The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Election
  • supreme court asked election commission to include aadhar in bihar sir process

आधार अब वोटर लिस्ट में 12वां दस्तावेज, SIR पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश

Supreme Court ने Election Commission को Bihar में चल रहे SIR प्रक्रिया में आधार को 12वें दस्तावेज के तौर पर मान्यता देने का निर्देश दिया है. इस फैसले के बाद बिहार में Voter List से बाहर हुए लाखों वोटर्स को राहत मिलने की उम्मीद है.

Advertisement
bihar election sir aadhar card nitish kumar tejashwi yadav
सुप्रीम कोर्ट ने आधार को SIR में 12वें दस्तावेज के तौर पर शामिल करने के निर्देश दिेए हैं.
pic
आनंद कुमार
9 सितंबर 2025 (Published: 09:36 AM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

बिहार (Bihar) में चल रहे वोटर लिस्ट रिवीजन (SIR) से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है. कोर्ट ने चुनाव आयोग ( Election Commission) को आदेश दिया कि वोटर की पहचान के लिए आधार को 12वें दस्तावेज के तौर पर माना जाए. इसके साथ ही कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया कि आधार केवल पहचान के लिए मान्य होगा. अधिकारियों को आधार कार्ड की प्रामाणिकता की जांच करने का अधिकार होगा.

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने आधार को 12वां दस्तावेज मानने के आदेश दिए. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि आधार पहचान का प्रमाणपत्र है नागरिकता का नहीं. अधिकारियों को दूसरे लिस्टेड दस्तावेजों की तरह आधार कार्ड की प्रामाणिकता और वास्तविकता को जांचने का अधिकार होगा.

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि कानून साफ है कि आधार एक आधिकारिक दस्तावेज है. चुनाव आयोग इसको शामिल करेगा और इसकी सत्यता की जांच करेगा. वहीं जस्टिस बागची ने कहा कि पासपोर्ट और जन्म प्रमाणपत्र के अलावा कोई दस्तावेज निर्णायक नागरिक प्रमाणपत्र नहीं है. आधार को पहचान के तौर पर शामिल करना जरूरी है.

इस फैसले के बाद बिहार में चल रही वोटर लिस्ट रिवीजन प्रक्रिया में बड़ी स्पष्टता आ गई है. अब आधार को भी पहचान के तौर पर शामिल किया जाएगा, जिससे लाखों वोटर्स को राहत मिल सकती है.

हालांकि अगर चुनाव आयोग को किसी व्यक्ति के आधार की सत्यता पर शक है, तो वह उसे वोटर लिस्ट से बाहर करने का अधिकार रखता है. अगर किसी का आधार असली है तो भी चुनाव आयोग उसकी नागरिकता पर संदेह कर सकता है. यही स्थिति जाति प्रमाणपत्र या मैट्रिकुलेशन सर्टिफिकेट जैसे दूसरे सहायक दस्तावेजों के साथ भी हो सकती है. 

ये भी पढ़ें - JDU-BJP साथ हैं तो विजय सिन्हा और नीतीश के करीबी मंत्री अशोक चौधरी लड़ क्यों रहे हैं?

 नागरिकता से जुड़े सवाल का क्या होगा?

सुप्रीम कोर्ट को इस बड़े सवाल का भी निपटारा करना होगा कि क्या चुनाव आयोग नागरिकता के पहलू पर भी विचार कर सकता है. चुनाव आयोग ने तर्क दिया है कि उसका अधिकार केवल नागरिकों को ही वोटिंग का अधिकार देना है. लेकिन याचिकाकर्ताओं ने चुनौती दी है कि चुनाव आयोग इस अधिकार को कैसे लागू कर सकता है. 

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: सुप्रीम कोर्ट में SC/ST एक्ट पर बहस, दलित अधिकार कार्यकर्ताओं की चिंताएं क्या हैं?

Advertisement