पहले सॉफ्टवेयर, फिर ग्रीन लाइन और अब मदरबोर्ड, OnePlus में क्या-क्या माइनस हो गया है?
OnePlus स्मार्टफोन्स की दिक्कतें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहीं. पिछले कुछ दिनों में कई यूजर्स ने फोन के मदरबोर्ड (OnePlus dead motherboard) उड़ने की शिकायत की है. इसके रिपेयर में आने वाले खर्चे को लेकर भी यूजर्स में खूब गुस्सा है. आम यूजर्स से लेकर टेक एक्सपर्ट तक कंपनी के खराब क्वालिटी कंट्रोल से परेशान हैं.
साल 2014 की बात है जब एक बहुत बड़ा बदलाव हुआ. बदलाव स्मार्टफोन की दुनिया में जहां एक ब्रांड में आहिस्ता से दस्तक दी. आमतौर पर ब्रांड लॉन्च से पहले बाकायदा ढोल बजाते हुए आते हैं मगर इस ब्रांड से ऐसा कुछ भी नहीं किया. हल्लु से अपना फोन लॉन्च किया वो भी ऑनलाइन. स्टोर वगैरा का कोई प्रबंध नहीं. इतना ही नहीं ऑनलाइन भी खरीदना हो तो रेफरेंस लगता था. मतलब फेल होने के पूरे चांस लेकिन हुआ इसके उलट. फोन का डिजाइन और उसका फ्रेश ऑपरेटिंग सिस्टम लोगों को पसंद आ गया. ब्रांड का नाम OnePlus.
OnePlus जिसमें अगले कुछ सालों तक कामयाबी प्लस होती रही. स्टॉक एंड्रॉयड वाले फोन को फ़्लैगशिप किलर कहा गया. मतलब वाजिब दाम में दूसरी कंपनियों को असल टक्कर देने वाला. मगर वो साल दूसरा था और ये साल दूसरा है. OnePlus में बहुत कुछ माइनस (OnePlus dead motherboard) हो रहा. अंदाजा आपने लगा लिया होगा कि हम क्या बात करने वाले हैं.
सॉफ्टवेयर-ग्रीन लाइन-मदरबोर्डहो सकता है कि आपको लगे कि जब दुनिया जहान में इस पर पिछले कई दिनों से बात हो रही है तो हम अब क्यों बता रहे. ऐसा नहीं है कि हमें इस बात की खबर नहीं थी कि OnePlus स्मार्टफोन में फिर बड़ी दिक्कत आई है. मगर हमें लगा इत्ती बड़ी कंपनी है. शायद संभाल लेगी. लेकिन अब परेशान लोगों का नंबर बहुत बढ़ गया है. आम यूजर से लेकर टेक एक्सपर्ट अपनी खीज जाहिर कर रहे. पानी सिर से ऊपर निकल गया तो हमें लगा बात करके ही प्लस माइनस का पता चल सकता है. हम बात करेंगे लेकिन पहले जरा कुछ एक्स पोस्ट पर नजर डालते.
ऐसा लगता है कि वनप्लस का क्वालिटी कंट्रोल ख़राब हो गया है, पहले हमारे पास स्क्रीन के साथ ग्रीन लाइन की समस्या थी (जो दूसरे ब्रांड्स के साथ भी हुई) अब उनके कई पुराने फ़ोनों में मदरबोर्ड की बड़ी समस्या है.
ये पोस्ट किया है जाने माने टेक एक्सपर्ट geekyranjit ने.
अलर्ट: वनप्लस यूजर्स- वनप्लस 9 सीरीज़ और 10 सीरीज़ के यूजर्स अगस्त अपडेट से बचें. इस अपडेट के बाद मदरबोर्ड फेल होने के कई केस सामने आ रहे हैं.
31 अगस्त का पोस्ट है जो एक और टेक एक्सपर्ट अशोक मोर ने पोस्ट किया है. चंदन नाम के एक और यूजर ने अपने साल 2022 के फोन के खराब होने का पूरा दर्द पोस्ट में बयान किया है.
इन सबसे इतर सबसे खास पोस्ट है OnePlusClub का. ये वनप्लस यूजर्स का एक ग्रुप है जहां इस ब्रांड को लेकर खूब बातें होती हैं. इस अकाउंट से 28 अगस्त को पोस्ट किया गया है जिसमें कंपनी ने OnePlus 9 और 10 प्रो मॉडल के मदरबोर्ड में आ रही दिक्कत को माना है.
