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पाकिस्तान की परेशानी का लोड नहीं, ICC देकर ही रहेगा भारत को खूब सारा पैसा!

पाकिस्तान की नहीं सुनेगा ICC.

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ICC will give India 38.5 precent of its annual revenue as planned before
ICC ने रेवेन्यू शेयर में कई बातों का ध्यान रखा है, जिसमें कौन कितने पैसे कमाकर दे रहा है जैसी चीजें भी शामिल हैं (गेटी, एपी फाइल)
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सूरज पांडेय
9 जुलाई 2023 (Updated: 9 जुलाई 2023, 11:09 PM IST) कॉमेंट्स
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पाकिस्तान की तमाम कोशिशें बेकार होने वाली हैं. उनकी आपत्तियों को दरकिनार कर ICC भारत को सालाना रेवेन्यू से बड़ा हिस्सा देने की तैयारी कर रही है. डरबन में होने वाली सालाना बोर्ड मीटिंग में इसका अप्रूवल भी मिल जाएगा. साथ ही यहां वनडे के भविष्य और प्लेयर्स पर T20 लीग्स में भाग लेने पर कैप लगाने की तैयारी भी चल रही है.

इस मीटिंग में तमाम बातों पर चर्चा होगी और इनमें सालाना रेवेन्यू से भारत को मिलने वाले पैसे भी शामिल हैं. भारत को 2024 से 2027 तक हर साल ICC के कुल रेवेन्यू का 38.5 परसेंट यानी 19 अरब रुपये (230 मिलियन अमेरिकी डॉलर) मिलने वाले हैं.

ICCइस दौरान हर साल 600 मिलियन डॉलर की कमाई करेगी. और पाकिस्तान को इस बात से समस्या है. उन्हें भारत को मिलने वाली रकम बहुत ज्यादा लग रही है. लेकिन PTI का दावा है कि ICC इसे बिना किसी बवाल के पास करने वाली है. इस मालमे पर ICC के एक बोर्ड मेंबर ने PTI से कहा,

'देखिए, अगर कोई परसेंटेज के हिसाब से देखेगा तो रेवेन्यू डिस्ट्रिब्यूशन शायद गलत लगेगा. क्योंकि भारत को 38.5 परसेंट मिल रहा है. जबकि ECB को 6.89 और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को 6.25 परसेंट मिल रहा है. लेकिन लोगों को रेवेन्यू की मात्रा भी देखनी होगी. सभी मेंबर्स असोसिएशन को पिछले आठ साल की तुलना में काफी ज्यादा पैसे मिल रहे हैं. इसलिए ECB 16 मिलियन डॉलर की जगह 41 मिलियन डॉलर पाएगी.

जबकि असोसिएट नेशंस का हिस्सा भी 22 मिलियन डॉलर से बढ़कर 67 मिलियन डॉलर हो जाएगा. परसेंटेज की गिनती खेल में टीम्स के योगदान पर आधारित है. यह रैंकिंग्स, ICC इवेंट्स में परफॉर्मेंस और कमाई पर आधारित है. इसलिए, यह इस बात पर आधारित है कि बोर्ड्स खेल में क्या योगदान दे रहे हैं.'

इस मीटिंग में प्लेयर्स द्वारा अलग-अलग T20 लीग्स में भाग लेने पर कैप लगाने का भी प्लान बन रहा है. दुनियाभर में तमाम लीग्स शुरू हो रही हैं. और मेंबर्स देखना चाहते हैं कि क्या ये संभव है कि प्लेयर्स को एक निश्चित संख्या में ही लीग्स खेलने दी जाएं.

इस मामले में BCCI का रुख तो साफ है. वो अपने मौजूदा प्लेयर्स को किसी भी विदेशी लीग में नहीं खेलने देती. जबकि रिटायर प्लेयर्स के लिए भी कूलिंग ऑफ पीरियड आ रहा है. लेकिन बाकी बोर्ड्स के लिए चीजें इतनी आसान नहीं हैं. ट्रेंट बोल्ट और जेसन रॉय जैसे प्लेयर्स ऑलरेडी लीग्स को तरज़ीह देना शुरू कर चुके हैं. IPL फ्रैंचाइज़ अब प्लेयर्स को सालाना कॉन्ट्रैक्ट ऑफ़र करने का प्लान बना रही हैं. ऐसे में बोर्ड्स के लिए प्लेयर्स को रोकना आसान नहीं होगा.

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