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बिहार के सबसे अमीर कैंडिडेट का क्या हुआ?

Lauriya Election Result 2025 Live: महागठबंधन के खराब प्रदर्शन के बाद VIP प्रमुख मुकेश सहनी ने हार के बाद कहा कि 'हम जनादेश को स्वीकार करते हैं.'

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रण कौशल प्रताप सिंह लौरिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे थे.

बिहार विधानसभा चुनाव में मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) को जबरदस्त झटका लगा है. महागठबंधन के लिए डिप्टी सीएम का चेहरा बने मुकेश सहनी की पार्टी 2025 विधानसभा चुनावमें खाता तक नहीं खोल पाई. बिहार की Lauriya विधानसभा सीट से VIP ने रण कौशल प्रताप सिंह को मैदान में उतारा था. रण कौशल प्रताप सिंह बिहार चुनाव में सबसे अमीर उम्मीदवार थे. उनकी कुल संपत्ति 350 करोड़ से भी अधिक है. लेकिन रण कौशल प्रताप सिंह इस सीट से चुनाव हार गए हैं. भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार विनय बिहारी ने उन्हें 26,966 मतों से चुनाव हरा दिया है. महागठबंधन के खराब प्रदर्शन के बाद VIP प्रमुख मुकेश सहनी ने हार के बाद कहा कि 'हम जनादेश को स्वीकार करते हैं.' 

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2010 में भोजपुरी गायक विनय बिहारी ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत दर्ज की और बाद में भाजपा में शामिल हो गए. उन्होंने 2015 और 2020 दोनों चुनावों में भाजपा उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की. 2020 के चुनाव में उन्होंने आरजेडी के शंभू तिवारी को 29,004 वोटों के बड़े अंतर से हराया. लौरिया विधानसभा बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में पड़ता है. ये वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. इस विधानसभा में अधिकतर इलाका ग्रामीण क्षेत्र है. ये इलाका नेपाल सीमा के नजदीक है. यहां सम्राट अशोक के काल का एक शिलालेख और नंदनगढ़ स्तूप मौजूद है. मान्यता है कि यहां भगवान बुद्ध के काल के अवशेष हैं. लिहाजा इस इलाके का ऐतिहासिक के साथ-साथ धार्मिक मान्यता भी है.

(यह भी पढ़ें: Bihar Election Results 2025 Live: रिकॉर्ड जीत के साथ बिहार में NDA सरकार, महागठबंधन 32 पर सिमटा, कांग्रेस सिर्फ 4 सीट पर आगे)

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2020 में लौरिया सीट पर कुल 1,54,127 वोट डाले गए थे. भाजपा उम्मीदवार विनय बिहारी को 49.48% वोट मिले जबकि आरजेडी के शंभू तिवारी को लगभग 30% वोट मिले. इस जीत ने भाजपा की पकड़ को और मजबूत कर दिया. लौरिया विधानसभा क्षेत्र के जातीय समीकरण को देखें तो यहां यादव, मुस्लिम, कोइरी और ब्राह्मण समुदाय की बड़ी संख्या है. 2020 में रजिस्टर्ड मतदाताओं की संख्या 2,56,277 थी, जिनमें 13.3% अनुसूचित जाति, 1.4% अनुसूचित जनजाति और 16.8% मुस्लिम वोटर शामिल थे. जातीय समीकरण यहां हर बार चुनावी परिणामों को प्रभावित करते हैं. इस बार 2025 के चुनावों में भी विनय बिहारी की जीत में इन वोटर्स ने निर्णायक भूमिका निभाई है.

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