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NEET के अलावा इन तरीकों से भी कर सकते हैं मेडिकल की पढ़ाई

ऐसा माना जाता है कि NEET के जरिए ही मेडिकल की पढ़ाई की जा सकती है, लेकिन ऐसा है नहीं. NEET के अलावा भी बहुत सारे ऑप्शन हैं जिनके जरिए मेडिकल की पढ़ाई की जा सकती है.

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NEET के अलावा भी बहुत सारे ऑप्शन हैं जिनके जरिए मेडिकल की पढ़ाई की जा सकती है. (फोटो- इंडिया टुडे)

NEET यानी नेशनल एलिजिबिलटी कम एंट्रेंस टेस्ट. आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि NEET के जरिए ही मेडिकल की पढ़ाई (Medical Education) की जा सकती है. लेकिन ऐसा नहीं है. NEET के अलावा भी बहुत सारे ऑप्शन हैं जिनके जरिए मेडिकल की पढ़ाई की जा सकती है. ऐसी ही कुछ ऑप्शन्स (Medical career options without Neet) के बारे में हम आपको बता रहे हैं. 

1. बायोटेक्नोलॉजी (BSc. Biotechnology) 

बायोटेक्नोलॉजी एक ऐसी फील्ड है जहां जीवों के पैदा होने से लेकर मृत्यु तक उनके हर एक व्यवहार के बारे में पढ़ाया जाता है. BSc. बायोटेक्नोलॉजी के लिए 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी का होना जरूरी है. इसमें जीवों के जेनेटिक्स, मॉलिक्यूलर जेनेटिक्स, डीएनए आदि के बारे में पढ़ाया जाता है.

कहां से करें पढ़ाई?

क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, जामिया मिलिया इस्लामिया, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी समेत देश के कई यूनिवर्सिटी-कॉलेज से BSc बायोटेक्नोलॉजी किया जा सकता है. 

2. नर्सिंग (BSc. Nursing)

मेडिकल एस्पिरेंट्स के लिए नर्सिंग कोर्स एक बेहतरीन विकल्प है. इसके अंतर्गत अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम 4 साल का होता है. जिसमें 12वीं के बाद एडमिशन लिया जा सकता है. जरूरी शर्त ये है कि 12वीं की पढ़ाई, फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी से होनी चाहिए.  

BSc नर्सिंग के बाद प्राइवेट मेडिकल इंस्टीट्यूट्स में काम किया जा सकता है. इसके अलावा आप मेडिकल क्लीनिक में भी काम कर सकते हैं और डॉक्टर्स के साथ प्रैक्टिस भी कर सकते हैं. हॉस्पिटल केयर में काम करने के लिए नर्सिंग एक बढ़िया करियर विकल्प है.

कहां से करें पढ़ाई? 

नर्सिंग की पढ़ाई के लिए AIIMS, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, बीएम बिड़ला कॉलेज ऑफ नर्सिंग और श्री रामचंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च आदि टॉप कॉलेज हैं.

3. एग्रीकल्चरल साइंस (BSc. Agricultural Science)

चार साल का ये कोर्स एग्रीकल्चरल साइंस यानी खेती में रिसर्च पर फोकस करता है. इस कोर्स में एग्रीकल्चर से जुड़े कॉन्सेप्टस पढ़ाए जाते हैं. इसमें जेनेटिक्स (जीन्स और हेलिडिटी की स्टडी), प्लांट ब्रीडिंग (प्लांट जेनेटिक्स की स्टडी), सॉइल साइंस (मिट्टी और उससे जुडी़ स्टडी), एग्रीकल्चर माइक्रोबायोलॉजी (ये पेड़ें से जुड़े माइक्रोब्स और बीमारियों की स्टडी है), प्लांट पैथोलॉजी (प्लांट से जुड़ी बीमारियों के ठीक करने की स्टडी) व अन्य कॉन्सेप्टस पढ़ाए जाते हैं. इस प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को एग्रीकल्चर की फील्ड में ट्रेन करना होता है. इसमें मॉडर्न एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी के तौर तरीके भी सिखाए जाते हैं. कोर्स करने के बाद छात्र एग्रीकल्चर ऑफिसर, एग्रीकल्चर एनालिस्ट, प्लांट ब्रीडर, सीड टेक्नोलॉजिस्ट के रूप में काम कर सकते हैं. इन्हें एग्रीकल्चर डॉक्टर भी कहा जाता है.

कहां से करें पढ़ाईं? 

 SRM इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU), अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) आदि कुछ प्रमुख कॉलेज हैं जहां से ये कोर्स किया जा सकता है.

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4. फिशरीज (BSc. Fisheries)

चार साल का ये अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम फिशरी सेक्टर से जुड़ी सारी जानकारी प्रदान करता है. इस कोर्स में मछलियों की एनाटॉमी, उनके इको सिस्टम, खान-पान और रहन-सहन के बारे में पढ़ाया जाता है. इसके अलावा मछलियों की ब्रीडिंग, जेनेटिक्स, न्यूट्रिशन आदि के बारे में भी जानकारी दी जाती है.

इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिये 12वीं क्लास में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी सब्जेक्ट का होना जरूरी है. इसके अलावा इन सब्जेक्ट्स में 50 प्रतिशत मार्क्स भी होना चाहिए. 

