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गणेश विसर्जन के वक्त ऐसा क्या हुआ जो पुलिस ने ओवैसी को 'बेरहमी से पीटा'?

ओवैसी को 18 'टांके' लगे. हिंदू दरोगा ने बचाया.

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The Lallantop ने AIMIM चीफ Asaduddin Owaisi का इंटरव्यू किया है.
दी लल्लनटॉप अपने राजनीतिक मंच जमघट के तहत अलग-अलग नेताओं का इंटरव्यू कर रहा है. इसी क्रम में हमारे संपादक सौरभ द्विवेदी ने AIMIM के प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी से सवाल पूछे. उनसे कई मुद्दों पर चर्चा भी हुई. इस दौरान ओवैसी से उनके विरोधियों के उस आरोप के बारे में भी पूछा गया, जिसमें उनको हर चीज आसानी से मिल जाने की बात कही जाती है. इस आरोप के जवाब में ओवैसी ने उस घटना का जिक्र किया, जब वो पुलिस की कथित पिटाई में घायल हो गए थे. ओवैसी ने बताया,
"22 सितंबर 1999 को हमको पुलिस ने खूब पीटा था रोड पर. 18 टांके लगे थे. पूरी पीठ लहूलुहान थी. हमारी उंगलियां टूट गई थीं. गणेश विसर्जन के जुलूस के दौरान बीजेपी और संघ परिवार के लोगों ने पथराव किया. घरों में घुसकर तोड़फोड़ की. हम वहां के विधायक थे. हम गए देखने के लिए. पुलिस बोली कि आपको अरेस्ट करना है. पुलिस ने अरेस्ट करने के बाद हमें खूब पीटा. गोली चलाई हमारे ऊपर. दंगा कराने का आरोप लगाया. वो आरोप कोर्ट में टिका नहीं."
ओवैसी ने कहा कि पुलिस वालों ने उनका सर फोड़ दिया था. इस बीच एक हिंदू दरोगा ने आकर उन्हें बचाया. ओवैसी ने बताया कि ये सह इसलिए हुआ क्योंकि वो अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रचार करने जा रहे थे और चंद्रबाबू नायडू को ये बात पसंद नहीं आई. ओवैसी के मुताबिक, बाद में चंद्रबाबू नायडू ने उनके ऊपर कथित तौर पर हमला करने वाले पुलिसवालों का प्रमोशन कराया. ओवैसी ने आगे बताया कि उन्हें कुछ भी थाली में रखा हुआ नहीं मिला है. उन्होंने काफी संघर्ष किया है. जेल भी गए हैं और आज जहां पहुंचे हैं, वहां बड़ी मेहनत के बाद पहुंचे हैं.