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जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की वजह से नहीं हो रहे विधानसभा चुनाव? चुनाव आयोग ने कारण बताया

Lok Sabha Election 2024 की तारीखों का एलान हो गया है. 7 चरणों में चुनाव संपन्न होंगे. लेकिन इलेक्शन कमीशन ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव अभी नहीं होंगे.

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5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया था. (इंडिया टुडे)

लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान तो आज हो गया. पर 5 अगस्त, 2019 को राज्य के विभाजन के बाद से केंद्र शासित राज्य जम्मू-कश्मीर चुनाव का इंतजार कर रहा है. इलेक्शन कमीशन ने लोकसभा चुनाव के साथ चार राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखें तो बताईं लेकिन जम्मू-कश्मीर का नाम आज भी नहीं लिया गया. इस केंद्र शासित राज्य में अभी चुनाव क्यों नहीं हो रहे हैं इस पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने सफाई भी दी. उन्होंने कहा-

श्रीनगर और जम्मू की हमारी हालिया यात्रा के दौरान, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने हमें बताया कि अधिक सुरक्षा आवश्यकताओं के कारण एक ही समय में दो चुनाव नहीं कराए जा सकते. प्रशासन ने हमें बताया कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए लगभग 10 से 12 उम्मीदवार होंगे, जिसका मतलब है कि लगभग 1,000 उम्मीदवार मैदान में होंगा.यानी प्रत्येक उम्मीदवार को उचित सुरक्षा कवर दिया जाना चाहिए और इसके लिए अतिरिक्त बलों की अधिक आवश्यकता होगी. आयोग लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद सुरक्षा बल उपलब्ध होने पर जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है.

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चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने सवाल उठाए. उन्होंने कहा- अगर लोकसभा चुनाव के लिए अनुकूल परिस्थितियां हैं, तो विधानसभा चुनाव के लिए ठीक कैसे नहीं है? कुछ तो गड़बड़ है.

अब्दुल्ला ने कहा कि सभी पार्टियां ये मांग कर रही थी कि विधानसभा चुनाव होने चाहिए तो देरी क्यों की जा रही है. उन्होंने कहा कि 

नेशनल कॉन्फ्रेंस, जम्मू के भाजपा नेता, अन्य दल जिन्हें चुनाव आयोग ने बुलाया था, सभी ने मांग की कि लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनाव होने चाहिए. हमें बहुत दुख हो रहा है. हम कब तक उपराज्यपाल को झेलते रहेंगे? लोगों का दिल जीतना है तो शुरुआत करनी पड़ेगी.

दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में चुनाव न कराने पर वन नेशन वन इलेक्शन पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा- 

एक राष्ट्र एक चुनाव" के लिए बहुत कुछ कहा गया. और चुनाव आयोग जम्मू-कश्मीर में आम चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव कराने में असमर्थ है.

अनुच्छेद 370 पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि जम्मू-कश्मीर में सितंबर 2024 तक विधानसभा चुनाव संपन्न हो जाने चाहिए. जिसके बाद से ये कयास लगाए जा रहे थे कि जम्मू-कश्मीर में भी लोकसभा चुनाव के साथ ही चुनाव हो सकते हैं. लेकिन चुनाव आयोग ने ये साफ कर दिया कि जम्मू-कश्मीर में फिलहाल तो चुनाव नहीं हो रहे हैं. हालांकि, लोकसभा चुनाव के बाद वहां चुनाव की संभावना जताई हैं.