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Chhattisgarh Election Results: टीएस सिंहदेव सीएम बनना चाहते थे, विधायक भी नहीं बने

छत्तीसगढ़ में 'बाबा' के नाम से मशहूर टीएस सिंहदेव का अंबिकापुर से विधायक रहे. ये क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. 2003 के विधानसभा चुनाव छोड़ दिया जाएं तो ये सीट हमेशा से कांग्रेस के कब्जे में रही है. लेकिन इस बार पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है.

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छत्तीसगढ़ में 'बाबा' के नाम से मशहूर टीएस की सीट अंबिकापुर कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी. (फोटो- ट्विटर)

छत्तीसगढ़ की हाई प्रोफाइल अंबिकापुर सीट से डिप्टी सीएम टीएस सिंह देव केवल 94 वोटों से चुनाव हार गए हैं (TS Singh Deo loses Ambikapur seat). भारतीय जनता पार्टी के राजेश अग्रवाल ने उन्हें हरा दिया है. चुनाव आयोग के डेटा (Assembly Elections 2023) के मुताबिक टीएस सिंहदेव को 90 हजार 686 वोट मिले और उन्हें हराने वाले राजेश अग्रवाल को 90 हजार 780 लोगों ने वोट किया. मुकाबला बेहद करीबी रहा. टीएस सिंहदेव को सीएम पद का दावेदार बताया जाता था, लेकिन वो विधायक भी नहीं बन पाए. 

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सीएम बनना था, विधायक भी नहीं बने

भूपेश सरकार के पूरे कार्यकाल के दौरान टीएस सिंहदेव की मुख्यमंत्री से तल्खी के चर्चे रहे. चुनाव नतीजों से ऐन पहले तक टीएस सिंहदेव को सीएम की रेस में गिना जा रहा था. छत्तीसगढ़ में 'बाबा' के नाम से मशहूर टीएस की सीट अंबिकापुर कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी. 2003 का विधानसभा चुनाव छोड़ दिया जाए तो ये सीट हमेशा से कांग्रेस के कब्जे में रही है. 2003 में परिसीमन के पहले आरक्षित रही अंबिकापुर सीट पर बीजेपी के कमलभान सिंह ने बीजेपी को जीत दिलाई थी. 2008 में परिसीमन के बाद अंबिकापुर जनरल सीट बन गई. 2008, 2013 और 2018 में इस सीट से टीएस सिंहदेव जीते.

लेकिन इस बार नतीजा उनके पक्ष में नहीं आया. पांच साल बेहतर सरकार चलाने का दावा करने वाली कांग्रेस बहुमत के आंकड़े से दूर है. सरकार के कई हाई प्रोफाइल मंत्री चुनाव हार गए हैं. सीएम बघेल जरूर पाटन से चुनाव जीते, लेकिन बीजेपी के विजय बघेल से उन्हें कड़ी टक्कर मिली. रिश्ते में विजय के चाचा भूपेश को बघेल को 95 हजार से ज्यादा वोट किया, जबकि विजय को 75 हजार से अधिक वोट मिले. जीत का अंतर 19 हजार 723 रहा.

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लेकिन भूपेश बघेल के कई मंत्री अपनी सीट नहीं बचा पाए. दुर्ग ग्रामीण की सीट हाई प्रोफाइल मानी जाती है. यहां से कांग्रेस सरकार के गृह मंत्री रहे ताम्रध्वज साहू को बीजेपी के ललित चंद्राकर ने 16 हजार 642 वोटों से हरा दिया है.

साजा विधानसभा सीट से 6 बार के विधायक और सरकार के संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे चुनावी मैदान में थे. उन्हें बीजेपी के ईश्वर साहू ने 5196 वोटों से मात दे दी है. साहू को एक लाख से ज्यादा मतदाताओं ने वोट किया.

वहीं राज्य के लोक स्वास्थ्य और यांत्रिकी विभाग का कामकाज देखने वाले गुरु रूद्र कुमार नवगढ़ सीट से हार गए हैं. उन्हें बीजेपी के दयालदास बघेल ने 15 हजार से ज्यादा वोटों से हराया. 

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वहीं ट्रांसपोर्ट मंत्री रहे मोहम्मद अकबर को कवर्धा सीट खोनी पड़ी है. उन्हें बीजेपी के विजय शर्मा ने करीब 40 हजार के बड़े मार्जिन से हराया है.

वीडियो: जमघट: टीएस सिंहदेव ने इंटरव्यू में भूपेश बघेल, राहुल गांधी के जमकर राज खोले

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