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टीम इंडिया के बाद Uber का 'सिरदर्द' बने ट्रेविस हेड, लेकिन केस RCB ने किया है!

Travis Head टीम इंडिया के बाद अब कैब कंपनी Uber के लिए सिरदर्द बन गए हैं. उनकी पुरानी फ्रैंचाइज RCB ने Uber को कोर्ट में घसीट दिया है. एक विज्ञापन की वजह से.

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ट्रेविस हेड को लेकर UBER कंपनी मुश्किल में फंसी (फोटो: X/PTI)
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रविराज भारद्वाज
17 अप्रैल 2025 (Updated: 17 अप्रैल 2025, 07:59 PM IST) कॉमेंट्स
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ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटर ट्रेविस हेड (Travis Head) टीम इंडिया के बाद अब कैब कंपनी Uber के लिए सिरदर्द बन गए हैं. हेड की वजह से उनकी पुरानी फ्रैंचाइज RCB ने Uber को कोर्ट में घसीट दिया है. ये केस दिल्ली हाई कोर्ट में दायर किया गया है. पूरा मामला एक क्रिएटिव विज्ञापन से जुड़ा हुआ है. रॉयल चैलेंजर्स स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने आरोप लगाया है कि Uber के विज्ञापन में उनके लोकप्रिय नारे को गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया है. जिससे उनकी इमेज खराब हुई है.

दरअसल, Uber की तरफ से 5 अप्रैल को ‘बैडीज इन बेंगलुरु’ नाम से एक विज्ञापन रिलीज किया गया. इसमें सनराइजर्स हैदराबाद के स्टार प्लेयर ट्रेविस हेड को दिखाया गया. ये ऐड उबर मोटो बाइक टैक्सी सर्विस को प्रमोट करने के लिए था, जिसका नाम था 'हैदराबादी' कैंपेन. इसमें ट्रेविस हेड बैंगलोर के स्टेडियम में घुसते हुए दिखाए गए हैं. हेड वीडियो में एक साइनबोर्ड पर 'बैंगलोर vs हैदराबाद' के मैसेज को बदलकर 'Royally Challenged Bengaluru' लिखते हैं. फिर जब सिक्योरिटी उन्हें देख लेती है, तो वो उबर मोटो बाइक पर फटाफट भाग जाते हैं.

यूट्यूब पर ये ऐड देखते ही देखते छा गया. जबकि सोशल मीडिया पर भी ये काफी वायरल हुआ. रॉयल चैलेंजर्स स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के मुताबिक विज्ञापन में RCB का मजाक उड़ाते हुए उसे 'Royally Challenged Bengaluru” कहा गया है.  

Bar and Bench की रिपोर्ट के मुताबिक RCB की वकील श्वेताश्री मजूमदार ने कोर्ट में तर्क दिया कि विज्ञापन में ट्रेविस हेड द्वारा 'रॉयली चैलेंज्ड' लिखना आरसीबी के ट्रेडमार्क को बदनाम करता है. इसके अलावा RCB की वकील ने दलील दी कि RCB के फेमस स्लोगन 'ई साला कप नमदे' को बिना परमिशन यूज करना गलत है. RCB के मुताबिक इस स्लोगन से टीम और फैन्स दोनों का इमोशनल कनेक्शन है. ऐसे में इस विज्ञापन से RCB के फैंस काफी आहत हुए हैं. RCB की तरफ से विज्ञापन को हटाने की मांग की गई.

Uber ने क्या दलील दी?

वहीं, उबर की तरफ से दलील दी गई कि ये ऐड तो बस मजाकिया तौर पर बनाया गया था. कंपनी के मुताबिक इसका मकसद बैंगलोर के ट्रैफिक की समस्या को उजागर करते हुए उबर मोटो को तेज विकल्प के रूप में दिखाना था. उबर के तरफ से दलील दी गई कि विज्ञापन में RCB के ट्रेडमार्क का सीधा उपयोग नहीं किया गया, बल्कि यह एक मजाक था. जिसका मकसद यह दिखाना था कि सनराइजर्स हैदराबाद 13 मई को होने वाले मैच में RCB को 'रॉयली चैलेंज' करेगा. उबर ने कोर्ट से कहा कि क्रिएटिव फ्रीडम को रोका न जाए. उन्होंने कोर्ट को बताया कि ऐड 10 दिन पहले रिलीज हुआ था, अब इसे हटाना ठीक नहीं होगा.

मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस सौरभ बनर्जी ने पहले उबर को सजेस्ट किया कि वो इस ऐड को हटा दें या फिर चेंज कर दे. सुनवाई की शुरुआत में जस्टिस सौरभ बनर्जी ने कहा कि पहली नज़र में लगता है कि ऐड में कुछ तो गड़बड़ है, इसे चेंज करना पड़ेगा. लेकिन उबर के वकील ने रिक्वेस्ट की कि पहले उनकी बात पूरी तरह सुनी जाए. फिर कोर्ट ने दोनों पक्षों को करीब दो घंटे सुना और ऐड हटाने की RCB की रिक्वेस्ट पर अपना फैसला रिजर्व रखा.

वीडियो: मैच जीतने से पहले चहल ने हेड कोच पोंटिंग को क्या बताया था?

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