80 के दशक में संजय दत्त जवान हो रहे थे. ये वो दौर था जब संजय दत्त अपनी प्रोफेशनललाइफ (जो बस शुरू होने को थी) से ज़्यादा पर्सनल लाइफ को लेकर चर्चा में रहते थे.बाद में तो बहुत सी लड़कियां उनकी ज़िंदगी में आईं, लेकिन ये तब की बात है जब वोअकेले हुआ करते थे. उनके साथ सिर्फ नशा था, जो हर वक्त उनके सिर पर सवार रहता था.नशा भी दूसरे लेवल का सिर्फ शराब-सिगरेट नहीं. गांजा, ड्रग्स से लेकर हेरोइन तक. वोतकरीबन हर वक्त इसी में खोए रहते थे.