The Lallantop
Advertisement

सूर्यकुमार यादव को खेलने क्यों नहीं दे रहा BCCI?

सूर्या को टीम से ड्रॉप किया गया?

Advertisement
Suryakumar Yadav, SKY, BCCI, Team India
सूर्यकुमार ने अभी न्यूज़ीलैंड के खिलाफ़ सेंचुरी मारी थी (एपी फोटो)
24 नवंबर 2022 (Updated: 24 नवंबर 2022, 18:55 IST)
Updated: 24 नवंबर 2022 18:55 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

सूर्यकुमार यादव. इंडियन क्रिकेट टीम के नए धुरंधर. नए इसलिए क्योंकि सूर्या हाल ही में टीम इंडिया में आए हैं. और ऐसे आए हैं कि छा गए हैं. सूर्या के बल्ले से रन और उनके समर्थकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. कुछ ही वक्त पहले तक सूर्या को दया की नज़र से देख रहे क्रिकेट फ़ैन्स अब उन्हें गर्व से देखते हैं. तो वहीं कुछ फ्रिंज एलिमेंट्स ने भी इस भीड़ में जगह बना ली है.

ये कुछ ऐसा ही है जैसे डीसीपी आज़ाद के बुलाए कमांडोज की भीड़ में एक आतंकी घुस गया था. हालांकि आज़ाद सर काफी चतुर सुजान थे, उन्होंने अबाउट टर्न में उसे रॉन्ग टर्न दिला दिया. और फिर इमाम साहब निश्चिंत होकर आगे जा पाए. इसी तरह हम आज ट्राई करेंगे कि इन फ्रिंज एलिमेंट्स को अबाउट टर्न दिलाया जा सके.

# Suryakumar Yadav Dropped?

क्रिकेट, फुटबॉल या रग्बी जैसे गेम्स से थोड़ा कम, लेकिन ठीकठाक फिजिकल गेम है. और फिजिकल गेम है तो इसमें शरीर पर जोर भी पड़ेगा. और मानव शरीर एक हद तक ही जोर सह सकता है. क्योंकि इसकी अपनी लिमिटेशंस हैं. फौलादी शरीर कहने-सुनने में ठीक लगता है, लेकिन असल में तो ये बना खून-मांस-चमड़ी और हड्डियों से ही ना?

और ये सारी चीजें एक हद तक ही दबाव सह सकती हैं. इसीलिए शारीरिक श्रम करते वक्त हम बीच-बीच में ब्रेक लेते हैं. आराम करते हैं. और खुद को फिर नई चुनौती के लिए तैयार करते हैं. जिससे हम इस चुनौती को आसानी से मात दे सकें. क्योंकि शरीर फिट रहेगा तो बाकी चीजें तो होती ही रहेंगी. और इसी रास्ते चलते हुए दुनिया के तमाम क्रिकेट बोर्ड्स अपने प्लेयर्स को रोटेट करते रहते हैं.

बहुधा प्लेयर्स और फ़ैन्स इस रोटेशन का स्वागत ही करते हैं. लेकिन ये बात तो आम देशों की है. हम स्पेशल हैं. क्योंकि हमारे यहां क्रिकेट की सबसे ज्यादा समझ उन लोगों को होती है, जिन्होंने किसी लेवल पर कंपटिटिव क्रिकेट नहीं खेली. मुझे ट्रोल मत करिएगा, मैं हर हफ्ते कॉर्पोरेट खेलता हूं. लोल. खैर आगे बढ़ते हैं. सूर्यकुमार यादव बीते जून से भारत के हर टूर में खेले हैं.

इस साल जून के आखिरी हफ्ते से वनडे और T20I, दोनों फॉर्मेट में सूर्या हर टूर पर टीम इंडिया के साथ ही रहे. इस दौरान उन्होंने सिर्फ साउथ अफ्रीका के साथ हुई T20I सीरीज़ और ज़िम्बाब्वे के खिलाफ़ वनडे सीरीज़ ही मिस की. क्यों मिस की? क्योंकि IPL2022 के दौरान उन्हें हेयरलाइन फ्रैक्चर हुआ था. जिसके चलते वह कुछ वक्त तक क्रिकेट से दूर रहे थे. और ज़िम्बाब्वे के खिलाफ़ हमने अपनी बी टीम भेजी थी. इस चोट से वापसी के बाद वह लगातार खेल ही रहे हैं.

