सड़क पर बाइक चलाते समय जब भी अचानक ब्रेक लगता है, तो बाइक का स्लिप होना आम बात है. इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण है चक्कों का लॉक हो जाना. ऐसा ना हो, उसके लिए टू व्हिलर्स बनाने वाली कंपनियां गाड़ी में ABS देती हैं. मगर ये तकनीक ज्यादातर गाड़ियों में नहीं होती, विशेषकर बजट बाइक्स में. मुश्किल ये भी है कि बाइक स्लिप होने के कारण कई बार दुर्घटना बड़ी हो जाती है. ऐसी ही परिस्थितियों से बचने के लिए सरकार एक नियम ला रही है. खबर है कि जनवरी 2026 से सभी बाइक और स्कूटर में ABS लगाना अनिवार्य होगा. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) इससे जुड़ा नोटिफिकेशन जल्द जारी करेगा.
'ब्रेक लगाया, बाइक फिसली', प्रॉब्लम बड़ी है और पुरानी भी, तगड़ा उपाय आ रहा है
एंटी-लॉक ब्लॉकिंग सिस्टम (ABS) दो तरह के होते हैं- सिंगल चैनल ABS और डुअल चैनल ABS. सिंगल चैनल ABS, आगे वाले पहिए पर काम करता है, जबकि डुअल चैनल ABS, आगे और पीछे दोनों पहियों पर काम करता है. ये सेफ्टी फीचर ब्रेक लगाते समय टायर को लॉक होने से रोकता है.

ABS यानी एंटी-लॉक ब्लॉकिंग सिस्टम. ये दो तरह के होते हैं- सिंगल चैनल ABS और डुअल चैनल ABS. सिंगल चैनल ABS, आगे वाले पहिए पर काम करता है, जबकि डुअल चैनल ABS, आगे और पीछे दोनों पहियों पर काम करता है. ये सेफ्टी फीचर ब्रेक लगाते समय टायर को लॉक होने से रोकता है. दरअसल, टायर लॉक का मतलब है कि टायर का घूमना बंद हो जाना. ऐसी स्थिति में जब तेज स्पीड में कोई ब्रेक लगाता है तो टायर स्लिप कर जाते हैं. लेकिन ABS लगने से टू-व्हीलर्स में ब्रेक रुक-रुकर लगते हैं, जिससे गाड़ी फिसलती नहीं है. अब जान लेते हैं कि ABS काम कैसे करता है.

ABS में व्हील स्पीड सेंसर (Wheel Speed Sensor), इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट (ECU) और Hydraulic Modulators लगे होते हैं. ये सभी साथ मिलकर काम करते हैं और टायर की स्पीड पर नजर रखते हैं. जब बाइक में ABS होता है और कोई व्यक्ति तुरंत ब्रेक लगाता है, तो व्हील स्पीड सेंसर इसे डिटेक्ट कर ECU को भेजता है. फिर ECU, Hydraulic Modulators का इस्तेमाल कर ब्रीफ ब्रेकिंग शुरू कर देता है. इस सिचुएशन में ब्रेक लगेंगे, रिलीज होंगे. फिर ब्रेक लगेंगे और रिलीज होंगे. ये प्रक्रिया काफी जल्दी-जल्दी होती है. ताकि टायर स्लिप न करें और बाइक राइडर के कंट्रोल में रहे.
अभी एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) सिर्फ 125CC से ज्यादा इंजन वाले दोपहिया वाहनों में जरूरी है. लेकिन भारतीय बाजार में एक बड़ा सेक्टर 125CC से कम इंजन क्षमता वाली बाइक्स की खरीदारी करता है. इसलिए देश में बेची जाने वाली कई बाइक में ये फीचर नहीं मिलता है. हालांकि, जब बाइकों में ABS लगाया जाएगा, तो उनकी कीमत भी बढ़ जाएगी. मान लीजिए कि एक बाइक में 110CC का इंजन लगा है, तो इसकी कीमत मुमकिन है कि 1 लाख रुपये (एक्स शोरूम) या उससे कम होगी. लेकिन कंपनी जब इन्हीं बाइक को अपडेट कर ABS लगाएगी, तो इनकी कीमत में 6 हजार से 10 हजार रुपये तक की बढ़ोतरी देखी जा सकती है.

नए नियम के मुताबिक, जनवरी 2026 से ये फीचर सभी बाइक और मोटरसाइकिलों के लिए लागू होगा. क्योंकि ज्यादातर टू व्हीलर्स 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकते हैं. ऐसे में एक्सीडेंट्स कम करने की तरफ ये बड़ा फैसला माना जा रहा है. अगले कुछ महीनों में हेलमेट और ABS से जुड़े नियमों के लिए अधिसूचनाएं जारी की जा सकती है.
दो BIS-Certified Helmetजनवरी 2026 से हेलमेट से जुड़ा नियम भी सरकार लागू करने की तैयारी में है. जिसके बाद वाहन निर्माता और डीलर्स को वाहनों की बिक्री के समय दो BIS-Certified Helmet उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा. एक चालक के लिए और दूसरा पीछे बैठे व्यक्ति के लिए.
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