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कार में RPM क्या होता है? लाल निशान पर गया तो इंजन के लिए खतरा!

RMP in Car: अगर टैकोमीटर में x1000 लिखा है और सुई 1 पर है, तो इसका मतलब कि इंजन 1000 RPM पर चल रहा है. यानी क्रैंकशाफ्ट एक मिनट में 1000 बार घूम रहा है.

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RPM बताता है कि इंजन में लगा क्रैंकशाफ्ट एक मिनट में कितनी बार घूमता है. (फोटो-Pexels)

कार चलाते समय अगर स्पीड बढ़ानी हो, तो क्या करते हैं? जाहिर सी बात है कि आप पैर से एक्सीलेटर दबाएंगे. अब कार की स्पीड बढ़ने के साथ इंजन भी तेजी से पावर जनरेट करने लगेगा. फिर स्टीयरिंग के सामने डैशबोर्ड पर देखेंगे तो दो चक्के नजर आएंगे. एक सर्कल का नाम है Speedometer, जो कार की स्पीड बताता है. दूसरा चक्का, मतलब Tachometer, जो RPM बताता है. लेकिन RPM का काम क्या होता है और ये क्यों जरूरी है. चलिए बताते हैं.

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RPM का मतलब Revolutions Per Minute होता है. (फोटो-Pexels)

RPM का मतलब Revolutions Per Minute या Rotation Per Minute होता है. ये दिखाता है कि इंजन में लगा क्रैंकशाफ्ट एक मिनट में कितनी बार घूमता है. हर चक्कर में पिस्टन ऊपर-नीचे चलता है, इसलिए RPM से इंजन की स्पीड का अंदाजा लगाया जाता है.

अगर टैकोमीटर में x1000 लिखा है और सुई 1 पर है, तो इसका मतलब कि इंजन 1000 RPM पर चल रहा है. यानी क्रैंकशाफ्ट एक मिनट में 1000 बार घूम रहा है. सुई 2 पर है, तो क्रैंकशाफ्ट एक मिनट में 2000 बार घूमेगा. जैसे-जैसे कार की स्पीड बढ़ेगी वैसे-वैसे ही RPM भी बढ़ता जाएगा.

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ज्यादातर कारों में टैकोमीटर 1 से 8 तक दिखाता है. मतलब इंजन ज्यादा से ज्यादा 8000 RPM तक घूम सकता है. हालांकि, नॉर्मल ड्राइविंग में इंजन 2000-3000 RPM के बीच ही काम करता है. 

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 RPM में 1 से 8 तक नंबर होते हैं. (फोटो-Pexels)
RPM और लाल रंग का निशान

Tachometer में लाल रंग का निशान भी होता है. लाल रंग को कई लोग खतरे से भी जोड़ते हैं. आमतौर पर लाल निशान ज्यादा RPM को दिखाने वाले नंबरों पर होता है, जैसे 7 और 8. इसे रोटेशन की लिमिट भी माना जाता है.

अगर सुई लाल निशान पर आगे बढ़ती है, तो क्रैंकशाफ्ट भी तेजी से काम करेगा. जैसे कि सुई 7 पर है, तो क्रैंकशाफ्ट 7000 बार प्रति मिनट घूमेगा, जिससे इंजन भी गर्म हो सकता है. लाल निशान पर जाने का मतलब है कि अब इंजन को नुकसान पहुंच सकता है.

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इसी में एक बात जोड़कर चलते हैं. अगर आप मैनुअल कार चला रहे हैं यानी बार-बार हाथों से गियर बदलते हैं, तो आप 7000 RPM से सीधा 2000 RPM पर नहीं आ सकते हैं. आपको एक-एक गियर नीचे उतारना होगा. इससे सुई भी धीरे-धीरे पीछे आती रहेगी. वहीं, ऑटोमेटिक कार में आप लाल निशान टच करेंगे तो कार में लगा सेंसर अपने आप RPM को सेफ मोड पर लेकर आ जाएगा. कई हाई परफॉर्मेंस कारों में ये RPM 10 हजार तक भी पहुंच सकता है.

पेट्रोल की खपत

आपकी कार बेशक अच्छा माइलेज देती है, लेकिन जब आप ज्यादा स्पीड बढ़ाएंगे, तो कार को ज्यादा पावर मिलेगी. इससे RPM की सुई भी ऊपर जाएगी. यानी इंजन तेजी से काम करेगा. इससे होगा ये कि आपकी कार ज्यादा पेट्रोल की खपत करेगी. इसलिए पेट्रोल की बचत, इंजन की परफॉर्मेंस और खुद की सेफ्टी देखनी है, तो कार चलाते समय RPM का ध्यान रखें. 

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