हिमाचल प्रदेश में चुनाव (Himachal Pradesh Election 2022) का बिगुल बज चुका है. राज्य में 12 नवंबर को एक चरण में वोटिंग होगी. राज्य की दो प्रमुख पार्टियां कांग्रेस और बीजेपी जोर-शोर से चुनाव प्रचार कर रही हैं. विधानसभा चुनाव से पहले दी लल्लनटॉप अपने राजनीतिक मंच जमघट के तहत अलग-अलग नेताओं का इंटरव्यू कर रहा है. इसी क्रम में हमारे संपादक सौरभ द्विवेदी ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) से बातचीत की.
क्या अनुराग ठाकुर और हिमाचल CM जयराम ठाकुर में ठनी हुई है?
लल्लनटॉप के इंटरव्यू में CM जयराम ठाकुर ने अनुराग ठाकुर से संबंधों पर खुलकर बताया!

इस बातचीत में जयराम ठाकुर से अनुराग ठाकुर से संबंधों को लेकर सवाल किया गया. पूछा गया कि उनके और अनुराग ठाकुर के बीच सबकुछ ठीक नहीं बताया जाता है? साथ ही सेंट्रल यूनिवर्सिटी के देहरा कैंपस का मुद्दा क्या है? जिसे लेकर उनके ऊपर अनुराग ठाकुर ने तंज कसा. कहा जाता है कि ये खींचतान इसलिए है क्योंकि अनुराग ठाकुर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के बेटे हैं और इस वजह से वे जयराम ठाकुर के लिए एक चैलेंजर हैं.
इन सवालों पर हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा,
'2009 में सेंट्रल यूनिवर्सिटी धर्मशाला के नाम पर स्वीकृत हुई थी. फिर हमारी ही पार्टी की सरकार ने तय किया कि इसके दो कैंपस होंगे, एक देहरा में और दूसरा धर्मशाला में. इनके लिए जमीन तलाशी गई. जब जमीन मिली तो क्लीयरेंस का मुद्दा सामने आ गया. हिमाचल में क्लीयरेंस की एक लम्बी प्रोसेस है. पिछली कांग्रेस की सरकार ने इस पर कुछ नहीं किया. जमीन अधिग्रहण में वनक्षेत्र को लेकर मुद्दा था, वो पिछली सरकार में लटका रहा. हमारी इस सरकार के आने के बाद हमने और केंद्र सरकार ने मिलकर वो सब अड़चनें दूर कीं. अनुराग ठाकुर ने भी इसमें काम किया.'
सीएम जयराम ठाकुर ने आगे कहा,
'लेकिन इस सब के बाद भी धर्मशाला में जमीन उपलब्ध नहीं हो पाई. कुछ क्लीयरेंस की दिक्क़तें बनी रहीं. उधर, देहरा में थोड़ी जमीन सरकार की ही थी, जो उपलब्ध हो गई थी. मैंने कहा कि उस थोड़े हिस्से पर ही यूनिवर्सिटी बनने का काम शुरू हो जाए. बाकी जमीन का जब क्लीयरेंस मिलेगा, तब वहां पर काम शुरू हो जाएगा. लेकिन केंद्रीय एचआरडी मिनिस्ट्री ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता, पूरी जमीन पर एक साथ ही काम होगा. इस वजह से फिर यूनिवर्सिटी का काम डिले हो गया. अनुराग जी चाहते थे कि जल्दी काम हो. हमने उनसे कहा कि वो केंद्र में मंत्री हैं, तो इस अड़चन को दूर करने में मदद करें. हमारी कई बार उनसे चर्चा हुई. लेकिन, पता नहीं क्यों अनावश्यक रूप से उन्होंने इस मुद्दे पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया दे दी. उनकी बात को किसी ने पसंद नहीं किया. इसलिए पसंद नहीं किया गया क्योंकि हमारी उसमें कोई गलती नहीं थी. हकीकत कुछ और थी लेकिन वहां कुछ और बात कही गई. फिलहाल उन्होंने जो कहा उस पर मैंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. मैंने बस इतना कहा कि इस मुद्दे पर बैठकर चर्चा करेंगे और समाधान निकालेंगे.
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इस मुद्दे पर आगे बोले कि कुछ समय पहले ये सब बातें हुई थीं. लेकिन, अब उस घटना से आगे बढ़ चुके हैं.
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