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बिभव कुमार ने iPhone फॉर्मेट तो कर दिया, लेकिन Data अब भी निकल आएगा!

Bibhav Kumar के iPhone का Data रिकवर होगा कैसे. अगर होगा तो कितना होगा. करेगा कौन. क्या आईफोन का डेटा रिकवर हो सकता है. क्या CCTV फुटेज का डेटा वापस मिल सकता है. क्या एंड्रॉयड फोन का डेटा फिर से मिल जाता है. इतनी खबर पढ़कर अगर आप रिकवर होने जा रहे हैं तो जरा रिकवरी प्रोसेस भी जान लीजिए.

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According to sources, Bibhav Kumar, who was sent to five-day police custody, told the cops that he formatted his mobile phone in Mumbai due to some malfunction.
बिभव कुमार का आईफोन फॉर्मेट है?
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सूर्यकांत मिश्रा
20 मई 2024 (Updated: 20 मई 2024, 03:03 PM IST) कॉमेंट्स
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM, Arvind Kejriwal), iPhone, डेटा रिकवरी जैसे शब्द एक बार फिर चर्चा में हैं. हालांकि मामला इस बार उनके आईफोन का नहीं है बल्कि उनके पूर्व PA, बिभव कुमार (Bibhav Kumar) का है. बिभव कुमार को शनिवार, 18 मई को गिरफ्तार कर लिया गया था. उन पर AAP की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) से मारपीट करने के आरोप लगाए गए हैं. पुलिस का कहना है कि बिभव ने गिरफ्तार होने से पहले अपना फोन फॉर्मेट कर दिया था और डाटा डिलीट कर दिया था. 13 मई की CCTV फुटेज वाली पेन ड्राइव भी खाली थी.

ऐसे में एक सवाल उठना लाजमी है कि आखिर डेटा रिकवर होगा कैसे. अगर होगा तो कितना होगा. करेगा कौन. क्या आईफोन का डेटा रिकवर हो सकता है. क्या सीसीटीवी फुटेज का डेटा वापस मिल सकता है. क्या एंड्रॉयड फोन का डेटा फिर से मिल जाता है. इतनी खबर पढ़कर अगर आप  भी रिकवर होने जा रहे हैं तो जरा रिकवरी प्रोसेस भी जान लीजिए.

Smartphone: डेटा का अगर बैकअप है तो उसको रिकवर करना बहुत आसान है. कहने का मतलब अगर iCloud में बैकअप था जो अमूमन होता ही है तो उसको वापस पाने के लिए सिर्फ आईडी और पासवर्ड की जरूरत होगी. यही प्रोसेस एंड्रॉयड फोन के लिए भी लागू होता है. बैकअप अगर गूगल ड्राइव या संबंधित कंपनी के क्लाउड में है तो कोई दिक्कत ही नहीं. रही बात आईडी और पासवर्ड की तो हमने इसके बारे में विस्तार से बताया है. एजेंसियां और देश का कानून उसको ये सहूलियत देता है कि वो किसी भी सोर्स से इसका पता करवा सकती हैं.

ये भी पढ़ें: ED वाले खोल ही लेंगे अरविंद केजरीवाल का iPhone, Apple वाले भी कुछ नहीं कर पाएंगे?

अब मान लीजिए कि डेटा क्लाउड में नहीं है तो कई रिकवरी सॉफ्टवेयर मार्केट में उपलब्ध हैं. हालांकि जो फ्री वाले हैं वो काम के नहीं मगर जो पेड हैं वो काफी हद तक डेटा रिकवर कर सकते हैं. ऐसा इसलिए होता है कि अगर कोई चीज एक बार इंटरनेट की दुनिया में आ गई तो उसके कुछ निशान कहीं ना कहीं छूट ही जाते हैं. अब ये एक्सपर्ट पर है कि वो निशान पकड़ लेता है या नहीं. ये सॉफ्टवेयर यही करते हैं. इसलिए इनको डिवाइस स्कैन करने में कई बार घंटों लग जाते हैं.

CCTV: अगर रिकॉर्डिंग लोकल फ़ाइल मसलन DVR में सेव थी और उसको तोड़कर या जलाकर पूरी तरफ से खराब कर दिया गया है. वो डिस्क मिली ही नहीं तो फिर डेटा रिकवरी नहीं हो सकती. लेकिन अगर उस डेटा को किसी स्टोरेज डिवाइस में सेव किया गया है फिर भले उसको खाली कर दिया गया है तो एजेंसियों को कोई ज्यादा टाइम नहीं लगने वाला. ढेरों सॉफ्टवेयर हैं मार्केट में.

इन सबसे इतर एक दुनिया डार्क वेब वाली भी है. वहां तो कुछ भी असंभव नहीं बस पैसा बहुत लगेगा. 
  

वीडियो: क्या ED वाले खोल ही लेंगे अरविंद केजरीवाल का iPhone?

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