नहीं रहे ऋषभ पंत, शिखर धवन जैसे क्रिकेटर्स को बनाने वाले तारक सिन्हा
क्रिकेटर्स ने दिया 'उस्तादजी' को ट्रिब्यूट.

‘हमें भारी मन के साथ यह दुखद समाचार साझा करना पड़ रहा है कि सोनेट क्रिकेट क्लब के फाउंडर श्री तारक सिन्हा, दो महीने तक फेफड़ों के कैंसर से बहादुर लड़ाई लड़ने के बाद शनिवार की सुबह 3 बजे हमें छोड़ गए है. वह सोनेट क्रिकेट क्लब की जान रहे हैं जिसने भारत और दिल्ली क्रिकेट को इतने सारे बेहतरीन खिलाड़ी दिए हैं.’स्टेटमेंट में आगे कहा गया,
‘हम उन सभी को धन्यवाद देना चाहते हैं जो इस कठिन समय में उनके साथ रहे और उनके ठीक होने के लिए प्रार्थना की. हम जयपुर और दिल्ली के डॉक्टरों द्वारा किए गए प्रयासों की भी सराहना करना चाहते हैं जिन्होंने उन्हें बचाने के लिए तमाम कोशिशें की.तारक सर का गौरव उनके छात्र थे. और उन्हीं के सपोर्ट ने इस समय में उनको आगे बढ़ने की हिम्मत दी थी. वह इस लड़ाई के दौरान केवल युवा प्रतिभाओं को तैयार करने के बारे में सोच रहे थे. 70 साल की उम्र में भी वह मैदान पर उतरने और युवा क्रिकेटरों पर काम करने को लेकर उत्साहित थे.’अपनी बात खत्म करते हुए क्लब ने कहा,
‘वह अपनी अंतिम सांस तक अच्छे भाव में थे, यह विश्वास करते हुए कि वह अभी भी अपने पैरों पर खड़े हो सकते है. यह सोनेट क्लब में हम सभी के लिए एक भारी दिन है. क्रिकेट बिरादरी और सबसे महत्वपूर्ण उन छात्रों के लिए जिन्होंने हमेशा उन्हें एक गार्डियन के रूप में देखा है.’# स्टूडेंटस ने क्या कहा? बता दें कि कोच तारक सिन्हा ने इंटरनेशनल क्रिकेट में छाप छोड़ने वाले शिखर धवन, ऋषभ पंत, आकाश चोपड़ा, अंजुम चोपड़ा, नीतीश राणा, आशीष नेहरा जैसे कई खिलाड़ियों को तैयार किया है. उनके जाने के बाद आकाश चोपड़ा ने लिखा,
‘उस्ताद जी अब हमारे साथ नहीं है. द्रोणाचार्य अवार्डी. एक दर्जन से अधिक भारतीय टेस्ट क्रिकेटर्स और तमाम फर्स्ट क्लास क्रिकेटर्स के कोच. महिला और पुरुष दोनों. बिना किसी संस्थागत मदद के. भारतीय क्रिकेट के लिए आपकी सेवा को याद किया जाएगा सर. आपकी आत्मा को शांति मिलें. ओम शांति.’
अंजुम चोपड़ा ने लिखा,Ustaad Ji is no more. Dronacharya Awardee. Coach to over a dozen India Test cricketers. And scores of first-class cricketers. Both men and women. Without any institutional help. Your service to Indian cricket will be remembered, sir. May your soul R.I.P. Om Shanti 🙌🙏 pic.twitter.com/fDmvdJC8vZ
— Aakash Chopra (@cricketaakash) November 6, 2021
‘द कोच. तारक सिन्हा. सोनेट क्रिकेट क्लब की नर्सरी ने कई इंटरनेशनल और डॉमेस्टिक खिलाड़ियों (महिला और पुरुष) को पहचान बनाते देखा है. गाइड, मेंटर, कोच. आपकी आत्मा को शांति मिले सर. शुक्रिया. मेरे कोच.’
The Coach! Mr.Tarak Sinha. The nursery of Sonnet Cricket club has seen many international and domestic players (men and women) make their mark. The guide, mentor, coach … May you rest in peace sir. 🙏 Thank you 🙏 #MyCoach pic.twitter.com/mZZsMZ7tEf — Anjum Chopra (@chopraanjum) November 6, 2021स्पोर्ट्स से जुड़े दिग्गज जॉय भट्टाचार्य ने लिखा,
‘कहा जाता है कि तारक सिन्हा ने सेलेक्टर्स द्वारा सीके नायुडु ट्रॉफी के लिए सेलेक्टर्स द्वारा नज़रअंदाज किए जाने के बाद दिल्ली के लेजेंडरी सोनेट क्रिकेट क्लब की शुरुआत की. लेकिन वो उनके स्टूडेंट्स को इग्नोर नहीं कर पाए– मनोज प्रभाकर, अतुल वासन, रमन लाम्बा, आशीष नहरा, आकाश चोपड़ा, शिखर धवन, ऋषभ पंत और भी कई. आपकी आत्मा को शांति मिले, क्रिकेट गुरु.’
अपनी बात आगे बढ़ाते हुए जॉय ने लिखा,They say Tarak Sinha started Sonnet, the legendary Delhi cricket club, when selectors ignored him for the CK Nayudu trophy. But they couldn't ignore his students - Manoj Prabhakar, @cricketguru, Raman Lamba, Nehra, @cricketaakash, Shikhar, Rishabh & so many more! RIP cricket guru pic.twitter.com/e4qBKkZcxe
— Joy Bhattacharjya (@joybhattacharj) November 6, 2021
‘इस लिस्ट में निश्चित रूप से अंजुम चोपड़ा शामिल होनी चाहिए, उनकी स्टार स्टूडेंट्स में से एक. तारक ने महिला क्रिकेट के साथ बेहतरीन काम किया है.’
That list should certainly include Anjum Chopra, one of his star pupils. Tarak did some great work with women's cricket. Thanks for reminding me @ovshake42! — Joy Bhattacharjya (@joybhattacharj) November 6, 2021बता दें कि तारक सिन्हा को 2018 में द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था.