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और बढ़ेगी आपकी होम लोन और कार लोन की EMI, RBI ने रेपो रेट आधा फीसदी बढ़ाया

RBI ने रेपो रेट को 4.40 परसेंट से बढ़ाकर 4.90 परसेंट कर दिया है.

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आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास

आपके होम लोन (Home Loan) और कार लोन (Car Loan) समेत सभी तरह कर्ज की EMI का बोझ बढ़ने जा रहा है. बुधवार 8 जून को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट्स यानी 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी (RBI Repo Rate Hike) का ऐलान किया है.  RBI की मौद्रिक पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में यह फैसला लिया गया है. आरबीआई के इस कदम से सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे. रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 4.40 परसेंट से बढ़ाकर 4.90 परसेंट कर दिया है. यह दूसरा महीना जब आरबीआई ने रेपो रेट में बढ़ोतरी की है.

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आमतौर पर नीतिगत दरों में बदलाव आरबीआई की मौद्रिक नीति की दो महीने पर होने वाली बैठक में होता है. पिछली बैठक 8 अप्रैल को हुई थी जिसमें कोई बदलाव नहीं हुआ था. लेकिन बढ़ती महंगाई को काबू करने के लिए आरबीआई ने सबको चौंकाते हुए 4 मई 2022 को रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर दी थी. कोरोना महामारी के बढ़ते संकट को देखते हुए आरबीआई ने मार्च, 2020 में रेपो रेट को घटा दिया था लेकिन 4 मई, 2022 को करीब दो साल बाद 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. 

RBI ने चालू वित्त वर्ष के लिए महंगाई के अनुमान को बढ़ाकर 6.7% कर दिया है. आरबीआई गवर्नर शाकिकांत दास ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते सप्लाई चेन की समस्या खराब हुई है. दास ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध जारी है और भारत हर रोज नई चुनौतियों का सामना कर रहा है. उन्होंने कहा कि युद्ध के चलते दुनियाभर में महंगाई बढ़ी है. 

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क्या है Repo Rate?

रेपो रेट उस दर को कहते हैं जिस दर पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है. फिलहाल रेपो रेट 4.40 फीसदी थी जिसे RBI ने बढ़ाकर 4.90 फीसदी कर दिया है.

MPC क्या है?

MPC यानी मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की साल में कम से चार बार बैठकें होती हैं. मौजूदा महंगाई को देखते हुए फिलहाल हर दो महीने में यह बैठक हो रही है. इस बैठक में मौद्रिक नीति की समीक्षा की जाती है. इस कमेटी का नेतृत्व आरबीआई गवर्नर करते हैं. इसके अलावा MPC में RBI के तीन अधिकारी और तीन बाहरी सदस्य होते हैं जिन्हें सरकार नामित करती है.

आरबीआई के पास नहीं था कोई दूसरा विकल्प

रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिनों की यह बैठक सोमवार से हो रही थी और बुधवार 8 जून को खत्म हुई. इस वित्तीय वर्ष में MPC की यह तीसरी बैठक थी. कमेटी शक्तिकांत दास की अगुवाई में महंगाई और आर्थिक वृर्द्धि पर विचार-विमर्श कर रही थी. बेकाबू महंगाई पर लगाम के लिए समिति के सदस्य इस बात पर सहमत हुए कि अभी रेपो रेट बढ़ाने के अलावा और कोई दूसरी विकल्प नहीं है. इसलिए रेपो दर को फिर एक बार 0.50 फीसदी बढ़ाने का निर्णय लिया गया है.

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वीडियो: भारत की आर्थिक विकास दर की रफ्तार घटने का अनुमान, आरबीआई क्या कर रहा है?

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