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Bihar Election: तेजस्वी ने 'एक्स्ट्रीमिस्ट' कहा था, अब सीमांचल में AIMIM ने गदर काट दिया

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने बिहार चुनाव में 4 सीटें जीत ली हैं. 5वीं सीट पर भी उसका उम्मीदवार आगे चल रहा है. ओवैसी की पार्टी ने सीमांचल इलाके में 2020 में 5 सीटें जीती थीं.

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ओवैसी की पार्टी ने बिहार में 4 सीटें जीत ली हैं (India today)

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानी AIMIM ने बिहार चुनाव में 2020 वाला कमाल दोहरा दिया है. सीमांचल की 4 सीटों पर ओवैसी की पार्टी के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज कर ली है. एक सीट पर आगे भी चल रही है. इस नतीजे ने 2020 की याद दिला दी है, जब ओवैसी के 5 विधायक जीते थे. हालांकि, इनमें से 4 बाद में राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गए थे. 

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ECI के मुताबिक, 

- जोकीहाट से AIMIM के मुर्शिद आलम ने 28 हजार वोटों से चुनाव जीता है. उन्होंने जेडीयू के मंजर आलम को हराया है. आरजेडी के शाहनवाज यहां चौथे नंबर पर खिसक गए हैं. तीसरे पर जनसुराज के उम्मीदवार ने जगह बनाई है.

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- बहादुरगंज से MIM के मौहम्मद तौसीफ आलम ने 28 हजार 726 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है. कांग्रेस के मोहम्मद मसव्वर आलम दूसरे नंबर पर हैं. लोजपा (आरवी) यहां तीसरे नंबर पर रही.

- कोचाधामन से AIMIM के सरवर आलम 23 हजार 21 से जीत गए हैं. राजद के मुजाहिद आलम यहां दूसरे नंबर पर हैं. तीसरे नंबर पर भाजपा की बीना देवी रहीं.

- अमौर से अख्तरुल ईमान 38 हजार 928 वोटों से जीते. जदयू की सबा जफर दूसरे नंबर पर और कांग्रेस के अब्दुल जलील मस्तान तीसरे नंबर पर रहे.

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- बैसी में पार्टी के प्रत्याशी गुलाम सरवर 27 हजार वोटों से आगे हैं. दूसरे नंबर पर भाजपा के विनोद कुमार हैं. राजद के अब्दुस सुभान तीसरे नंबर पर हैं.

AIMIM
AIMIM ने बिहार की 4 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है (ECI)
सीमांचल में AIMIM का प्रदर्शन

बिहार के 4 जिलों किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया को सीमांचल कहा जाता है. पिछले चुनाव में भी ओवैसी की पार्टी ने इसी सीमांचल इलाके में 5 सीटों अमौर, बहादुरगंज, बायसी, जोकीहाट और कोचाधामन पर जीत दर्ज की थी. लेकिन अख्तरुल ईमान को छोड़कर बाकी 4 विधायकों ने बाद में राजद का दामन थाम लिया था. जिन सीटों पर ओवैसी के उम्मीदवार जीते थे, साल 2015 में उन सीटों पर महागठबंधन का कब्जा था.  

महागठबंधन में शामिल होने की चाह

इस बार यानी 2025 के बिहार चुनाव में AIMIM ने पूरे बिहार में 25 उम्मीदवार उतारे. हालांकि, वो चाहती थी कि महागठबंधन में उसे भी शामिल कर लिया जाए. पार्टी ने बिहार चुनाव के ऐलान के तुरंत बाद चिट्ठी लिखकर AIMIM को महागठबंधन में शामिल करने की अपील भी की थी. पार्टी की मांग थी कि उसे सीमांचल की उन 6 सीटों पर लड़ने दिया जाए, जहां AIMIM की स्थिति मजबूत है. इनमें से ज्यादातर वही सीटें थीं, जिस पर ओवैसी की पार्टी ने 2020 में जीत दर्ज की थी. लेकिन राजद ने 'दे दो केवल 5 ग्राम' वाली ओवैसी की अपील को ठुकरा दिया.

एक इंटरव्यू में तेजस्वी यादव ने AIMIM की ओर इशारा करते हुए कहा, 'हमारे गठबंधन में एक्सट्रीमिस्ट की कोई जगह नहीं है.' 

ओवैसी ने इसके जवाब में तेजस्वी को खूब सुनाया और कहा,

सिर पर टोपी और चेहरे पर दाढ़ी देखकर एक्सट्रीमिस्ट कहते हो. ये पूरे सीमांचल के आवाम की तौहीन है.

फिर क्या था. इस बार ओवैसी ने कह दिया, 'याचना नहीं अब रण होगा.' NDTV से एक इंटरव्यू में ओवैसी तेजस्वी का नाम लिए बिना बोले,

जब हम सीमांचल में पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे तो कोई ये न बोले कि मम्मी-मम्मी हमसे चॉकलेट छीन ली.

अब चुनावी नतीजों में ये साफ हो गया है कि सीमांचल में ही सही ओवैसी ने ‘तेजस्वी की चॉकलेट तो छीन ही ली’ है.

इस बार सीमांचल इलाके में महागठबंधन से कांग्रेस 12 सीटों पर, आरजेडी 9 सीटों पर, वीआईपी 2 सीटों पर और सीपीआई-माले एक सीट पर लड़ी. AIMIM ने पूरे बिहार में 25 उम्मीदवार उतारे, जिसमें सीमांचल इलाके की 15 सीटें शामिल हैं.

बीबीसी की एक रिपोर्ट में ‘माइनॉरिटी कमिशन ऑफ बिहार’ के आंकड़ों के हवाले से बताया गया है कि सीमांचल के किशनगंज जिले में 67% मुस्लिम, कटिहार जिले में 42%, अररिया जिले में 41% और पूर्णिया जिले में 37% मुस्लिम आबादी है.

बिहार में AIMIM

AIMIM की स्थापना तो साल 1927 में हैदराबाद में नवाब महमूद खान किलेदार की अगुआई में हुई थी. लेकिन तब ये पार्टी हैदराबाद के आसपास ही सीमित रही. अब जब पार्टी की कमान बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी के हाथ में है तब ये पार्टी बिहार, बंगाल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में भी अपना विस्तार कर रही है. साल 2015 में पहली बार पार्टी ने बिहार के सीमांचल की 6 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. हालांकि, उस समय वह एक भी सीट नहीं जीती, लेकिन इसके 4 साल बाद 2019 के किशनगंज उपचुनाव में जीत दर्ज कर AIMIM ने राज्य में अपना खाता खोल दिया. इस उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार कमरूल होदा ने बीजेपी की स्वीटी सिंह को हराकर बिहार में पादार्पण किया था. 

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