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मौसम चाहे सर्दी का ही क्यों ना हो, गाड़ी को 'कोल्ड स्टार्ट' करना ही बेहतर है, मगर ये होता क्या है?

Cold Start in car: अगर आप 1 हफ्ता पार्किंग में खड़ी गाड़ी को चलाने जा रहे हैं, तो एक गलती बिल्कुल न करें. ये गलती है गाड़ी तुरंत ड्राइव करने की. अगर आप कार को स्टार्ट करते ही इसे लेकर ड्राइव पर निकलते हैं, तो इससे इंजन खराब हो सकता है.

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बंद इंजन में ऑयल गाढ़ा हो जाता है. (फोटो-Pexels)

सुबह उठते ही क्या आप तुरंत वर्कआउट करने लगते हैं? या बेड से उठकर जूते पहनकर तुरंत जॉगिंग पर निकल जाते हैं? शायद इसका जवाब होगा नहीं. क्योंकि सुबह उठने के कुछ मिनट तक शरीर को एक्टिव होने में समय लगता है. उसके बाद ही हम अन्य काम कर पाते हैं. वैसा ही हाल गाड़ी का भी है. अगर आप गाड़ी में बैठते ही एक्सीलरेटर पैडल दबाकर ड्राइव पर निकल जाते हैं, तो भूल कर रहे हैं. ये दो मिनट की जल्दी आपकी पॉकेट पर भारी पड़ सकती है. खासकर जब आपकी कार हफ्तों या महीनों से पार्क है. या आप ठंडे इलाके में रहते हैं. ऐसा करने से गाड़ी का माइलेज गिर सकता है और इंजन तक खराब हो सकता है. चलिए बताते हैं कैसे.

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दरअसल, जब कार कई दिनों से बंद हो और उसे चलाया जाए, तो कोल्ड स्टार्ट की स्थिति बनती है. कोल्ड स्टार्ट में इंजन ठंडा हो जाता है. इस वजह से इंजन ऑयल गाढ़ा हो जाता है और सभी जरूरी हिस्सों तक पहुंचने में समय लेता है. ऐसे में अगर आप गाड़ी को तुरंत चालू करके चलाना शुरू कर देते हैं, तो ये आदत इंजन की सेहत बिगाड़ सकती है. कहें, तो इंजन की उम्र कम कर सकती है. 

इंजन में खराबी

खड़ी गाड़ी में इंजन ऑयल गाढ़ा हो जाता है. इस वजह से वो सभी पार्ट्स तक पहुंचने में समय लेता है. यानी पिस्टन, केमशाफ्ट और क्रैंकशाफ्ट जैसे पुर्जे शुरुआत में कम चिकनाई के साथ काम करते हैं. कम लुब्रिकेशन की वजह से ये पार्ट्स एक-दूसरे से रगड़ खाते हैं. बढ़ा हुआ घर्षण, इन पुर्जों को समय से पहले घिसा सकता है या खराब कर सकता है. अगर पिस्टन या क्रैंकशाफ्ट जैसे पार्ट्स डैमेज हुए, तो इन्हें बदलवाने का खर्च काफी ज्यादा आ सकता है.  

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फोटो-Pexels
माइलेज का गिरना

कई दिनों से बंद पड़ी या ठंडे इलाके में खड़ी गाड़ी को तुरंत चलाने से माइलेज पर भी असर पड़ता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इंजन का इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट (ECU) कोल्ड स्टार्ट पर Idle RPM को थोड़ा बढ़ा देता है. ताकि इंजन जल्दी गर्म हो सके और वो स्मूथली काम करे. जब आप कोल्ड स्टार्ट करेंगे, तो नोटिस कर सकते हैं कि टैकोमीटर पर सुई 1200-2000RPM तक पहुंच गई है. जो इंजन के गर्म होने के बाद धीरे-धीरे सामान्य (800–1000 RPM) पर आ जाती है.

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इसलिए कहा जाता है कि गाड़ी स्टार्ट करने के बाद कम से कम 30-60 सेकेंड या 1 मिनट तक इंजन को गर्म होने का समय देना चाहिए. ताकि ऑयल अच्छे से सभी पुर्जों तक पहुंच जाए और ये बिना रगड़ खाए काम करें. लेकिन आइडलिंग करने के बाद कुछ देर गाड़ी को धीरे-धीरे चलाएं. यानी हार्ड एक्सीलरेशन न करें. बस कुछ मिनट गाड़ी को नॉर्मल स्पीड पर चलने देना है. ऐसा करने से इंजन धीरे-धीरे ऑपरेटिंग टेम्परेचर तक पहुंच जाता है. बाकी, कोल्ड स्टार्ट में गाड़ी को ज्यादा देर तक आइडलिंग पर न छोड़ें.  मतलब कि इंजन को गर्म होने में समय लगेगा, ये कहते हुए ज्यादा देर गाड़ी को सिर्फ चालू करके न रखें. क्योंकि इससे फ्यूल की सिर्फ बर्बादी होगी.

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बाकी, ये आदत सिर्फ कई दिनों तक बंद पड़ी कार या फिर सर्दी के मौसम में ही नहीं अपनानी है. अगर आप रोजाना कार चलाते हैं, तब भी कोशिश करें कि गाड़ी का इंजन सुबह 30-60 सेकंड तक सिर्फ स्टार्ट करके रखें. फिर अपने दफ्तर या जहां जाना है, वहां निकल जाइए.  ये बात बाइक पर भी लागू होती है. 
 

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