'अवॉर्ड नहीं पैसा चाहिए' मोदी से सम्मानित महिला ने शार्क टैंक में ऐसा क्यों कहा?
क्या आपको पता है कि आपके किचन में एक खजाना छिपा हुआ है.

'मेरे को अवॉर्ड नहीं चाहिए मेरे को पैसा चाहिए' प्रधानमंत्री मोदी से सम्मानित कोई महिला अगर ऐसा कहे तो कान खड़े होना लाजमी है. दरअसल ऐसा हुआ शार्क टैंक इंडिया सीजन 2 (Shark Tank India Season 2) के 11वें एपिसोड में. पेशे से टीचर और आजकल घर के कचरे को घर में ही निपटाने के स्टार्ट-अप पर काम कर रही महिला ने फंडिंग नहीं मिलने की पीड़ा शो पर बयां की. आखिर उनको ऐसा क्यों बोलना पड़ा और क्या इतने जतन के बाद इनवेस्टमेंट मिला या नहीं. चलिए जानते हैं.
शार्क टैंक इंडिया सीजन 2 में रोज ही दिलचस्प आइडियाज़ और पिच जजों के सामने आते हैं. ऐसी ही एक पिच लेकर आई पूनम कस्तूरी (Poonam Bir Kasturi) जो इंडिया के आईटी हब बेंगलुरू की रहने वाली हैं. पूनम ने घर के किचन में निकलने वाले कचरे से खाद बनाने का आइडिया शो में दिखाया. पूनम Daily Dump के नाम से अपनी कंपनी चलाती हैं जो कचरे से निपटने के लिए कई सारे इनोवेटिव प्रोडक्टस बनाती है.
डेली डंप, अब जैसे नाम से समझ आता है मतलब रोज का कचरा. पूनम के बनाए हुए डिजाइन कंपोस्ट खाद बनाने का काम करते हैं. प्रोडक्टस के नाम हैं टेराबाइट (टेराबाइट), खंबा, गॉबल सीनियर, गॉबल जूनियर. जाहिर सी बात है जज प्रोडक्टस के नाम से बड़े इंप्रेस हुए. पूनम के मुताबिक घर के कचरे को बस उनके बनाए डिजाइन में डालिए, उसके बाद थोड़ा सा मैजिक पाउडर और 30 दिन के बाद कचरा तब्दील हो जाएगा खाद में. ये तो हुआ पूनम और उनके प्रोडक्टस का परिचय. अब जानते हैं कि आखिर अवॉर्ड और मोदी जी कैसे चर्चा का हिस्सा बने.

दरअसल शो की एक जज नमिता थापर ने पूनम को पहचान लिया. नमिता उनसे नीति आयोग के एक कार्यक्रम में मिली थीं. पूनम ने बताया कि उनके प्रोडक्टस को प्रधानमंत्री मोदी से भी अवॉर्ड मिला है. यहीं पर थोड़ा मजाक के मूड में पूनम ने अवॉर्ड की जगह पैसे की बात की. वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पूनम एक मंझी हुई बिजनेसवुमन हैं. 90 के दशक में उन्होंने एक क्राफ्ट कंपनी शुरू की थी जो आज भी चल रही है. इसके अलावा वो ‘Srishti Institute of Art, Design and Technology’ की भी फाउंडर हैं जो अभी ‘मणिपाल यूनिवर्सिटी’ का हिस्सा है. खैर अब अवॉर्ड, मोदी जी से बाहर निकलते हैं और जानते हैं कि आखिर शार्क टैंक से उनको क्या मिला.

पूनम के डिजाइन और प्रोडक्टस से सारे शार्क बहुत इंप्रेस हुए लेकिन कीमत से नहीं. जजों का मानना था कि अगर कीमत कम होती तो बात कुछ और होती. बावजूद इसके कंपनी ने साल 2021-22 में 3.75 करोड़ का बिजनेस किया. एक-एक करके सारे जजों ने पूनम को फंडिंग देने से मना कर दिया, लेकिन खेवनहार के तौर पर सामने आई नमिता. नमिता ने पूनम और उनके को-फाउंडर अर्जुन देव को डेली डंप में 4 प्रतिशत की हिस्सेदारी के लिए 30 लाख रुपये और 10 प्रतिशत ब्याज पर 50 लाख का कर्ज का ऑफर दिया. बोट के को-फाउंडर अमन गुप्ता के समझाने पर पूनम ने ऑफर स्वीकार कर लिया.
वैसे पूनम एक टीचर भी हैं और पूरे एपिसोड के दौरान ये बात बखूबी नजर आई. जहां आमतौर पर प्रतियोगी जजों के सामने थोड़ा झेंप जाते हैं वहीं पूनम से तो बेचारे जज सिर्फ सीखते नजर आए.
वीडियो: 40 करोड़ की इस कंपनी को फेसबुक ने बंद किया था, जानिए अब शार्क टैंक में कितनी फंडिंग मिली है?