स्मार्टफोन हो रहा है गर्म या दिख रहा पॉप-अप का फव्वारा: कहीं हैकर्स के निशाने पर तो नहीं!
स्मार्टफोन हैकिंग आजकल साइलेंट तरीके से हो रही है!

भीड़भाड़ का सबसे ज्यादा फायदा किसको होता है. चोर उचक्कों से लेकर जेब कतरों को. मतलब मौकापरस्ती करने वालों को. कुछ ऐसा ही होता है हमारे एंड्रॉयड और आईफोन के साथ. कहने को तो दुनिया के सबसे एडवांस्ड डिवाइस हैं. करोड़ों की संख्या में मौजूद हैं और इसी संख्या का फायदा मिलता है हैकर्स को. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि हर सेकंड आपके और हमारे डिवाइस पर Malware से लेकर दूसरे कई वायरस का अटैक होता है. लेकिन Google और Apple का सिक्योरिटी सिस्टम अपने आप ही इनसे हमको बचा लेता है. फिर भी ये सायबर अपराधी नए नए तरीके खोज निकालते हैं आपके स्मार्टफोन में घुस जाने का. दिक्कत ये है कि आजकल सब बड़े साइलेंट तरीके से होता है. आपको खबर तब लगेगी जब ये कांड कर चुके होंगे. अब ऐसे में जरूरी हो जाता है अपने स्मार्टफोन में हो रहे छोटे-छोटे बदलावों पर नजर रखी जाए. छोटे छोटे लक्षण एक बड़ा संकेत हो सकते हैं.
स्मार्टफोन को बुखार तो नहींस्मार्टफोन के साथ भी कई बार कुछ ऐसा ही होता है. साधारण सा लगने वाला लक्षण, बहुत नॉर्मल लगने वाली बात आपके स्मार्टफोन के साथ कुछ बेहद अजीब होने का कारण हो सकती है. उदाहरण के लिए फोन का गरम होना. बहुत नॉर्मल लगेगा आपको. काश ऐसा होता. ऐसा नहीं है और इसको इग्नोर करने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
बात फोन के तापमान या गरम होने की है. चार्जिंग के समय, गेम खेलते समय या हाई रेजोल्यूशन वाली मूवी देखते समय फोन की सरफेस का गरम होना आम है. लेकिन जो ऐसा बार-बार हो रहा हो. फोन इस्तेमाल में नहीं हो और सरफेस गरम हो रही हो तो आपको सावधान होने की जरूरत है. दरअसल जब भी कोई मालवेयर आपके डिवाइस से जानकारी चुराने या आपके निजी डेटा में सेंध लगाता है तो फोन के प्रोसेसर पर एक्स्ट्रा फोर्स लगती है. नतीजा फोन होगा गरम. जब कभी ऐसा लगे तो सबसे पहले हाल-फिलहाल में डाउनलोड किये ऐप्स पर नजर मारिए. कुछ संदेह हो तो डिलीट करिए. जब बात नहीं बने तो रीसेट भी करिए.
बैटरी का दम निकलने लगेहीटिंग से जुड़ा हुआ तरीका. कुछ समय के इस्तेमाल के बाद आपको अंदाजा होता है कि आपके स्मार्टफोन की बैटरी कितनी चलती है. अब जो ऐसा नहीं हो. कहने का मतलब देर शाम खत्म होने वाली बैटरी अगर दोपहर होने से पहले हांफने लगे या दम तोड़ दे. तो समझ लीजिए. कोई बैठा है स्मार्टफोन के अंदर. जो आपके डेटा के साथ बैटरी भी चूस रहा है. ध्यान रहे फोन हो आईफोन या एंड्रॉयड. हैकर्स फेस वैल्यू पर काम नहीं करता.
फोन में उम्र से पहले आने लगें झुर्रियांआपको लगेगा ऐसा तो इंसान के साथ होता है. जी नहीं. आपके स्मार्टफोन को भी बुढ़ापा जल्दी आ सकता है. नए या कुछ महीनों चले फोन की परफॉर्मेंस कमजोर होने लगे तो खतरे की घंटी है. आजकल के स्मार्टफोन शानदार प्रोसेसर और तगड़ी रेम के साथ आते हैं. मतलब खूब चलते हैं. ऐसा नहीं हो रहा हो तो सबसे पहले एक रीस्टार्ट मारिए. हां जी एक रीस्टार्ट. सब ठीक तो कोई बात नहीं वरना क्या करना है वो आपको पता है. अगर ऐसा नहीं किये तो आपके लिए तो खुद को यंग बनाए रखने के कई नुस्खे मिल जाएंगे, लेकिन फोन का कछु नहीं हो पाएगा.
डेटा फुर्र होनामालवेयर और हैकर्स का खाना, एनर्जी का सोर्स, फ्यूल, जो नाम देना है....दे सकते हैं. वो है डेटा. अब डेटा आपके मोबाइल नेटवर्क का हो या वाईफाई का. जरूरत से ज्यादा खर्च होने लगे समझ लो कोई डेटाजीवी आपके स्मार्टफोन को खून चूसने आ गया है. मोबाइल डेटा खत्म होने पर तो नोटिफिकेशन मिल जाएगा. वाईफाई पर भी नजर बनाना बेहद जरूरी है. आजकल हर कंपनी का ऐप होता है. कभी-कभी हैलो बोल लीजिए.
पॉप-अप का फव्वाराब्राउज़िंग करते समय हौले से, किसी कोने से शालीनता से आते पॉप-अप किसे अच्छे नहीं लगते. कई बार अपने साथ काम की जानकारी भी लाते हैं. लेकिन इन पॉप-अप का फव्वारा फटने लगे. मतलब बाढ़ आ जाए तो समझ लेना. हैकर्स पार्टी मनाने आ गए हैं.
अब ऐसे किसी भी लक्षण का त्वरित इलाज जरूरी है. करना क्या हो वो आपको हमने कई बार बताया है. एंटी मालवेयर ऐप्स से लेकर Factory रीसेट मारने तक. इलाज कई हैं लेकिन सबसे पहले लक्षण पकड़िए.
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