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दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का एलान, 5 फरवरी को वोटिंग और 8 फरवरी को आएंगे नतीजे

Delhi Assembly Election 2025 : चुनाव आयोग ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का एलान कर दिया है. चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार ने चुनाव की तारीखों का एलान किया.

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Delhi vidhansabha chunav election commission
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का एलान हो गया है. (इंडिया टुडे)
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आनंद कुमार
7 जनवरी 2025 (Updated: 7 जनवरी 2025, 03:52 PM IST)
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दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Vidhansabha Chunav) के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का एलान कर दिया है. 5 फरवरी को दिल्ली विधानसभा के लिए वोटिंग होगी और 8 फरवरी को वोटों की गिनती की जाएगी. चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तारीखों का एलान किया है. दिल्ली चुनाव के साथ-साथ चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर और तमिलनाडु की इरोड सीट पर उपचुनाव की घोषणा की है. इन दोनों सीटों के लिए भी 5 फरवरी को ही वोटिंग होंगी. और 8 फरवरी को नतीजे आएंगे. उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर सीट सपा नेता अवधेश प्रसाद के फैजाबाद से सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई थी.

10 जनवरी को चुनाव आयोग दिल्ली चुनाव के लिए गजट नोटिफिकेशन जारी करेगा. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया,

 कैंडिडेट्स के लिए नॉमिनेशन की आखिरी तारीख 17 जनवरी है. 18 जनवरी को कैंडिडेट्स के नामों की स्क्रूटनी की जाएगी. और चुनाव से नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 20 जनवरी है. 

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चुनाव आयोग 

दिल्ली में इस बार वोटर्स के लिए 13 हजार 33 पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे. दिव्यांगो और बुजुर्गों को वोट देने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. 85 साल से ज्यादा के बुजुर्ग घर से वोट कर सकेंगे. दिल्ली में अभी आम आदमी पार्टी की सरकार है. दिल्ली चुनाव में इस बार भी AAP, BJP और कांग्रेस के बीच चुनावी मुकाबला देखने को मिलेगा.

इससे पहले 6 जनवरी को चुनाव आयोग ने दिल्ली चुनाव के लिए फाइनल वोटर लिस्ट जारी की थी. दिल्ली में इस बार कुल 1 करोड़ 55 लाख 24 हजार 858 वोटर हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक दिल्ली में इस बार कुल 1.55 करोड़ से ज्यादा वोटर्स होंगे. इनमें पुरुष वोटर्स की संख्या 83 लाख 49 हजार 645 है. जबकि महिला वोटर्स की संख्या 71 लाख 73 हजार 952 और थर्ड जेंडर वोटर्स की संख्या 1 हजार 261 है. इसके अलावा 2 लाख से ज्यादा वोटर्स दिल्ली विधानसभा के लिए पहली बार वोट करेंगे.

दिल्ली में 2020 के विधानसभा चुनाव की तुलना में 7.26 लाख और 2024 की तुलना में 3.10 लाख वोटर्स बढ़ गए हैं. 2020 चुनाव के वक्त दिल्ली में 1 लाख 47 हजार वोटर्स थे. जबकि पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव के वक्त दिल्ली में वोटर्स की संख्या 1 करोड़ 52 लाख से ज्यादा थी.

चुनाव आयोग ने दिल्ली में वोटर लिस्ट पर मचे घमासान के बीच फाइनल लिस्ट जारी की है. आम आदमी पार्टी लगातार वोटर लिस्ट से उनके समर्थकों के नाम काटे जाने के आरोपों को लेकर हमलावर है. कुछ दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बीजेपी पर वोटर लिस्ट से वोटर्स के नाम हटाने के लिए अर्जी दाखिल करने के आरोप लगाए थे. चुनाव आयोग ने AAP की आरोपों पर सफाई दी है. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया, 

“जब भी इलेक्टोरल रोल बनता है, रेगुलर मीटिंग होती है, फॉर्म 6 के बिना हो नहीं सकता. हर पार्टी को BLA (बूथ लेवल एजेंट) नियुक्त करने का अधिकार है. जो भी आपत्तियां आती हैं, उसे हाथ के हाथ, हर पार्टी के साथ शेयर किए जाता है. वेबसाइट पर ड्राफ्ट डाले जाते हैं. पोलिंग स्टेशन के रेशनलाइजेशन में कंसल्ट किया जाता है. कोई नाम कट जाए, ऐसा हो ही नहीं सकता, अगर उसके पीछे फॉर्म 7 नहीं है. यहां तक कि अगर किसी की मृत्यु हो गई है, BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) के माध्यम से हम उसका भी डेथ सर्टिफिकेट अपने रिकॉर्ड में लगाके रखते हैं. इसके अतिरिक्त अगर किसी का ना कटना है तो हम उसको नोटिस देते हैं. वेबसाइट पर डालते हैं. क्लेम और ऑब्जेक्शन का टाइम देते हैं. मेहनत करके हमने इस पूरी प्रक्रिया का चार्ट बनाया है.”

उन्होंने आगे कहा,

हिंदूस्तान में कोई दूसरी प्रक्रिया ऐसी नहीं है, जिसमें इस तरह के डेटा का हर साल वेरिफिकेशन किया जाता हो. अक्टूबर में एक सर्वे शुरू किया जाता है, ड्राफ्ट रोल की दो-दो कॉपी हरेक पार्टी को फ्री में दी जाती है. उनसे कहा जाता है कि कोई भी ऑब्जेक्शन हो तो हमें बताइए. बिना पर्सनल हियरिंग के और बिना मौका दिए नाम नहीं हटाया जा सकता. किसी पोलिंग स्टेशन पर 2 परसेंट से ज्यादा नाम कट गए तो ERO (इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर) और ARO (असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर) को पर्सनली जाके चेकिंग करनी है. ये एक परफेक्ट सिस्टम है और ये हर साल होता है.

दिल्ली में पिछले दो विधानसभा चुनाव में AAP 70 में से 60 से ज्यादा सीटें जीतकर सरकार बना रही है. 2015 के चुनाव में AAP को 67 सीटें मिली थीं. यह दिल्ली के इतिहास में किसी भी पार्टी का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन था. इसके बाद 2020 के चुनाव में AAP ने 70 में से 62 सीटें जीतीं. जबकि बीजेपी के खाते में 8 सीट गई. वहीं कांग्रेस पिछले दो चुनावों से अपना खाता भी नहीं खोल सकी है.

वीडियो: दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP की अंतिम सूची में कितने विधायकों के टिकट काटे गए? अरविंद केजरीवाल किस सीट से चुनाव लड़ेंगे?

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