5. एनिमल हसबेंडरी एंड डेयरी (BSc Animal Husbandry and Dairy)

भारत पूरी दुनिया में डेरी के प्रोडक्ट्स का सबसे बड़ा कंज्यूमर और प्रड्यूसर है. तो जाहिर सी बात है कि इस क्षेत्र में करियर और कोर्स के विकल्प भी काफी सारे हैं. चार साल के 
BSc. Animal Husbandry and Dairying प्रोग्राम में ब्रीडिंग से लेकर पशुपालन तक बहुत सारे कॉन्सेप्टस की पढ़ाई होती है. मेडिकल की फील्ड में ये करियर भी एक अच्छा विकल्प है.

इस कोर्स में एडमिशन के लिए 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री व बायोलॉजी के साथ 50 प्रतिशत मार्क्स होने चाहिए. महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ, सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय इस कोर्स के लिए अच्छे कॉलेज हैं.

6. साइबर फोरेंसिक (BSc. Cyber Forensic)

 तीन साल के इस अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम में फॉरेंसिक्स से जुड़ी सारी डिटेल्स बताई जाती हैं. क्राइम और रिसर्च से जुड़ी फील्ड में काम करने के लिए BSc. Cyber Forensics डिग्री बहुत कारगर हो सकती है. इस कोर्स के बाद साइबर फोरेंसिक्स एनालिस्ट, फोरेंसिक्स ऑडिटर, लैबोरेट्री एनालिस्ट और लीगल काउंसलर के रूप में काम किया जा सकता है. मद्रास यूनिवर्सिटी, डीवाई पाटिल इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी और भरथियार यूनिवर्सिटी इस कोर्स के लिए बढ़िया विकल्प हैं.

7. न्यूट्रिशन एंड डायटिक्स (BSc. Nutrition and Dietetics/Human Nutrition)

आजकल अच्छी डाइट और न्यूट्रिशन की खूब डिमांड है. अगर आप भी लोगों को अच्छे और सही खान-पान के बारे में बताकर करियर बनाना चाहते हैं तो ये कोर्स आपके लिये ही है.

BSc. Nutrition and Dietetics/Human Nutrition तीन साल का अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम है. इसके अंतर्गत फूड मैनेजमेंट, लाइफस्टाइल मैनेजमेंट, ईटिंग हैबिट्स, बैलेंस्ड डाइट जैसे कॉनसेप्टस पढ़ाये जाते हैं. इस क्षेत्र में फ्रीलांसिग के भी खूब मौके रहते हैं. यानी ये जरूरी नही है कि आप कहीं जाकर काम करें, खुद का स्टार्टअप भी शुरू कर सकते हैं.

8. ऑक्यूपेशनल थेरपी (Bachelor of Occupational Therapy)

4-5 साल का ये अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम छात्रों को प्रोफेशनल करियर बनाने में मदद करता है. इस प्रोग्राम में फिजिकली और मेंटली चैलेंज्ड लोगों के बारे में पढ़ाया जाता है. इस कोर्स के बाद मल्टी स्पेशियालिटा हॉस्पिटल, मेंटल हॉस्पिटल, रिहैबिलिटेशन सेंटर व ओल्ड एज होम्स में जॉब की जा सकती है. बड़े हॉस्पिटल थेरेपिस्ट को अच्छा पैकेज भी प्रदान करते हैं.

9. बैचलर ऑफ फॉर्मेसी (Bachelor of Pharmacy, BPharma)

अगर आप केमिस्ट या फॉर्मासिस्ट बनना चाहते हैं तो BPharma जरूरी है. चार साल के इस अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम में दवाइयों के बारे में पढ़ाया जाता है. कैसे ड्रग्स बनाए जाते हैं और कौन से तरीके इस्तेमाल किए जाते हैं, सब इस कोर्स में पढ़ाया जाता है.

हेल्थकेयर और मेडिकल की फील्ड में काम करने वालों के लिए ये एक अच्छा करियर विकल्प है. मेडिकल रिप्रजेंटेटिव, क्लीनिकल रिसर्च जैसे क्षेत्रों काम करने के अनेकों मौके उपलब्ध हैं. 

10. नेचुरोपैथी एंड यौगिक साइंस (Bachelor of Naturopathy & Yogic Sciences, BNYS)

योग को लेकर पिछले कुछ सालों में लोगों का इंट्रेस्ट बढ़ा है. जिसकी वजह से इस फील्ड में कोर्सेज की डिमांड भी बढ़ी है. BNYS, 4.5 साल का अंडरग्रेजुएट कोर्स है. ये कोर्स मॉडर्न ट्रीटमेंट के तरीकों और नैचुरल मेडिसिन की स्टडी को जोड़ता है. 

कोर्स के करिकुलम में नैचुरोपैथी और योग के प्रैक्टिकल सेशन भी होते हैं. अगर आपका इंट्रेस्ट आयुर्वेद में है तो BNYS एक बढ़िया विकल्प हो सकता है.

11. जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (General Nursing & Midwifery,GNM)

12वीं क्लास में अगर फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी जैसे सबजेक्ट नहीं पढ़े तो भी ये कोर्स किया जा सकता है. 3.5 तीन साल के इस डिप्लोमा कोर्स में 6 महीने की इंटर्नशिप भी होती है. यानी प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस भी कराया जाता है. इस कोर्स में  घायल या बीमार लोगों की देखभाल करना सिखाया जाता है. घायलों को ठीक होने तक GNM उनकी देखभाल करते हैं.  

अगर मेडिकल के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं और NEET को लेकर बहुत आशान्वित नहीं है तो ये करियर ऑप्शन आपके काम आ सकते हैं. 

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