-जाने के लिए अलग रास्ते बनाए थे. रही अर्जुन की बात, तो वो हाई-रिस्क कंडीशन होने के बावजूद थियेटर पहुंच गए. मगर इसके लिए उन्होंने मैनेजमेंट और लोकल पुलिस से कॉर्डिनेट नहीं किया था. खास बात ये है कि इस प्रीमियर से पहले पुलिस ने मैनेजमेंट को अर्जुन को लाने से मना भी किया था. बावजूद इसके, ऑर्गनाइजर्स ने उनकी सलाह को नज़रअंदाज़ कर दिया.
इंवेस्टिगेटर्स का आरोप है कि प्राइवेट सिक्योरिटी की मूवमेंट और उनके जेस्चर ने इस मामले को और बढ़ा दिया था. वरना इस पूरे हादसे को टाला जा सकता था. बता दें कि आरोपियों के खिलाफ़ IPC की धारा 304-A के तहत मामला दर्ज़ किया गया है. इसके अलावा उन पर भारतीय न्याय संहिता के तहत भी मामले दर्ज़ किए गए हैं.
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