बिहार चुनाव (Bihar Election Result 2025) के नतीजे महागठबंधन और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के लिए बेहद निराशाजनक रहे. 6 दलों के महागठबंधन को सिर्फ 35 सीटें मिलीं, जबकि भाजपा और जेडीयू की अगुआई वाले एनडीए ने 243 में से 202 सीटों पर बाजी मार ली. दिलचस्प बात ये है कि 2020 के चुनाव में आरजेडी और भाजपा का जो वोट शेयर था, इस बार भी मामूली अंतर के साथ तकरीबन उतना ही रहा लेकिन दोनों दलों की सीटों में ‘अर्श-फर्श’ का अंतर आ गया. भाजपा को जहां 89 सीटें मिलीं. वहीं जेडीयू को 25 सीटों पर संतोष करना पड़ा है.
BJP और RJD को उतने ही वोट मिले जितने पिछली बार मिले थे, तो NDA 200 के पार कैसे पहुंचा?
बिहार के चुनाव में आरजेडी और भाजपा के वोट शेयर में ज्यादा बदलाव नहीं रहा लेकिन सीटों में जबर्दस्त अंतर देखने को मिला है. दोनों गठबंधन के वोट शेयर में भी पिछली बार बेहद मामूली अंतर था जो इस बार 10 फीसदी तक पहुंच गया.
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14 नवंबर 2025 को बिहार चुनाव के घोषित नतीजों के मुताबिक, भाजपा को इस बार 20.08 फीसदी वोट मिले हैं. साल 2020 में पार्टी का वोट शेयर 19.46 प्रतिशत था. राजद को इस साल 23 फीसदी वोट मिले हैं जबकि साल 2020 में उसे 23.11 प्रतिशत मत मिले थे. राजद के वोट शेयर में गिरावट सिर्फ 0.11 प्रतिशत रही लेकिन सीटें भाजपा के मुकाबले आसमान से जमीन पर गिर पड़ी हैं.
भाजपा का स्ट्राइक रेट भी इस चुनाव में दमदार रहा है. वह 101 सीटों पर लड़ी और 89 पर जीती. यानी 89 फीसदी का स्ट्राइक रेट. वहीं राजद ने 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे. जीती सिर्फ 25. यानी, वोट तो मिले लेकिन वोट सीट में कन्वर्ट नहीं हुए. स्ट्राइक रेट रहा 18% का.
भाजपा से ज्यादा वोट शेयर के बाद भी राजद चुनाव हार गई. सिर्फ भाजपा से ही ज्यादा नहीं बल्कि बिहार चुनाव में सबसे ज्यादा वोट शेयर वाली पार्टी राजद ही है. वोट शेयर को सरल शब्दों में समझें तो यह किसी पार्टी को चुनाव में मिले कुल वोटों का प्रतिशत होता है. यह बताता है कि कोई पार्टी या उम्मीदवार वोट देने वाले लोगों के बीच कितना लोकप्रिय है.
इससे यह तो साफ है कि बिहार के मतदाताओं के बीच राजद की लोकप्रियता कम नहीं हुई है.
तेजस्वी की पार्टी को भाजपा या जेडीयू से ज्यादा वोट शेयर मिलने की एक और वजह उसकी सीटों की संख्या है. राजद इस बार 143 सीटों पर लड़ी थी. दूसरी ओर, भाजपा और जेडीयू ने सीटों का बराबर बंटवारा किया था और 101-101 सीटों पर चुनाव लड़े. इस तरह से राजद ने भाजपा और जेडीयू से 42 सीटें ज्यादा लड़ी. इस तरह से इस चुनाव में राजद के वोट शेयर सबसे ज्यादा रहे.
वोट शेयर के मामले में जेडीयू की बात करें तो सबसे ज्यादा फायदे में वही है. 2020 के चुनाव में उसे 15.39 फीसदी वोट मिले थे लेकिन इस बार उसने 3 फीसदी वोटों की बढ़त हासिल करते हुए 19.25 फीसदी वोट झटक लिए. सीटें भी बढ़ी हैं. पार्टी 2020 के 43 सीटों से 2025 के 85 सीटों तक पहुंच गई है.
कांग्रेस को वोट शेयर में नुकसान हुआ है. 2020 में जहां उसे 9.48 फीसदी वोट मिले थे. इस बार वह सिर्फ 8.71 फीसदी वोटों पर सिमट गई. सीटों में भी काफी घाटा हुआ है. 2020 में कांग्रेस ने 19 सीटें जीती थीं. इस बार उसे सिर्फ 6 सीटें मिली हैं.
| पार्टी | वोट शेयर (2020 में) | वोट शेयर (2025 में) |
| RJD | 23.11% | 23.00% |
| BJP | 19.46% | 20.08% |
| JDU | 15.39% | 19.25% |
| INC | 9.48% | 8.71% |
| LJPRV | 5.66% | 4.97% |
| CPI(ML)(L) | 3.16% | 2.84% |
| AIMIM | 1.24% | 1.85% |
| CPI | 0.83% | 0.74% |
| CPM | 0.65% | 0.60% |
पार्टीवाइज वोट शेयर में भले ही बहुत मामूली बदलावों का अंतर दिखता हो लेकिन गठबंधन के स्तर पर दोनों धड़ों के वोट शेयर में बड़ा गैप आया है. साल 2020 में एनडीए और महागठबंधन के वोट शेयर तकरीबन बराबर थे. एनडीए को तब 37.26 और महागठबंधन को 36.58 फीसदी वोट मिले थे. यानी सिर्फ 0.03 प्रतिशत का अंतर. सीटों में भी बहुत ज्यादा अंतर नहीं था. एनडीए को बहुमत से सिर्फ 3 ज्यादा 125 सीटें मिली थीं. लेकिन इस बार दोनों धड़ों में न सिर्फ सीटों की गहरी खाई है बल्कि वोट शेयर में भी 10 फीसदी का बड़ा अंतर आया है.
2025 के बिहार चुनाव में एनडीए का वोट शेयर जहां 46.6 प्रतिशत तक पहुंच गया, वहीं महागठबंधन ‘खड़ा हूं आज भी वहीं’ की तर्ज पर 37.9 प्रतिशत के आसपास अटका रहा.
भाजपा के अलावा एनडीए के बाकी दलों ने भी ठीक-ठाक वोट जुटाए. सबसे अहम बात कि NDA के दल अपने-अपने वोटबैंक को दूसरे दलों में ट्रांस्फर करवाने में कामयाब रहे. लेकिन राजद को उसके महागठबंधन सहयोगियों कांग्रेस, वीआईपी और वामपंथी दलों का वैसा साथ नहीं मिला.
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