ब्रेंडन मैकुलम ने मांगी मुरलीधरन से माफ़ी
एमसीसी स्पिरिट ऑफ़ क्रिकेट में लेक्चर दिया ब्रेंडन मैकुलम ने. बीती बातों पर बात की. मुरली से माफ़ी मांगी, ह्यूज़ को याद किया.
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फोटो - thelallantop
बड़े लोग बड़े मौकों पर कुछ ऐसा कहते हैं, जो वे कभी नहीं कह पाए होते हैं. न्यूज़ीलैंड की तरफ से क्रिकेट के तीनों फॉर्मैट में झंडाबरदारी कर चुके ब्रैंडन मैकुलम ने भी MCC स्पिरिट ऑफ क्रिकेट लेक्चर में कुछ ऐसी बातें कहीं.
मैकुलम ने मुरलीधरन को 10 साल पहले गलत तरीके से आउट करने पर खेद जताया. यह 2006 की बात है. श्रीलंका की टीम न्यूजीलैंड के दौरे पर थी. 7 दिसंबर से पहला टेस्ट शुरू हुआ. पहली पारी में श्रीलंका ने 154 रन बनाए और न्यूज़ीलैंड ने 206 रन बनाए. श्रीलंका की दूसरी पारी में 9 विकेट गिर चुके थे. एक तरफ संगक्कारा टिके थे और दूसरी तरफ मुरलीधरन थे. संगकारा ने एक रन लेकर अपनी सेंचुरी पूरी की और दूसरी तरफ से मुरलीधरन उन्हें बधाई देने के लिए वापस लौट पड़े. तब तक गेंद मैकुलम के पास पहुंची. मैकुलम ने गिल्लियां बिखेरकर अपील कर दी. अंपायर ने आउट दे दिया और हर कोई हैरान था.
मैकुलम पहले भी मान चुके हैं कि उन्होंने गलत किया था, लेकिन इस तरह नहीं. उन्होंने कहा, 'अगर मैं वक्त को पीछे मोड़ सकता, तो उसे सही कर देता. हम खेल के नियमों के हिसाब से सही थे, लेकिन वह स्पिरिट के लिहाज़ से ठीक नहीं था. इसमें बहुत खास अंतर है, जिसे मैं कई सालों बाद महसूस कर रहा हूं.' मैकुलम ने मुरलीधरन और वहां मौजूद कुमार संगकारा से माफी भी मांगी.
मैकुलम ने ज़िक्र भले न किया हो, लेकिन उन्हें इस घटना से कुछ महीने पहले जिम्बाब्वे के एक खिलाड़ी को लगभग इसी तरह से आउट करने का भी खेद होगा. अगस्त 2005 के टेस्ट मैच में ब्लेसिंग माहवायर ने अंतरराष्ट्रीय मैच में पहली बार फिफ्टी पूरी की थी. रन लेने के बाद उन्हें बधाई देने के लिए क्रिस म्पोफू लौट पड़े और मैकुलम ने थ्रो लेकर बेल्स उड़ा दीं. वह आखिरी विकेट था.
मैकुलम ने फ़िलिप ह्यूज की मौत के बाद टीम में फैले दुख के बारे में भी बताया. उस वक्त पाकिस्तान पहला टेस्ट जीत चुका था, दूसरा टेस्ट ड्रॉ हो चुका था. सीरीज़ बराबर करने के लिए तीसरा टेस्ट न्यूजीलैंड के लिए जीतना बहुत जरूरी था.
तीसरे टेस्ट के पहले दिन पाकिस्तान के 280 रन पर 3 विकेट गिरे थे. दूसरे दिन खेल शुरू होने से पहले ह्यूज की मौत की खबर आ गई थी. पूरी टीम दुख में थी और किसी का भी खेलने का मन नहीं था. अंपायर और रेफरी से बात करके यह तय हुआ कि कम से कम उस दिन खेल नहीं होना है. रात में उन्होंने स्पोर्ट्स साइकॉलजिस्ट गिलबर्ट इनोका से बात की, फिर टीम को इकट्ठा किया. नतीजा था न्यूजीलैंड का 690 रन का स्कोर, जिसके बाद 80 रन और पारी की जीत मिली.
मैकुलम ने इस बात का भी अफसोस जताया कि जब उन्होंने क्रिस केर्न्स की तरफ से मैच फिक्सिंग का ऑफर मिलने पर ICC से शिकायत की, तो ICC का रवैया निहायत ही गैरपेशेवराना था और बाद में उनके बयान मीडिया में लीक हुए, जिसके बाद ICC से उनका भरोसा उठ गया. उन्होंने यह भी कहा कि लो विंसेंट ने फिक्सिंग में हिस्सेदारी के बारे में माना और बहुत कुछ बताया, इसके बदले में ECB ने उन पर 11 लाइफ बैन लगाया. यही नहीं, विंसेंट क्रिकेट से जुड़ा कुछ नहीं कर सकते थे, यहां तक कि दुनिया में क्रिकेट के किसी मैदान पर भी नहीं जा सकते थे. मैकुलम ने विंसेंट के साथ इसे ज्यादती माना.