चोट से लौटने के बाद सूर्या ने पहले आयरलैंड के खिलाफ़ T20I सीरीज़ खेली. फिर इंग्लैंड के खिलाफ़ T20I और वनडे खेले. इसके बाद अगस्त में वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ़ T20I और वनडे खेले. इसके बाद वह एशिया कप में खेले. फिर ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के खिलाफ़ घर में हुई T20I सीरीज़ खेली. इसके बाद वर्ल्ड कप खेलकर लौटे. और फिर न्यूज़ीलैंड के खिलाफ़ T20I सीरीज़ खेली और अब वनडे सीरीज़ खेलेंगे.

# Suryakumar Yadav Rest

बीते पांच महीने में वह वनडे और T20I मिलाकर कुल 34 मैच खेल चुके हैं. जून से लेकर अब तक में किसी दूसरे भारतीय क्रिकेटर ने इतने मैच नहीं खेले. और इतना ज्यादा खेलने के बाद उन्हें आराम की जरूरत पड़ेगी ही. और ये जरूरत क्यों पड़ेगी? इसके लिए हमने बात की स्पोर्ट्स फिटनेस स्पेशलिस्ट डॉक्टर सरनजीत से. डॉक्टर सरनजीत ने हमें बताया,

'जहां तक खिलाड़ियों को रेस्ट देने की बात है. इसके दो-तीन कारण हो सकते हैं. अगर उनकी फिटनेस की बात की जाए तो ये जरूरी नहीं होता है कि खिलाड़ी अच्छा परफॉर्म कर रहा हो, तो उसे बार-बार खिलाते रहना चाहिए. क्योंकि उनकी जो फिजिकल कंडीशन होती है. जिसकी वजह से उनका फिटनेस लेवल कम होता है. उसे बढ़ाने के लिए कई बार खिलाड़ियों को रेस्ट कराया जाता है.

कई दफ़ा उन्हें एक्टिव रेस्ट भी कराया जाता है. एक्टिव रेस्ट मतलब फुटबॉल खेलने या स्विमिंग करने जैसे काम. इससे फायदा ये होता है कि उनकी रिकवरी बहुत तेज होती है. रिकवरी का मतलब सिर्फ इंजरी से होने वाली रिकवरी नहीं है. रिकवरी का मतलब ये है कि अगर आपने बहुत ज्यादा खेल लिया, जिसके चलते हमारे शरीर में जो बायोलॉजिकल बदलाव आते हैं, उनसे रिकवर करना.

आपने देखा होगा कि विराट कोहली कई बार बर्फ भरे टब में बैठ जाते हैं. वो भी रिकवरी का एक तरीका है. इससे रिकवरी फास्ट हो जाती है. इस तरीके की चीजें उनसे कराई जाती हैं जिससे नेक्स्ट टाइम वो आएं तो बेहतर कर पाएं. इसलिए प्लेयर्स को रेस्ट कराना जरूरी होता है. ये जरूरी नहीं है कि वो जब तक इंजर्ड ना हों तब तक उनको रेस्ट की जरूरत नहीं है. ऐसा नहीं है.'

और जाहिर तौर पर सूर्या को ड्रॉप नहीं किया गया है. बांग्लादेश के खिलाफ़ खेलने जा रहे सीनियर्स को देखेंगे तो इनमें से ज्यादातर ब्रेक पर थे. कुछ सेलेक्शंस पर आप आपत्ति जाहिर कर सकते हैं. लेकिन आपको ये भी देखना होगा कि हर टीम एक पूल बनाकर चलती है. इस पूल में 20-30 प्लेयर्स को रखा जाता है. और फिर इन्हीं में से आखिरी 16 खिलाड़ी चुने जाते हैं.

और अक्सर ही इन 16 में से 8-10 की जगह ऑलरेडी पक्की होती ही है. और आप निश्चिंत रहिए, सूर्या इन पक्के लोगों में से एक हैं. क्योंकि किसी भी सेलेक्शन पॉलिसी में तमाम खामियां हो सकती हैं, लेकिन इतना मूर्ख कोई नहीं है कि प्रचंड फॉर्म में चल रहे अपने सबसे बड़े मैच विनर को अहम सीरीज़ या टूर्नामेंट में जगह ना दे.

वनडे वर्ल्ड कप में इंडिया क्वॉलिफाई कर ही चुका है. किसी तरह का लोड है नहीं तो अब बेंच स्ट्रेंथ और फॉर्म से जूझ रहे प्लेयर्स को मौके देना ही आइडल है. और हर असोसिएशन यही करता है. सही कर रहे हैं तो करने दीजिए ना, गलत करेंगे तो हम बैठे ही हैं यहां हिसाब लेने को. आप बस सपोर्ट करिए और चिल रहिए.

सूर्यकुमार यादव की तारीफ करते हुए क्या बोल गए सूर्यकुमार यादव?

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

Advertisement

Advertisement