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किस टीम के लिए 1998-99 का सपना पूरा करने का वक्त आ गया?

दूसरे सेमीफाइनल से मुंबई ने फाइनल तक का रास्ता पूरा किया.

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Madhya Pradesh cricket team
मध्य प्रदेश की टीम (Courtesy: BCCI)
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पुनीत त्रिपाठी
18 जून 2022 (Updated: 18 जून 2022, 08:48 PM IST) कॉमेंट्स
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19 अप्रैल 1999 की सुबह. मध्य प्रदेश क्रिकेट टीम ने एक सपना देखा. पहली बार रणजी ट्रॉफी जीतने का सपना. भारत में सबसे बेहतरीन क्रिकेट खेलने वाले राज्यों में से एक बनने का सपना. क्रिकेट के नक्शे पर अपनी छाप छोड़ने का सपना. लेकिन 23 अप्रैल 1999 आते-आते वो सपना टूट गया. क्योंकि उस साल फाइनल में पहुंची मध्य प्रदेश की टीम को कर्नाटका ने हराकर ट्रॉफी अपने नाम कर ली.

23 साल बाद एक बार फिर मध्य प्रदेश क्रिकेट की आंखों में वो सपना है. फाइनल में उतरकर रणजी ट्रॉफी अपने नाम करने का. क्योंकि सेमीफाइनल मुकाबले में मध्य प्रदेश ने दो बार की चैम्पियन बंगाल को हराकर फाइनल में जगह पक्की कर ली है.  

सेमीफाइनल में क्या हुआ?

सेमीफाइनल मुकाबले में मध्य प्रदेश ने बंगाल की एक नहीं चलने दी. पहली पारी में मध्य प्रदेश ने 341 रन बनाए. हिमांशु मंत्री ने 165 रन की शानदार पारी खेली. जवाब में बंगाल के लिए शाहबाज़ अहमद और मनोज तिवारी ने सेंचुरी जड़ी. लेकिन बंगाल की पारी 273 रन पर ही सिमट गई. कुमार कार्तिकेय, पुनीत दाते और सारांश जैन ने तीन-तीन विकेट लिए.

मध्यप्रदेश को पहली पारी के आधार पर 68 रन की अहम बढ़त मिल गई थी. दूसरी पारी में मध्य प्रदेश के लिए कप्तान अदित्य श्रीवास्तव ने 82 रन बनाकर टीम को 281 रन तक पहुंचाया. यानि बंगाल के सामने लक्ष्य 350 रन.

350 रनों का पीछा करते हुए पूरा जिम्मा बंगाल के कप्तान उठाया. अभिमन्यु ईश्वरन ने 78 रन बनाए. लेकिन दूसरे छोर से किसी ने उनका साथ नहीं निभाया. शाहबाज़ अहमद ने एक छोटी सी पारी खेली लेकिन वो इस बड़े स्कोर के सामने नाकाफी थी.

बंगाल की पारी को ढहाने का काम किया 24 साल के स्पिनर कुमार कार्तिकेय ने. कार्तिकेय ने दूसरी पारी में बंगाल के पांच विकेट लिए और मैच खत़्म कर दिया.

इस मुकाबले को जीत मध्यप्रदेश अब फाइनल में है. लेकिन उनके लिए आगे का रास्ता और भी खतरनाक है. बंगाल तो सिर्फ ट्रेलर था. फाइनल में MP का सामना मुंबई से है. रणजी ट्रॉफी के इतिहास की सबसे सफल टीम. क्योंकि रणजी ट्रॉफी में कोई भी टीम मुंबई के आसपास भी नहीं है. मुंबई ने 41 बार इस ट्रॉफी पर अपना कब्ज़ा जमाया है.

मुंबई इस सीज़न भी उसी पुराने अंदाज़ में नज़र आ रही है. उत्तर प्रदेश के साथ खेला गया सेमीफाइनल का मैच ड्रॉ रहा. पहली पारी में उत्तर प्रदेश पर लीड के दम पर मुंबई फाइनल में पहुंची है. मुंबई के लिए यशस्वी जायसवाल, हार्दिक तमोरे, अरमान जाफर और पृथ्वी शॉ ने शानदार बैटिंग की. वहीं गेंदबाज़ी में तुषार देशपांडे और तनुश कोटियन ने अपना काम किया है.

अब देखना होगा कि रणजी ट्रॉफी चैम्पियन टीम मुंबई के खिलाफ अपने पहले टाइटल का इंतज़ार कर रही मध्य प्रदेश की टीम कैसा खेल दिखाती है. 23 साल बाद मध्य प्रदेश फिर से उसी स्टेडियम में रणजी जीतने का सपना देख रही है. फर्क सिर्फ इतना है कि 1999 में उसके सामने कर्नाटक की टीम थी. अब मुंबई है.

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