NEET 2024 के नतीजों पर अदालती सुनवाई चल रही है और रोज़ नए अपडेट्स आ रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार, 18 जून को केंद्र सरकार और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) से कह दिया कि अगर कोई चूक हुई है, तो उसे स्वीकार करें और अगर परीक्षा आयोजित करने में 0.001% भी लापरवाही हुई है, तो सुनिश्चित करें कि इसे पूरी गंभीरता से देखा जाए.
NEET 2024: सुप्रीम कोर्ट ने NTA को सीधे कहा - 'अगर 0.001% भी चूक हुई है, तो मान लीजिए'
Supreme Court में दायर इस नई याचिका में NEET-UG पेपर लीक मामलों की जांच की स्थिति पर चिंता जताई गई है.
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आला अदालत में एक रिट याचिका लगाई गई है, जिसमें पिछले मामलों की तरह ही पेपर लीक, कदाचार और ग्रेस मार्क्स विवाद जैसे सवाल उठाए गए हैं. बेंच भी वही है, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवी भट्टी की अवकाश पीठ. कोर्ट ने इस याचिका को भी अन्य समान मामलों के साथ नत्थी कर दिया.
नई याचिका में क्या है? नितिन विजय नाम के शख़्स ने NEET-UG पेपर लीक मामलों की जांच की स्थिति पर चिंता जताई है. उनका तर्क है कि चूंकि NEET-UG के लिए काउंसलिंग 6 जुलाई को होने वाली है, इसलिए जांच की स्थिति जानना ज़रूरी है.
लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, जस्टिस भट्टी ने केंद्र सरकार के वकील कनु अग्रवाल और NTA के वकील वर्धमान कौशिक से कोर्ट में ही कहा,
भले ही किसी की ओर से 0.001% लापरवाही हुई हो, लेकिन इसे पूरी गंभीरता से लीजिए. इन सभी केसेज़ को प्रतिकूल मुक़दमेबाजी की तरह मत देखिए.
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जस्टिस भट्टी ने कहा कि वो इस कठिन प्रतिस्पर्धा वाली परीक्षा के लिए की जाने वाली कड़ी मेहनत को जानते हैं. साथ में ये भी कहा कि परीक्षा में धोखाधड़ी करने के बाद अगर कोई डॉक्टर बन जाए, तो वो उम्मीदवार समाज के लिए बहुत ख़तरनाक है.
कल्पना कीजिए कि अगर एक व्यक्ति, जिसने सिस्टम के साथ धोखाधड़ी की है, वो डॉक्टर बन जाए. तो वह समाज के लिए और भी ज़्यादा हानिकारक है... हम सभी जानते हैं कि इन परीक्षाओं की तैयारी के लिए बच्चों को कितनी मेहनत करनी पड़ती है.
जस्टिस नाथ ने संघ और NTA से इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने को कहा है.
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