बारिश का मौसम है. बारिश भरपूर हो भी रही है और गर्मी से राहत भी मिल रही है. सारी चीजें ठीक है. लेकिन ज्यादा बारिश मुसीबत भी लाती है. इस मौसम में कॉमन प्रॉब्लम है गाड़ी का खराब होना. बंद होने से लेकर पानी भर जाने जैसे वाकये देखने को मिल ही जाते हैं. क्या ही किया जा सकता है. खैर, गाड़ी खराब हुई भी, तो हमें एक संतुष्टि होती है कि चलो इंश्योरेंस ले रखा है. बीमा क्लेम कर लेंगे. ये सोचकर आप इंश्योरेंस वालों को फोन घुमाते हैं. लेकिन ये क्या, कंपनी आपको क्लेम देने से मना कर देती है. क्यों, उसके लिए एक ताजा उदाहरण देते हैं.
कार बाढ़ में खराब हुई, बीमा के बावजूद 18 लाख में नई बैटरी लेनी पड़ी, वजह गाड़ी वालों को जाननी चाहिए
Car insurance protection in rain: बारिश की वजह से अगर आपकी गाड़ी डैमेज हो गई है और आपने कॉम्प्रिहैंसिव इंश्योरेंस नहीं लिया, तो कंपनी आपकी मदद करने से मना कर देंगी. आपको लाखों का झटका लग सकता है.

एक व्यक्ति ने 2 महीने पहले BYD की इलेक्ट्रिक प्रीमियम सेडान BYD Seal खरीदी थी. 2 महीने बाद बाढ़ में उनकी कार की बैटरी खराब हो गई. ऐसी सिचुएशन में कंपनी ने हाथ पीछे कर लिए और इंश्योरेंस कंपनी ने भी. और उस शख्स ने इंश्योरेंस के लिए 1.2 लाख भी रुपये दिए थे. अब कंपनी ने जब कुछ करने से मना कर दिया तो शख्स को अपनी जेब से लगभग 18 लाख रुपये लगाने पड़े. तगड़ा झटका है. मगर आपको ये झटका नहीं लगे तो जान लीजिए क्या करना है.
कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंसये इंश्योरेंस प्राकृतिक आपदाओं के समय काम आएगा. जैसे बाढ़, भूकंप, बारिश, तूफान, आग लगना, बिजली गिरना, पेड़ या खंभा गिरने से वाहन को नुकसान होना आदि. इन सभी स्थिति में आप आसानी से गाड़ी को हुए नुकसान की भरपाई के लिए इंश्योरेंस से क्लेम मांग सकते हैं. वहीं, अगर आप ऐसी जगह रहते हैं, जहां भूस्खलन या बाढ़ की परेशानी आती रहती है, तो वहां ये बीमा लेना और भी जरूरी हो जाता है.

आप नॉर्मल इंश्योरेंस भी ले सकते हैं. उसमें भी बहुत कुछ कवर होता है मगर वो नहीं जो हमने ऊपर लिखा. इस बीमा में कार के इंटीरियर में पानी घुसने से हुई खराबी, बॉडी डैमेज, पेंट खराब होना, आपदा में टूट-फूट होना, कार में इमारत या मलबा गिरने से हुआ नुकसान, गाड़ी के इलेक्ट्रिकल सिस्टम को हुआ नुकसान शामिल है. लेकिन ये भी काफी नहीं है.
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इंजन डैमेज का एड ऑनइतने सब के बाद भी कंपनी आपको इंश्योरेंस क्लेम देने से भी मना कर सकती है. ये सिचुएशन होती है इंजन डैमेज की. दरअसल, बेस कॉम्प्रिहेंसिव प्लान में अक्सर इंजन प्रोटेक्ट कवर एड नहीं होता है. कवर में इसे अलग से शामिल कराना होता है. इसे एड ऑन कराने के बाद अगर आपके इंजन में कोई खराबी आती भी है, तो इस इंजन प्रोटेक्ट कवर से आपके लाखों रुपये बच सकते हैं. क्योंकि बारिश या बाढ़ के समय इंजन हाइड्रोलॉक का खतरा रहता है. बस इसलिए ही आपको कॉम्प्रिहेंसिव प्लान के साथ इंजन प्रोटेक्ट लेना है. ताकि आपदा के समय इंजन में कोई खराबी आई, तो आपको सिर्फ इंश्योरेंस कंपनी को फोन घुमाना पड़ेगा. फिर आपका लाखों का खर्चा बच जाएगा.

अब आपको लगेगा कि इतना सब करना पड़ता है. सब टर्म्स एण्ड कंडीशन का खेल है. वैसे इतने के बाद भी आपको कुछ और बातों का ध्यान रखना होगा. जैसे कि हादसे की इंश्योरेंस कंपनी को तुरंत जानकारी देना. गाड़ी में पानी भर गया है, तो उसे स्टार्ट न करना. क्योंकि इससे इंजन हाइड्रोलॉक को ज्यादा नुकसान होगा. बाकी डैमेज कार की फोटो और वीडियो प्रूफ रखना और सर्वेयर के आने तक गाड़ी को वैसे ही हालत में रखना, ताकि वो सब चेक कर लें और रिपोर्ट कंपनी को भेजें. फिर रिपोर्ट के हिसाब से आपको क्लेम मिल जाएगा.
चाबी गुम तो भी रिजेक्ट होगा क्लेमक्योंकि कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस में कार चोरी और कार एक्सीडेंट को भी कवर किया जाता है तो ये भी आपके काम की जानकारी है. आपकी गाड़ी के साथ दो चाबियां आती है. सिर्फ चोरी के केस में अगर दूसरी चाबी आप सर्वेयर को नहीं दे पाए, तो भी आपका इंश्योरेंस क्लेम कैंसल हो जाएगा. क्योंकि इसे आपकी लापरवाही माना जाएगा. ऐसी स्थिति से बचने के लिए जब कार की एक चाबी गुम हो जाए, तो पुलिस स्टेशन में उसकी रिपोर्ट लिखवाएं और गाड़ी का लॉक चेंज करा लें. फिर इंश्योरेंस कंपनी को इसकी जानकारी दें. ताकि कार चोरी की सिचुएशन में आपको परेशानी न हो.
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