The Lallantop

जमशेदपुर पूर्वी सीट: सीएम रघुवरदास, अपने ही बागी मंत्री सरयू राय से पार न पा सके

संबित पात्रा से ट्रिलियन में कितने जीरो पूछने वाले गौरव वल्लभ के तोते उड़ गए हैं.

Advertisement
post-main-image
मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ कैबिनेट मंत्री रहे सरयू राय और कांग्रेस के गौरव वल्लभ के मैदान में उतरने से जमशेदपुर पूर्वी सीट की लड़ाई दिलचस्प हो गई थी.
सीट का नाम- जमशेदपुर पूर्वी प्रत्याशी: सीएम रघुवरदास, बीजेपी सरयू राय, निर्दलीय गौरव बल्लभ: कांग्रेस, जेएमएम और आरजेडी गठबंधन से 

जमशेदपुर पूर्वी सीट से सीएम रघुवरदास, सरयू राय से 15833 वोटों से पीछे चल रहे हैं.

Advertisement

जमशेदपुर पूर्वी सीट. झारखंड चुनाव में इस सीट की सबसे ज्यादा चर्चा हुई. झारखंड के सीएम रघुवर दास की पारंपरिक सीट. झारखंड बनने से पहले से रघुवर दास यहां से विधायक चुने जाते रहे हैं. 1995 से लगातार चुनाव जीत रहे हैं. रघुवर दास छठवीं बार मैदान में थे. सीएम के खिलाफ उनके ही मंत्री ने बागावत कर चुनाव लड़ा. सरयू राय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री थे. रघुवरदास सरकार में. 18 नवंबर को जिस दिन सीएम रघुवर दास से अपना नामांकन भरा था, उसी दिन सरयू राय ने भी नामांकन दाखिल किया था. इस सीट से एक और प्रत्याशी मैदान में थे. कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव वल्लभ. टीवी का चेहरा. झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और आरजेडी महागठबंधन की ओर से मैदान में थे. जमशेदपुर पूर्वी सीट पर दूसरे चरण के तहत 7 दिसंबर को मतदान हुआ था.

जमशेदपुर पूर्वी सीट पर 1995 से 2014 तक रघुवर दास ने लगातार 5 बार जीत हासिल की. पिछली बार रघुवर दास ने कांग्रेस के आनंद बिहारी दुबे को 33 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था.

Advertisement

सरयू राय ने पिछली बार जमशेदपुर पश्चिम सीट से चुनाव लड़ा था. लेकिन इस बार उन्होंने अपनी दिशा बदल ली. पश्चिम से पूरब आ गए थे. क्योंकि बीजेपी ने टिकट नहीं दिया था. सीएम रघुवर दास से नहीं बनती थी तो टिकट भी नहीं मिला. सरयू राय के बारे में कहा जाता है कि वो विसलब्लोअर रहे हैं. चारा घोटाला, कोयला घोटाला और कई अन्य घोटालों का खुलासा उन्होंने किया है. 27 दिसंबर, 2018 को सीएजी की एक रिपोर्ट में कंबल घोटाले का नाम सामने आया था. सीएजी रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड की बीजेपी सरकार में ऐसे ट्रकों से धागे ‘ढोए’ गए जो तकरीबन 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ते थे. विधानसभा में सरयू राय ने सीबीआई जांच की मांग की थी. दिक्कतें बढ़ीं तो पीएम मोदी से गुहार लगाई. कहा कि उन्हें मंत्री पद से मुक्त कर दिया जाए. लेकिन ऐसा नहीं किया गया. पांच साल तक वो रघुवरदास सरकार में मंत्री रहे. चुनाव से ठीक पहले बीजेपी छोड़ दी और रघुवर दास के खिलाफ चुनाव मैदान में कूद गए.

गौरव वल्लभ गठबंधन के उम्मीदवार. एक टीवी चैनल के टॉक शो में आर्थिक मंदी पर बात हो रही थी. गौरव वल्लभ ने भाजपा के ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के सवाल पर पूछ दिया कि बताएं कि ट्रिलियन में कितने ज़ीरो होते हैं. संबित पात्रा ने जवाब नहीं दिया फिर गौरव वल्लभ को ही जवाब देना पड़ा. बताया कि ट्रिलियन में कितने ज़ीरो होते हैं. सोशल मीडिया पर लोगों ने गौरव वल्लभ की तारीफ की. लेकिन जमशेदपुर के लिए गौरव की पहचान इससे अलग है. वो जमशेदपुर स्थित XLRI मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट में पढ़ाते हैं. फाइनेंस के प्रोफेसर हैं. और यही कारण है कि कांग्रेस ने उन्हें मैदान में उतारा था. अपने परिवार के पहले व्यक्ति हैं जो राजनीति में आए थे.जनवरी 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए. पार्टी ने 10 नए प्रवक्ता नियुक्त किए तो उसमें गौरव का नाम था.


झारखंड चुनाव: जमशेदपुर में सीएम रघुवर दास और सरयू राय में किसका पलड़ा भारी है?

Advertisement
Advertisement