ऐसे कई पोस्ट आपको सोशल मीडिया पर मिल जाएंगे. मतलब साफ है कि कुछ तो गड़बड़ है दया. पोस्ट के मुताबिक कई सारे वनप्लस फोन अपडेट के बाद या अचानक से बंद हो जाते हैं. मदरबोर्ड उड़ जाता है. मोबाइल का मदरबोर्ड खराब मतलब कहानी खत्म. यही वो जगह हैं जहां मास्टर IC लगी होती है, जो कि पूरे ही मोबाइल को ऑपरेट करती है. मदरबोर्ड में ही रैम और प्रोसेसर लगा होता है. डिस्प्ले, स्पीकर, टच से लेकर सारा का सारा काम मदरबोर्ड के द्वारा ही कंट्रोल किया जाता है. जो यही बंद तो फिर फोन बस पेपरवेट बनाने के काम ही आएगा. वैसे अब फोन का बंद होना कोई बड़ी बात नहीं. मतलब कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस खराब हो सकता है. असल दिक्कत इसकी सर्विस की है. यजुर मेहरा नाम के यूजर ने आपबीती बताई है.
उनके OnePlus 10 के मदरबोर्ड को बदलने का खर्चा 42000 रुपये है. जबकि नया फोन ही 45000 हजार में उपलब्ध है. रिपेयर का ये खर्च फोन के वारंटी में होने पर है. ऐसे में वारंटी खत्म होने के बाद क्या होगा. उसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है. अक्सर ऐसा कुछ होने पर हम कहते हैं कि जितने के ढोल नहीं उतने के मजीरे फूट गए. लेकिन यहां तो पूरा ढोल और मजीरे दोनों फूट गए हैं.
कई सारे मामले जब नजर आने लगे. यूजर्स खुलेआम कंपनी को कोसने लगे. वनप्लस के फोन नहीं खरदीने की बात कहने लगे तो कंपनी हरकत में आई. The Hindu की रपट के मुताबिक कंपनी रिपेयर का खर्च कम करने की बात कह रही है. मगर वनप्लस में गड़बड़ कोई नई बात तो है नहीं.
अभी भी गाहे-बगाहे कई यूजर्स डिस्प्ले के हरे हो जाने की पोस्ट शेयर करते हैं. पिछले दो सालों में ऐसी दिक्कतों की वजह से यूजर्स के मुंह लाल होने लगे थे तो कंपनी ने फोन बदलकर और कुछ पैसे देकर नए मॉडल में अपग्रेड करने का ऑप्शन दिया था. कंपनी के फोल्ड OnePlus Open में भी खूब दिक्कतें आईं. डेढ़ लाख के फोन ने जब खूब परेशान किया तो यूजर्स ने उसका नाम OnePlus Close तक रख दिया था. उसके पहले मतलब 21-22 के समय भी एंड्रॉयड अपडेट में पंगा हो रहा था. कंपनी अपडेट भेजती और फिर खुद ही अपडेट नहीं करने को बोलती. इतने बीच में जिन्होंने अपडेट कर लिया. वो परेशान होते रहे.
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अभी लग रहा था कि सब कुछ ठीक हो रहा तो तो सीधे मदरबोर्ड उड़ रहा. ऐसे में कंपनी पर और कंपनी के भविष्य पर सवाल उठना लाजमी है. कंपनी की 7 और 8 सीरीज ने मार्केट में ऐसा भौकाल मचाया था कि एक्सपर्ट कंपनी को एंड्रॉयड का नया बॉस कहने लगे थे. लेकिन इसी समय कंपनी की स्ट्रेटजी में बदलाव आया. वनप्लस 7 के पहले कंपनी साल के दो मॉडल ही लॉन्च करती थी लेकिन अब कई मॉडल साल भर में लॉन्च होने लगे. इतना ही नहीं वनप्लस 8 के साथ कंपनी ने मिडरेंज सेगमेंट के लिए Nord series भी लॉन्च की. शायद यहीं कुछ बदल गया क्योंकि Nord सीरीज के बाद कंपनी के को-फाउंडर Carl Pei ने कंपनी को छोड़ दिया. Carl Pei टेक दुनिया का बहुत बड़ा नाम हैं. वनप्लस छोड़ने के बाद उन्होंने Nothing ब्रांड बनाया. सिर्फ कुछ सालों में ये ब्रांड अपनी पहचान बनाने में काफी हद तक सफल रहा है. कहने का मतलब Carl Pei का जाना एक वजह हो सकती है. हालांकि ऐसा कई और ब्रांड के साथ होता है मगर वहां गड़बड़ नहीं होती. उदाहरण के लिए Apple, जहां स्टीव जॉब्स के जाने के बाद Tim Cook ने कमाल कर रखा है. बिल गेट्स के जाने के बाद माइक्रोसॉफ्ट और मजबूत हो गई है.
खैर जो भी हो. इसका सीधा असर कंपनी की बिक्री पर भी पड़ा है. IDC की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी की बिक्री में 2023 के मुकाबले 37 फीसदी की गिरावट है. मतलब कुछ सालों में कुछ भी प्लस तो नहीं दिखा. बल्कि बहुत कुछ माइनस भी हो गया है.
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