वो पाकिस्तानी बोलर जो किसी बल्लेबाज से नहीं, अपनी चोटों से हारा
कहानी उमर गुल की.
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Pakistan के 2009 T20 World Cup Champion बनने में Umar Gul का बड़ा रोल था (AFP)
उमर गुल. जिनके बारे में क्रिकेट की बाइबल ने बीते बरस लिखा था- एक ऐसा नाम जो अब सुनाई नहीं देता. कई सालों से इंटरनेशनल क्रिकेट से दूर. इतिहास गुल को कैसे याद रखेगा? उन्होंने वसीम या वक़ार की तरह दुनिया में तहलका नहीं मचाया. न ही वह अख्तर की तरह डरावने थे. गुल ने आसिफ की तरह किसी को अपने वैभव में नहीं जकड़ा, न ही आमिर की तरह वह कम उम्र में ही दुनिया पर छा गए. लेकिन इसके बाद भी गुल ने क्रिकेट के छोटे फॉर्मेट्स में महानता का शिखर छुआ.
साल 2003 का वर्ल्ड कप. पाकिस्तान के लिए बहुत बुरा रहा. इसके बाद शुरू हुआ बदलावों का सिलसिला. इसी सिलसिले में गुल को टीम में एंट्री मिली. सिर्फ नौ फर्स्ट-क्लास मैचों के अनुभव वाले गुल ने शारजाह के फ्लैट ट्रैक्स पर अच्छा प्रदर्शन किया. गुल की लाइन-लेंथ और नई बॉल से आउटस्विंग कराने की क्षमता कमाल की थी.
# भारत का शिकार
ज्यादातर पाकिस्तानी प्लेयर्स की तरह गुल भी पहली बार भारत के खिलाफ ही सुर्खियों में आए. 2004 के लाहौर टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने सिर्फ 31 रन देकर पांच विकेट ले डाले. ये गुल के करियर का पांचवां टेस्ट था. इससे पहले के चार टेस्ट मैचों में उन्होंने 19 विकेट लिए थे. लेकिन ये पांच विकेट खास थे. विरेंदर सहवाग, राहुल द्रविड़, सचिन तेंडुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और पार्थिव पटेल एक ही पारी में इन पांचों को आउट करना आसान थोड़े था.यहां से शुरू हुए गुल अपने करियर में सिर्फ चोटों के आगे रुके. और चोटों ने उनका पीछा कभी छोड़ा नहीं. इसी टेस्ट के बाद गुल लगभग दो साल तक पाकिस्तानी टीम से बाहर रहे. इस टेस्ट के तुरंत बाद गुल की पीठ में तीन स्ट्रेस फ्रैक्चर का पता चला. लंबे वक्त तक चले इलाज के बाद अप्रैल, 2004 में भारत के खिलाफ खेलने वाले गुल ने फरवरी, 2006 में भारत के ही खिलाफ हुए वनडे मैचों से पाकिस्तानी टीम में वापसी की.#OnThisDay in 2004, Pakistan beat India by 9 wickets in 2nd Test at Lahore, @mdk_gul was the star of the show for picking his maiden Test five wicket haul 5/31 in 1st inn and 1/65 in 2nd inn & named man of the match.#PAKvIND #UmarGul #Cricket #KhelShel #Pakistan #Lahore #India pic.twitter.com/dZl2dQmRL1
— Khel Shel (@khelshel) April 8, 2019
# चमके और फिर गायब
2007 तक आते-आते गुल लिमिटेड ओवर्स की क्रिकेट में दुनिया के बेस्ट बोलर्स में शामिल हो चुके थे. 2007 के T20 वर्ल्ड कप में उन्होंने सबसे ज्यादा विकेट लिए. IPL में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए कमाल का प्रदर्शन किया. फिर 2009 के T20 वर्ल्ड कप में एक बार फिर से लीडिंग बोलर रहे. इन दोनों T20 वर्ल्ड कप में गुल ने 26 विकेट लिए थे. सिर्फ 12.03 की ऐवरेज से लिए गए इन विकेट्स ने उन्हें सबसे ज्यादा विकेट्स के मामले में बाकी बोलर्स से आगे रखा. पाकिस्तान ने अगर पहले दोनों T20 वर्ल्ड कप का फाइनल खेला तो इसका पूरा श्रेय गुल को जाता है. 2007 में भारत से हारने के बाद जब पाकिस्तान 2009 का T20 वर्ल्ड कप जीता तो यह गुल की मेहनत को मिले ईनाम जैसा था. गुल 2011 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के सबसे सफल बोलर थे.इसके बाद घुटने की चोट ने उनके करियर पर काफी बुरा असर डाला. ऑस्ट्रेलिया में हुए ऑपरेशन के बाद वह पाकिस्तानी टीम में टिक नहीं पाए. गुल ने अपना आखिरी टेस्ट 29 साल की उम्र में, 2013 में खेला. हालांकि वनडे टीम में वह 2016 तक आते-जाते रहे लेकिन यह गुल उस गुल की परछाईं भी नहीं थे जो अपनी यॉर्कर और एक्यूरेसी के लिए मशहूर था. गुल ने पाकिस्तान के लिए 47 टेस्ट, 130 वनडे और 60 T20 मैच खेले. इन मैचों में उन्होंने 163, 179 और 85 विकेट्स लिए.Highest wicket taker in World Cup T20 2007 and 2009 ☑️ First bowler to take 5 wicket haul in T20I ☑️ 4th highest wicket taker in T20I ☑️ Happy birthday @mdk_gul#Cricket #Pakistan #Birthday #T20Specialist #UmarGul #Peshawar #PCB pic.twitter.com/00OgyPzOZC
— Khel Shel (@khelshel) April 13, 2020
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