The Lallantop

"सिर्फ चुनाव के समय ही..." वोटर लिस्ट से नाम काटने के आरोपों पर चुनाव आयोग की सफाई

AAP नेता Sanjay Singh ने आरोप लगाया था BJP वोटर लिस्ट से पूर्वांचल के लोगों का वोट कटवा रही है. चुनाव आयुक्त Rajeev Kumar ने कहा है कि आयोग की व्यवस्था इतनी परफेक्ट है कि ऐसी गड़बड़ी कभी हो ही नहीं सकती.

post-main-image
5 फरवरी को दिल्ली में वोटिंग होनी है.

दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election) के लिए तारीखों का एलान हो गया है. चुनाव आयोग ने वोटिंग के लिए 5 फरवरी और गिनती के लिए 8 फरवरी की तारीख तय की है. इससे पहले आम आदमी पार्टी (AAP) ने BJP पर वोटर लिस्ट से लोगों के नाम कटवाने (Voter List Controversy) का आरोप लगाया था. इस सवाल पर चुनाव आयोग ने अपनी सफाई दी है. ECI ने कहा है कि वोटर लिस्ट में बदलाव करने से पहले सभी राजनीतिक दलों को इसकी जानकारी दी जाती है.

चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मीडिया को बताया,

“जब भी इलेक्टोरल रोल बनता है, रेगुलर मीटिंग होती है, फॉर्म 6 के बिना हो नहीं सकता. हर पार्टी को BLA (बूथ लेवल एजेंट) नियुक्त करने का अधिकार है. जो भी आपत्तियां आती हैं, उन्हें हाथ के हाथ, हर पार्टी के साथ शेयर किया जाता है. वेबसाइट पर ड्राफ्ट डाले जाते हैं. पोलिंग स्टेशन के रेशनलाइजेशन में कंसल्ट किया जाता है. कोई नाम कट जाए, ऐसा हो ही नहीं सकता, अगर उसके पीछे फॉर्म 7 नहीं है. यहां तक कि अगर किसी की मृत्यु हो गई है, BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) के माध्यम से हम उसका भी डेथ सर्टिफिकेट अपने रिकॉर्ड में लगाके रखते हैं. इसके अतिरिक्त अगर किसी का नाम कटना है तो हम उसको नोटिस देते हैं. वेबसाइट पर डालते हैं. क्लेम और ऑब्जेक्शन का टाइम देते हैं. मेहनत करके हमने इस पूरी प्रक्रिया का चार्ट बनाया है.”

चुनाव आयोग ने एक चार्ट भी दिखाया. 

ये भी पढ़ें: वोटर लिस्ट से नाम कैसे हटाए जाते हैं, जिसको लेकर AAP ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाया है?

ECI on Voter List Controversy
चुनाव आयोग की ओर से शेयर किया गया चार्ट.

उन्होंने आगे कहा,

“हिंदुस्तान में कोई दूसरी प्रक्रिया ऐसी नहीं है, जिसमें इस तरह के डेटा का हर साल वेरिफिकेशन किया जाता हो. अक्टूबर में एक सर्वे शुरू किया जाता है, ड्राफ्ट रोल की दो-दो कॉपी हरेक पार्टी को फ्री में दी जाती हैं. उनसे कहा जाता है कि कोई भी ऑब्जेक्शन हो तो हमें बताइए. बिना पर्सनल हियरिंग के और बिना मौका दिए, नाम नहीं हटाया जा सकता. किसी पोलिंग स्टेशन पर 2 परसेंट से ज्यादा नाम कट गए तो ERO (इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर) और ARO (असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर) को पर्सनली जाके चेकिंग करनी है. ये एक परफेक्ट सिस्टम है और ये हर साल होता है.”

ये भी पढ़ें: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का एलान, 5 फरवरी को वोटिंग और 8 फरवरी को आएंगे नतीजे

राजीव कुमार ने कहा कि सिर्फ चुनाव के समय ही ऐसे मुद्दे उठाए जाते हैं. उन्होंने बताया,

“सोचकर देखिए, जहां एक-एक वोट की लड़ाई होती है. वहां पर किसी पोलिंग स्टेशन से या निर्वाचन क्षेत्र से कहा जाता है कि एक साथ हजारों वोटर का नाम काट दिया जाता है तो बताइए वहां क्या स्थिति होती होगी. और मान लीजिए कि किसी वजह से 1 परसेंट ऐसा हो गया, तो जनवरी से अक्टूबर तक का समय है. इस बीच में फॉर्म क्यों नहीं भरे जाते कि ये डिलीट कर दिया जाए या नया जोड़ दिया जाए. सिर्फ चुनावों के समय इस तरह के मुद्दे उठाए जाते हैं. हमारे पास इस तरह की कोई भी सूचना आती है तो हम एक्शन लेते हैं.”

Sanjay Singh ने क्या आरोप लगाया था?

AAP सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया था कि BJP, दिल्ली के अंदर पूर्वांचल (यूपी-बिहार) के लोगों का वोट कटवा रही है. इससे पहले दिल्ली की CM आतिशी ने भी BJP पर ऐसे ही आरोप लगाए थे. आम आदमी पार्टी के लगाए इन आरोपों से BJP इनकार करती रही है. चुनाव आयोग ने पहले भी इस मामले पर अपनी सफाई दी थी.

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: वोटर लिस्ट से डेटा चुराकर गड़बड़ी करने के आरोप में 3 गिरफ्तार