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तो इसलिए प्रशांत किशोर ने कैप्टन अमरिंदर सिंह का साथ छोड़ा

अमरिंदर सिंह के सीएम रहते हुए प्रशांत किशोर उनके प्रमुख सलाहकार नियुक्ति किए गए थे.

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20 फरवरी को पंजाब में वोट डाले जाएंगे
पंजाब विधानसभा चुनाव से छह महीने पहले अगस्त 2021 में प्रशांत किशोर ने तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रमुख सलाहकार के पद से इस्तीफा दे दिया था. विधानसभा चुनावों के लिहाज से उनकी नियुक्ति कैप्टन के लिए काफी अहम बताई गई थी. लेकिन चुनाव की परीक्षा आने से पहले ही प्रशांत अमरिंदर का साथ छोड़ गए. तब इसे लेकर कई तरह की अटकलें लगाई गई थीं. इसीलिए जब लल्लनटॉप के विशेष चुनावी शो 'जमघट' में कैप्टन अमरिंदर सिंह का इंटरव्यू लिया गया तो उनसे पूछे गए तमाम सवालों में प्रशांत किशोर का जिक्र भी आया. हमारे संपादक सौरभ द्विवेदी ने कैप्टन से पूछा,
आपने प्रशांत किशोर को एक सलाहकार के रूप में अपॉइंट किया था. आप दोनों के बीच ऐसा क्या हुआ कि दोनों का साथ अलग हो गया?
इसके जवाब में कैप्टन ने कहा,
हम दोनों के बीच कुछ बुरा नहीं हुआ था. उन्होंने (प्रशांत किशोर ने) पश्चिम बंगाल के चुनाव के बाद ही ये घोषणा कर दी थी कि अब वो ये काम किसी और राज्य में नहीं करेंगे. उसी वक़्त उन्होंने मुझसे कहा कि अब मैंने ये फ़ैसला ले लिया है मैं रिजाइन कर रहा हूं. मैंने उनसे कहा आप रिज़ाइन कर दो.
कैप्टन से फिर सवाल पूछा गया,
दिल्ली में इस तरह की बातें चलती हैं कि प्रशांत किशोर ही सोनिया गांधी को एडवाइस करते हैं, उन्होंने ही सिद्धू को लाने की बात कही. क्या इस विषय में आपकी प्रशांत से कुछ बात हुई?
इस पर कैप्टन ने जवाब दिया,
नहीं, मेरी इस विषय पर उनसे कोई बात नहीं हुई. और मुझे इस बात पर यक़ीन भी नहीं है कि उन्होंने ऐसा कुछ कहा होगा. मैं प्रशांत किशोर को लंबे वक़्त से जानता हूं. मेरा पिछला चुनाव भी उन्होंने ही लड़ा था. वो ऐसे इंसान नहीं हैं जो चेहरे पर कुछ कहते हैं और पीठ पीछे कुछ. 
कैप्टन ने कहा कि अगर ऐसा ही था तो कांग्रेस ने उनको अपना एडवाइज़र क्यों नहीं बना लिया. उनके मुताबिक प्रशांत किशोर तो कांग्रेस के एडवाइज़र बनना चाहते थे.