उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) के सातवें चरण से पहले ही अखिलेश यादव (Akhilesh yadav) ने बीजेपी को एक जोरदार झटका दिया है. बीजेपी की दिग्गज नेता और सांसद रीता बहुगुणा जोशी (Rita Bahuguna Joshi) के बेटे ने मयंक जोशी (Mayank Joshi) ने सपा का दामन थाम लिया है. पांच मार्च को आजमगढ़ में आयोजित एक चुनावी रैली में अखिलेश यादव ने मयंक जोशी का हाथ पकड़कर उनके सपा में शामिल होने का ऐलान किया. हाल में ही मयंक जोशी ने लखनऊ में अखिलेश यादव से मुलाकात की थी, तभी से ये कयास लगाए जा रहे थे कि वे सपा में शामिल हो सकते हैं. मयंक की मां इलाहाबाद से लोक सभा सांसद हैं.
टिकट ना मिलने से थे नाराज
इंडिया टुडे से जुड़े संतोष शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में टिकट बंटवारे के दौर में बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने लखनऊ कैंट सीट से बेटे मयंक जोशी को टिकट दिलाने की काफी कोशिश की. उन्होंने यहां तक भी कहा कि उनके बेटे मयंक को लखनऊ की कैंट सीट से टिकट मिल जाता है, तो वो सांसद पद छोड़ देंगी. हालांकि, बीजेपी ने मयंक जोशी को टिकट नहीं दिया. बीजेपी ने लखनऊ कैंट सीट से योगी सरकार के मौजूदा कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक को टिकट दे दिया.

बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी. (तस्वीर: PTI)
दरअसल, पिछले विधानसभा चुनाव में लखनऊ कैंट सीट से रीता बहुगुणा जोशी ने बीजेपी की टिकट पर जीत हासिल की थी. उन्होंने सपा-कांग्रेस गठबंध की उम्मीदवार अपर्णा यादव को हराया था. अपर्णा अब बीजेपी में शामिल हो गई हैं. क्योंकि रीता बहुगुणा जोशी ने लखनऊ कैंट से जीत हासिल की थी, ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि इस बार इस सीट से उनके बेटे को बीजेपी की टिकट मिल जाएगी.
मयंक जोशी उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा के नाती और बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे हैं. पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी भी की. साल 2017 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने अपनी मां के लिए चुनाव प्रचार भी किया था. रीता बहुगुणा जोशी का दावा है कि मयंक 12 सालों से समाजसेवा से जुड़े हैं. साल 2019 में लखनऊ कैंट विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था. तब भी मयंक को बीजेपी टिकट देने की मांग उठी थी. हालांकि, तब पार्टी हाईकमान ने सुरेश तिवारी को टिकट दे दिया. तभी से मयंक पार्टी से नाराज चल रहे थे. इस बार टिकट ना मिलने पर उन्होंने भाजपा की विरोधी पार्टी का रुख किया.