कभी खेलने के लिए की थी भूख हड़ताल, अब वर्ल्ड चैंपियनशिप से दो मेडल्स लाकर रच दिया इतिहास!
मेरठ की रूपल ने कोलंबिया में किया कमाल.

मेरठ से आने वाली रूपल चौधरी (Rupal Chaudhary) ने इतिहास रच दिया है. 17 साल की रूपल वर्ल्ड U-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बनीं हैं. कोलंबिया में चल रही वर्ल्ड U-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रूपल ने 400मीटर में ब्रॉन्ज़ मेडल अपने नाम कर लिया. रूपल ने 51.85 सेकंड में दौड़ खत्म कर ये मेडल अपने नाम किया.
इससे पहले उन्होंने 4*400 मीटर मिक्स्ड रिले टीम का सिल्वर मेडल भी जीता था. रूपल और इंडियन एथलीट्स ने तीन मिनट 17.76 सेकंड में ये रेस खत्म कर एक नया एशियन रिकॉर्ड भी बनाया था. रूपल के साथ इस टीम में श्रीधर, प्रिया मोहन और कपिल भी थे. यूएस की टीम ने इस इवेंट में गोल्ड अपने नाम किया. यूएस एथलीट्स की टीम ने तीन मिनट 17.69 सेकंड में ये रेस जीती.
विमेन 400 मीटर में ग्रेट ब्रिटेन की येमी मैरी जॉन ने गोल्ड अपने नाम किया. मैरी ने ये रेस 51.50 सेकंड में पूरी की. 51.71 सेकंड की टाइमिंग के साथ डमारिस मुतुंगा ने सिल्वर मेडल जीता.
रूपल 400 मीटर में मेडल जीतने वाली दूसरी भारतीय एथलीट हैं. इससे पहले 2018 में हिमा दास ने फिनलैंड में हुई वर्ल्ड U20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था. हिमा ने 51.46 सेकंड में रेस पूरी की थी. इंडिया के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा इस इवेंट में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट हैं. नीरज ने ये कारनामा 2016 में पोलैंड में हुई चैंपियनशिप्स में किया.
रूपल मेरठ से आती हैं. उनके पिता एक किसान हैं. 2021 में एक इंटरव्यू के दौरान रूपल ने न्यू इंडियन एक्सप्रेस से कहा था,
'मैं हमेशा से एक एथलीट बनना चाहती थी. और मैंने ये बात अपने पिता ओमवीर सिंह को 2016 में बताई. उन्होंने मुझे वादा किया कि नौंवी का एक्ज़ाम पास करने के बाद वो मुझे कैलाश प्रकाश स्टेडियम ले जाएंगे. शाहपुर जैनपुर गांव (जहां वो रहती हैं) से ये स्टेडियम 18 km दूर है. एक छोटे किसान होने के नाते उन्हें अपना वादा निभाने में दिक्कत हो रही थी. फिर मैंने भूख हड़ताल कर दी. तीन दिन जब मैंने कुछ नहीं खाया, तब मेरी मां ने पिताजी से ज़िद की और फिर उन्हें मुझे स्टेडियम लेकर जाना ही पड़ा.'
रूपल का ब्रॉन्ज़ इंडिया के लिए इस चैंपियनशिप्स में नौवां मेडल है. 2021 में केन्या के नैरोबी में हुए इस इवेंट में इंडिया ने तीन मेडल्स जीते थे, जिसमें दो सिल्वर और एक ब्रॉन्ज़ मेडल था.
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